टाटा मोटर्स के होंगे हिस्से,कॉमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल्स बिजनेस को अलग करेगी टाटा
नई दिल्ली – Tata Motors ने सोमवार को कहा कि उसके बोर्ड ने कंपनी को दो अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों में विभाजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब कंपनी की ओर से पैसेंजर व्हीकल और कमर्शियल व्हीकल के अलग-अलग बेचा जाएगा। आइए, पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।
टाटा मोटर्स लिमिटेड के बोर्ड ने सोमवार (4 मार्च) को कंपनी के बिजनेस के ऑपरेशन को दो अलग-अलग एंटिटीज में बांटने यानी डीमर्जर की मंजूरी दे दी है। कंपनी अपने कॉमर्शियल व्हीकल्स और पैसेंजर व्हीकल्स बिजनेस को अलग करना चाहती है।कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज इंटीमेशन में कहा, ‘डीमर्जर 2022 की शुरुआत में किए गए PV और EV बिजनेस के सब्सिडियराइजेशन का एक लॉजिकल प्रोग्रेशन है। दोनों बिजनेस को मजबूत बनाने और हाईयर ग्रोथ हासिल करने के लिए डीमर्जर किया जा रहा है। डीमर्जर दोनों बिजनेस को अपनी-अपनी स्ट्रेटजी को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाएगा।’डीमर्जर के बाद एक एंटिटी में कॉमर्शियल व्हीकल बिजनेस और उससे जुड़े निवेश होंगे। जबकि दूसरी एंटिटी में PV, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, जैगुआर-लैंड रोवर और रिलेटेड इन्वेस्टमेंट समेत पैसेंजर व्हीकल्स बिजनेस होंगे।
यह विभाजन टाटा मोटर्स बोर्ड, शेयरधारकों, लेनदारों और नियामकों की मंजूरी के अधीन है। इसे एनसीएलटी स्कीम के जरिये लागू किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया 12-15 महीनों के भीतर पूरी होने की उम्मीद है। टाटा मोटर्स के कमर्शियल व्हीकल, पैसेंजर व्हीकल और जगुआर लैंड रोवर बिजनेस 2021 से ही अपने-अपने सीईओ के अधीन अलग-अलग काम कर रहे हैं। कंपनी ने बताया कि बेशक कमर्शियल व्हीकल और पैसेंजर व्हीकल बिजनेस के बीच सीमित कनेक्शन हैं। लेकिन, तीनों बिजनेस में कुछ ऐसी महत्वपूर्ण चीजें हैं जिनका कंपनी फायदा उठाना चाहती है।
चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘टाटा मोटर्स ने पिछले कुछ सालों में मजबूत वापसी की है। तीनों व्हीकल बिजनेस यूनिट्स अब अपने दम पर चल रही हैं और अच्छा कर रही हैं। यह डिमर्जर उन्हें बाजार के मौकों का बेहतर फायदा उठाने में मदद करेगा क्योंकि वे ज्यादा फोकस्ड और फ्लेक्सिबल होंगे।’उन्होंने आगे कहा, ‘इससे हमारे ग्राहकों के लिए बेहतर अनुभव, हमारे कर्मचारियों के लिए बेहतर ग्रोथ के मौके और हमारे शेयरहोल्डर्स के लिए ज्यादा वैल्यू पैदा होगी।’ तीसरी तिमाही में टाटा मोटर्स ने 7,100 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया, जो पिछले साल के मुकाबले 133% ज्यादा है। वहीं, रेवेन्यू 25% बढ़कर 1.11 लाख करोड़ रुपये हो गया।