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धीरूभाई को पहली नजर में पसंद आ गई थीं कोकिलाबेन,दोनों की लव स्टोरी का फिल्म गुरु से है कनेक्शन


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मुंबई – अंबानी परिवार इस वक्त खबरों में है। वजह है, अनंत-राधिका की शादी के प्री-वेडिंग कार्यक्रम। देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के बेटे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के प्री-वेडिंग कार्यक्रम शुक्रवार 1 मार्च से 3 मार्च तक गुजरात के जामनगर में हो रहे हैं। तैयारियां हो चुकी हैं और मेहमान पहुंच चुके हैं। अंबानी परिवार की तीसरी पीढ़ी के इस उत्सव पर जब सभी की निगाहें टिकी हैं, तब हम आपको परिवार की पहली पीढ़ी के सदस्य धीरूभाई अंबानी और कोकिला बेन की शादी की खूबसूरत स्टोरी से रूबरू कराते हैं।

अंबानी परिवार के सभी सदस्यों की लव स्टोरी बड़ी फिल्मी हैं

देश के मशहूर अंबानी परिवार के सभी सदस्यों की लव स्टोरी बड़ी फिल्मी हैं, जहां मुकेश अंबानी ने अपनी पत्नी नीता को शादी के लिए प्रपोज़ रेड लाइट पर गाड़ी रोक कर किया तो वहीं आनंद पीरामल ने ईशा अंबानी को घुटनों पर बैठकर शादी के लिए मनाया। कुछ ऐसी ही इंटरस्टिंग लव स्टोरी हैं धीरूबाई अंबानी और कोकिलाबेन कीं। चलिए आज हम आपको धीरूभाई अंबानी की लव स्टोरी के कुछ खूबसूरत किस्से बताते हैं जिनको सुनकर आप भी कहेंगे कि वाकई में धीरूभाई अंबानी सिर्फ अच्छे बिज़नेसमैन ही नहीं बल्कि एक अच्छे पति भी है…!

कोकिलाबेन ने इंटरव्यू अपनी लव स्टोरी का किया था खुलासा

रिलायंस इंडस्ट्रीज को शुरू करने वाले धीरूभाई की 2002 में हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी। उनके जाने के बाद ही कोकिलाबेन ने एक इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने अपनी जिंदगी के खास पलों को साझा किया…और पति धीरूभाई की खासियत भी बताई जिनसे वो काफी आकर्षित थी।

पहली नजर में पसंद आ गई थीं कोकिलाबेन

क्या आपको पता है कि अनंत के दादा धीरूभाई अंबानी की शादी किस तरह हुई थी? आपको बता दें कि धीरूभाई अंबानी रिलायंस उद्योग के संस्थापक थे। 6 जुलाई, 2002 को मुंबई में उनका निधन हो गया था। धीरूभाई अंबानी देश के प्रतिष्ठित बिजनेसमैन रहे। उन्होंने कोकिलाबेन से शादी रचाई। लेकिन, इस शादी में कुछ रुकावटें आईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 1955 की बात है, जब धीरूभाई अपने परिवार के साथ कोकिलाबेन को देखने गए थे। उन्हें तो कोकिलाबेन पसंद आ गई थीं, लेकिन कोकिलाबेन को वो बिल्कुल भी पसंद नहीं आए।

पत्नी को गिफ्ट देने और घूमाने के थे शौकीन

धीरूभाई को अपनी पत्नी को गिफ्ट करने और घूमाने का काफी शौक था जिसे वो पूरा भी किया करते थे। कोकिलाबेन को धीरूभाई का प्यार जताने का अंदाज़ बहुत पसंद था। दरअसल, कोकिला ने कभी भी जामनगर में कोई गाड़ी या कार नहीं देखी थी। एक दिन वो चोरवाड़ से अदेन शहर के लिए निकली, वहां पहुंचने से पहले उन्हें धीरूभाई का फोन आया, उन्होंने कहा- कोकिला मैंने तुम्हारे लिए एक गाड़ी ली है, मैं तुम्हें लेने आ रहा हूं, बताओं गाड़ी का रंग क्या होता? मैं बता दूं ‘It is black, like me’ धीरूभाई का यहीं प्यार भरा अंदाज उन्हें इम्प्रेस कर गया।

मां ने कोकिलाबेन से पूछा था ये सवाल

कहा जाता है कि बाद में जब कोकिलाबेन से उनके परिवार ने पूछा कि क्या तुम्हें लड़का पसंद है, तो उन्होंने जवाब दिया कि लड़का तो काला है। इसके बाद उनकी मां बोलीं कि लड़का तो काला है, लेकिन उसका नसीब काला नहीं है। बाद में धीरूभाई अंबानी की शादी कोकिलाबेन से हो गई और जैसा कि उनकी मां ने कहा था कि लड़के का नसीब काला नहीं है, वो सच साबित हुआ।

प्यार जताने का अंदाज था सबसे अलग

आपको शायद मालूम ना हो कि कोकिलाबेन को शादी से पहले अंग्रेज़ी नहीं आती थी क्योंकि उन्होंने गुजराती स्कूल से पढ़ाई की थी। मगर मुंबई में शिफ्ट होने के बाद वहां के माहौल में ढलना भी जरूरी थी जिसके लिए धीरूभाई ने कोकिलाबेन को अंग्रेज़ी सिखने को कहा। फिर कोकिला ने एक ट्यूटर से अंग्रेज़ी की शिक्षा ली।

तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते गए धीरुभाई

धीरूभाई अंबानी अपनी मेहनत और लगन की बदौलत धीरे-धीरे तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते गए और बाद में दुनिया के सबसे अमीर शख्सों की श्रेणी में आ गए। शेष इतिहास दुनिया के सामने है। कोकिलाबेन और धीरूभाई अंबानी के चार बच्चे- मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, नीना कोठारी और दीप्ति सल्गाओकर हुए।

कोकिलाबेन से करवाते थे सभी काम का शुभारंभ

धीरूभाई की एक खासियत थी कि वो अपनी पत्नी की इज्जत व कदर बहुत करते हैं। अपने हर नए काम में कोकिलाबेन को शामिल जरूर करते थे। यहां तक कि अपने सभी काम के शुभारंभ के लिए उन्हें ही साथ ले जाया करते थे। इतना ही नहीं, धीरूभाई तो अपने सभी काम, सभी प्रोजेक्ट कोकिलाबेन से सलाह लेकर ही आगे बढ़ाया करते थे।

कोकिलाबेन से सलाह लेते थे धीरूभाई

कहा जाता है कि धीरूभाई और कोकिलाबेन की शादी एक छोटे से समारोह में हुई। दोनों ने खुशहाल शादीशुदा जीवन जिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धीरूभाई अंबानी अपने किसी भी प्रोजेक्ट से पहले कोकिलाबेन की सलाह जरूर लिया करते थे.जब भी धीरूभाई को किसी नए शहर काम के लिए जाना होता था तो वो उस शहर की सारी जानकारी निकालने का काम पत्नी कोकिलाबेन को ही देते। वो अपने प्रोजेक्ट पर फोकस करते और कोकिलाबेन उस शहर से जुड़ी जानकारियां निकाल उन्हें देती। धीरूभाई ने अपने सभी काम में पत्नी को हमेशा साथ रखा। कोकिलाबेन का कहना है कि धीरूभाई ने भले बहुत ऊंचा मुकाम हासिल किया लेकिन कभी भी घंमड को अपने आड़े नहीं आने दिया, उनकी ये बात भी उन्हें काफी अच्छी लगती थी।

तरक्की के बावजूद भी नहीं था घमंड

खास बात है कि अगर कभी बाहर घूमने जाना होता था तो धीरूभाई अपने दोस्तों के साथ-साथ कोकिलाबेन को भी उनके दोस्तों को बुलाने के लिए कहा करते थे। वो अपने साथ-साथ उनकी खुशियों को भी पूरा ध्यान रखा करते थे। इतना ही नहीं, जब उन्होंने नया एयरक्राफ्ट लिया, तब भी उन्होंने कोकिलाबेन सभी दोस्तों को पार्टी दी।

फिल्म गुरु से है कनेक्शन

अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय की फिल्म ‘गुरू’ जो खास तौर पर धीरूभाई अंबानी और कोकिलाबेन के ऊपर आधारित है उसमें भी कई बातें नहीं बताई गई हैं। जैसे ये कि कोकिलाबेन अंबानी भी यमन में रहने गईं थीं। यही नहीं उनके बड़े बेटे यानि मुकेश अंबानी का जन्म भी यहीं हुआ था।

पहली कार की बात थी कुछ खास

जिस समय धीरूभाई ने पहली कार खरीदी थी उस समय कोकिलाबेन अंबानी चोरवाड़ (गुजरात) में ही थीं। वहां उन्हें धीरूभाई का खत मिला जिसमें लिखा था कि उन्होंने कार खरीद ली है और उस कार का रंग उनकी तरह ही काला है। कोकिलाबेन को अपने पति द्वारा लिखे खत की ये बात याद रही। जब कोकिलाबेन अदन पहुंची तो धीरूभाई उन्हें लेने कार में आए। जहां एक ओर वो चोरवाड़ में बैलगाड़ी से आईं थीं वहीं अदन में उन्हें कार में बैठने का मौका मिला।

कोकिलाबेन को पसंद था धीरूभाई के प्यार जताने का ये अंदाज़

कोकिलाबेन ने बताया था कि, हमें धीरूभाई का प्यार जताने का अंदाज़ बहुत पसंद था। उन्होंने बताया था कि, “एक बार मैं चोरवाड़ से अदेन शहर के लिए निकली। वहां पहुंचने से पहले धीरूभाई का फोन आया उन्होंने मुझे कहा कि कोकिला मैंने तुम्हारे लिए एक गाड़ी ली है। मैं तुम्हें लेने आ रहा हूं। बताओ गाड़ी का रंग क्या होगा? फिर थोड़ी देर में धीरूभाई ने कहा, ”मैं बता दूं- इट इज ब्लैक, लाइक मी।” कोकिला ने कहा था, उनके प्यार जताने का यही अंदाज़ उन्हें बहुत पसंद था। 

मायानगरी ने बदल दी जिंदगी

अदन के बाद धीरूभाई मुंबई आए। मुंबई में जो बदलाव देखने को मिले वो शायद ही कोकिलाबेन ने सोचे हों। रिलायंस की शुरुआत होने वाली थी। धीरूभाई और कोकिलाबेन की जिंदगी में बहुत कुछ हुआ। धीरूभाई हमेशा कोकिलाबेन को अपने साथ लेकर जाते। हर प्लांट के इनॉगरेशन में कोकिलाबेन साथ जाती थीं। भले ही कोकिलाबेन ज्यादा बोलती नहीं थीं, लेकिन जाती जरूर थीं।धीरूभाई कहते थे कि दुनियाभर के लोगों से मिलने से नॉलेज बढ़ती है और यही काम कोकिलाबेन करती थीं।

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