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Ranji Trophy 2024 : पहली पारी में पिछड़ने के बाद विदर्भ का कमबैक,मध्य प्रदेश को हराकर रणजी ट्रॉफी के फाइनल में बनाई जगह


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नई दिल्लीः विदर्भ की टीम ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह पक्की कर ली है। टूर्नामेंट के पहले सेमीफाइनल में टीम का सामना मध्य प्रदेश से था। पहली पारी में बढ़त लेने के बाद भी मध्य प्रदेश की टीम सेमीफाइनल मुकाबला 62 रनों से हार गई। मैच के आखिरी दिन विदर्भ को चार विकेट जबकि एमपी को 93 रनों की जरूरत थी। 30 रन बनाने में ही चारों विकेट गिर गए और विदर्भ ने मुकाबले को अपने नाम कर लिया। विदर्भ का सामना अब फाइनल में 41 बार की चैंपियन मुंबई से होगा।

पहली पारी में एमपी 82 रनों से आगे

मैच की पहली पारी में मध्य प्रदेश के पास 82 रनों की बढ़त थी। एमपी की दमदार गेंदबाजी के आगे विदर्भ की पहली पारी सिर्फ 170 रनों पर सिमट गई थी। हिमांशु मंत्री के शतक की मदद से मध्य प्रदेश ने 252 रन बना दिए। एक समय टीम का स्कोर 218 रन पर 5 विकेट था। यहीं से विदर्भ ने वापसी की। 34 रन पर 5 विकेट लेने के बाद दूसरी पारी में अक्षय वाडकर की टीम ने 402 रन बना लिए। 17 रन पर दो विकेट गिरने के बाद यश राठौर के शतक और अमन मोखाडे के साथ कप्तान अक्षर के अर्धशतक ने टीम को 400 के पार पहुंचा दिया।

नहीं चला मध्य प्रदेश का मिडिल ऑर्डर

मैच की आखिरी पारी में एमपी के सामने जीत के लिए 321 रनों का लक्ष्य था। सलामी बल्लेबाज यश दुबे ने 94 और तीसरे नंबर पर उतरे हर्ष गवली ने 67 रन बनाकर शतकीय साझेदारी बनाई। टीम को दूसरा झटका 128 के स्कोर पर लगा। इसके बाद कोई बल्लेबाज लंबी पारी नहीं खेल पाया और लगातार विकेट गिरते रहे। अंत में टीम की पारी 258 रनों पर सिमट गई। यश ठाकुर और अक्षर वखाड़े ने 3-3 विकेट लिए।

बेकार गया मध्य प्रदेश के हिमांशु का शतक

इस दौरान मध्य प्रदेश के लिए आवेश खान ने घातक बॉलिंग की. उन्होंने 15 ओवरों में 49 रन देकर 4 विकेट लिए. कुलवंत और वेंकटेश अय्यर ने 2-2 विकेट लिए. मध्य प्रदेश ने पहली पारी में 252 रन बनाए. उसके लिए हिमांशु मंत्री ने शतक लगाया. उन्होंने 265 गेंदों में 126 रन बनाए. हालांकि उनका शतक टीम के काम न आ सका. इस दौरान विदर्भ के लिए उमेश यादव ने 3 विकेट लिए. यश ठाकुर को भी 3 विकेट मिले.

मध्य प्रदेश पर भारी पड़ा यश का शतक

विदर्भ ने पहली पारी खराब होने के बाद दूसरी पारी में वापसी कर ली. टीम ने ऑल आउट होने तक 402 रन बनाए. इस दौरान यश राठौर ने शतकीय पारी खेली. उन्होंने 200 गेंदों का सामना करते हुए 141 रन बनाए. यश की इस पारी में 18 चौके और 2 छक्के शामिल रहे. अक्षय ने कप्तानी पारी खेली. उन्होंने 139 गेंदों का सामना करते हुए 77 रन बनाए. इस दौरान 8 चौके लगाए. अमन ने 59 रनों का योगदान दिया. इसके जवाब में मध्य प्रदेश की टीम दूसरी पारी में 258 रन ही बना सकी. इस तरह उसे 62 रनों से हार का सामना करना पड़ा.

रणजी इतिहास में दूसरी बार हुआ ऐसा

रणजी ट्रॉफी के इतिहास में यह दूसरी बार है कि एक ही राज्य की दो टीमें फाइनल में पहुंची हैं. दोनों मौकों पर टीमें महाराष्ट्र राज्य से थीं. पहला 1971 का फाइनल था, जब बॉम्बे (मुंबई) ने महाराष्ट्र को हराया था और अब 2024 में विदर्भ और मुंबई के बीच खिताबी मुकाबला खेला जाना है.

विदर्भ की टीम ने मध्य प्रदेश को हराकर फाइनल में बनाई जगह

विदर्भ की टीम ने मध्य प्रदेश को हराकर रणजी ट्रॉफी के फाइनल (Ranji Trophy Final) में जगह बनाई. उसने सेमीफाइनल मुकाबला 62 रन से जीता. विदर्भ ने मध्य प्रदेश को जीत के लिए 321 रन का लक्ष्य दिया था. लेकिन मध्य प्रदेश की टीम 258 रन बनाकर ऑलआउट हो गई.

मुंबई ने तमिलनाडु को हराकर फाइनल में बनाई जगह

मुंबई ने तमिलनाडु को हराकर फाइनल में जगह बनाई है. अजिंक्य रहाणे की टीम मुंबई ने सेमीफाइनल मुकाबला पारी व 70 रन से हराया था. मुंबई की टीम 41 बार खिताब जीत चुकी है. वह इस टूर्नामेंट के इतिहास की सबसे कामयाब टीम है.

जीत के लिए मिला था 320 रन का लक्ष्य

मध्यप्रदेश की टीम पहली पारी तक विदर्भ से 82 रन की बढ़त लेने में कामयाब हुई थी. दूसरी पारी में यश राठौर की 141 रन की पारी के दम पर टीम ने 402 रन बनाए, जिससे मध्यप्रदेश को जीत के लिए 320 रन का टारगेट मिला. फाइनल में जगह बनाने के लिए टारगेट के पीछा करते हुए मध्यप्रदेश के ओपनर यश दुबे ने शानदार 94 रन की पारी खेली. हर्ष गावली ने भी 67 रन बनाकर टीम को जीत तक ले जाने की पूरी कोशिश की, लेकिन यश और हर्ष के आउट होने के बाद MP की बल्लेबाजी बिखर गई और टीम जीत के लक्ष्य के जवाब में 258 रन पर सिमट गई.

विदर्भ ने की शानदार वापसी

इस मैच में विदर्भ की टीम पहली पारी में मात्र 170 रन पर ही सिमट गई थी. इसके बाद दूसरी पारी में यश राठौड़ ने टीम 200 गेंदों में 141 रन की पारी खेल विदर्भ की मैच में वापसी कराई. टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज अक्षय वाडकर ने भी शानदार बल्लेबाजी करते हुए 77 रन जड़ दिए. इसके बड़ा टीम के गेंदबाजों ने मध्यप्रदेश को जल्द ऑलआउट कर विदर्भ को फाइनल में पहुंचाया. रणजी फाइनल मैच 10 मार्च से खेला जाएगा.

विदर्भ का फाइनल में मुंबई से होगा मुकाबला

बात करें फाइनल की तो इस बार आमने-सामने मुंबई और विदर्भ की है. ये दोनों टीमें एक ही राज्य महाराष्ट्र की हैं. रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सिर्फ दूसरी बार ऐसा होगा जब एक ही राज्य की टीमें फाइनल में टकराएंगी. इससे पहले ऐसा संयोग 1971 में बना था. इत्तफाक से तब भी फाइनल में महाराष्ट्र और मुंबई के बीच खेला गया था. तब फाइनल मुकाबला मुंबई (बॉम्बे) ने जीता था. अब देखना है कि इस बार मुंबई खिताब जीतता है या विदर्भ इतिहास बदलता है.

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