मां बनने वाली हैं Deepika Padukone,क्या आप जानते है मां बनने की सही उम्र क्या है?
मुंबई – बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पर बड़ घोषणा की है. उन्होंने अपनी प्रेग्नेंसी की घोषणा की है. नई यात्रा की घोषणा करने के लिए, दीपिका ने गुरुवार सुबह अपने इंस्टाग्राम पर बिब और जूतों के साथ एक प्यारी सी तस्वीर पोस्ट की है. तस्वीर में ये भी बताया गया है कि बच्चा सितंबर 2024 में आने वाला है. इस जोड़े की शादी को 6 साल हो गए हैं. दोनों ने 14 नवंबर, 2018 को इटली में शादी की थी. एक्ट्रेस की प्रेग्नेसी को लेकर कई दिनों से अटकलें सामने आ रही थीं. बाफ्टा में एक उपस्थिति के दौरान अभिनेत्री को साड़ी पहने हुए देखा गया, जहां उनकी प्रेग्नेंसी की बात सामने आई थी.
महिलाओं के लिए भी शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष
भारत में पुरुषों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष, जबकि महिलाओं के लिए 18 वर्ष हुआ करती थी. अब महिलाओं के लिए भी शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष वाला विधेयक पारित किया जा चुका है. शादी के लिए सही उम्र क्या होती है, इस सवाल पर तो खूब चर्चा होती रही है, लेकिन महिलाओं के लिए मां बनने की सही उम्र क्या है, इसको लेकर अपेक्षाकृत कम चर्चा होती है. सामान्यत: शादी होने के एक से दो सालों में दंपती फैमिली प्लानिंग कर लेते हैं. लेकिन वर्किंग वुमन के लिए इसमें थोड़ी दिक्कत आती है. इस फैसले में पति या पत्नी दोनों की भूमिका रहती है.
25 के बाद महिलाओं पर शादी के लिए दबाव
25 के बाद महिलाओं पर शादी के लिए इस तरह दबाव बनाया जाता है कि इसके बाद उनकी जिंदगी खत्म हो जाएगी और आसपास के लोगों की सिर्फ एक जिम्मेदारी हो जाती है आपकी शादी करवाना। अगर महिला 30 की है और सिंगल है तो आसपास के लोग आपको ये बताने में बिल्कुल भी देर नहीं करेंगे कि 30 के बाद आपकी जिंदगी खत्म और अगर आपने 35 की उम्र भी पार कर ली फिर आपसे कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। पर वास्तव में क्या है मां बनने की सही उम्र (right age to get pregnant), आइए एक एक्सपर्ट से जानते हैं।
20, 30 या 40? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं क्या है मां बनने की सही उम्र
किसी स्त्री को कब मां बनना है और कब हर हाल में बन ही जाना चाहिए, इस बारे में मासियां, चाचियां, भाभियां और बहनें कई सलाह देती हैं। पर क्या वाकई मां बनने की कोई आदर्श उम्र होती है, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं।ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि माना जाता है कि 30 के बाद महिलाओं में फर्टिलिटी कम हो जाती है जिससे बच्चा होने में दिक्कत आती है क्योंकि शादी का मतलब ही अप्रत्यक्ष तौर पर बच्चे पैदा करना होता है। तो क्या ये सच है कि 30 के बाद मां बनना मुश्किल हो जाता है।कई बार महिलाएं अपनी एजुकेशन, करियर, स्टेबिलिटी या सही साथी मिलने की वजह से शादी या प्रेगनेंसी में थोड़ा डिले करती है। क्योंकि पहले वो अपने आप को एक बच्चे के लिए तैयार करना चाहती है। तो जानते है कि क्या बढ़ती उम्र के साथ आपके मां बनने की उम्मीद कम हो जाती है।
क्या है मां बनने की सही उम्र?
डॉक्टर्स का कहना है कि मां बनने की सही उम्र 21 से 30 वर्ष के बीच की है. ‘गुंजन आईवीएफ वर्ल्ड’ की फाउंडर डॉ गुंजन गुप्ता कहती हैं कि करियर बनाने की चाह में अगर आप फैमिली प्लानिंग करने में बहुत देरी कर रहे हों, तो यह गलत है. आप सतर्क हों जाएं. कारण कि 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं को मां बनने में दिक्कतें आ सकती हैं.वह कहती हैं कि मां बनने के लिए महिलाएं अगर 35 साल या उससे ज्यादा उम्र का चयन करती हैं तो ऐसी स्थिति में बच्चे में अनुवांशिक गुण असामान्य होने की आशंका बढ़ जाती है. वहीं अपरिपक्व यानी कम उम्र में मां बनना और ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
प्री-मैच्योर डिलीवरी के खतरे
डॉ गुंजन कहती हैं कि 20 साल से कम उम्र में मां बनने पर दिक्कतें हो सकती हैं. 20 साल से कम उम्र में बच्चे पैदा करने पर बच्चे की ग्रोथ कम हो सकती है. ऐसी स्थिति में बच्चा समय से पहले भी पैदा हो सकता है. इसे प्री-मैच्योर डिलीवरी कहते हैं. ऐसी स्थिति में डिलीवरी के दौरान पोस्टपार्टम हेम्रेज (PPH) का भी हाई रिस्क होता है जो कि कई बार जानलेवा भी हो सकता है. डॉ गुंजन कहती हैं कि मां बनने की सबसे अच्छी उम्र 21 से 30 वर्ष के बीच है.
एंटी मूलरियन हॉर्मोन की भूमिका
फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉक्टर मीनाक्षी आर्या ने बताया कि महिलाओं के शरीर में एएमएच (एंटी मूलरियन हॉर्मोन) नाम का एक हॉर्मोन होता है. यह उस महिला के अंडे बनाने की क्षमता को दर्शाता है. उम्र बढ़ने के साथ शरीर में एएमएच हॉर्मोन की मात्रा कम हो जाती है और 30 की उम्र के बाद तो यह हॉर्मोन तेजी से कम होने लगता है.अगर इस हॉर्मोन की मात्रा कम हो गई है तो इसका मतलब है कि शरीर में अंडे बनने कम हो गए हैं. एक लड़की जब पैदा होती है तो उसके शरीर में लाखों अंडे होते हैं. 30 की उम्र तक आते आते यह केवल कुछ लाख तक ही रह जाते हैं, जबकि 40 की उम्र तक ये अंडे काफी कम या लगभग खत्म हो जाते हैं.
हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज का खतरा
एक अन्य एक्सपर्ट डॉक्टर गरिमा शर्मा कहती हैं कि 30 साल से ज्यादा उम्र होने पर अगर डिलीवरी होती है तो बच्चे में अनुवांशिक गुण असामान्य होने की आशंका बढ़ जाती है. उम्र बढ़ने के साथ ही अन्य बीमारियों के खतरे भी होते हैं. 30 के बाद हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज (मधुमेह) जैसी बीमारियों के रिस्क बढ़ने लगते हैं. इसके कारण प्रेग्नेंट होने में दिक्कतें आ सकती हैं.इन परिस्थितियों में अगर कोई महिला प्रेग्नेंट है तो बढ़े हुए हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज से गर्भपात का खतरा बहुत बढ़ जाता है. ऐसे में प्री टर्म बर्थ की भी आशंका रहती है. इसलिए महिलाओं को फैमिली प्लानिंग के लिए 21 से 30 वर्ष के बीच की उम्र तय रखनी चाहिए.
फर्टिलिटी रेट होता है कम
डॉ. प्राची ने बताया की 20 से पहले महिलाओं में फर्टिलिटी रेट बहुत अच्छा होता है और हर बार ट्राई करने पर कंसीव करने का चांस 25% होता है 30 के बाद यह गिर कर 20% हो जाता है और 35 के बाद इसमें काफी तेजी से गिरावट आती है।ये जानने के लिए हमने बात की बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ कंसल्टेंट डॉ. प्राची बिनारा से। उन्होंने बताया कि किसी भी लड़की का जन्म 1 से 2 मिलियन अंडे के साथ होता है। प्यूबर्टी तक पहुंचने तक इनकी संख्या गिर कर 3 लाख तक पहुंच जाती है। समय के साथ अंडों की संख्या और क्वालिटी में कमी आ रही है, और 30 के बाद अंडे की संख्या 1.8 से 2 लाख रह जाती है। उम्र बढ़ने के साथ अंडे की क्वालिटी और मात्रा दोनो में गिरावट आती है।
क्या हो सकती हैं प्रेगनेंसी में कॉप्लिकेशन
डॉ. प्राची के अनुसार बढ़ती उम्र के साथ प्रेगनेंसी में कंपलिकेशन का खतरा भी बढ़ सकता है जैसे मिसकैरेज का खतरा, बच्चे की शारीरिक रूप के बनावट में समस्या हो सकती है और आपकी नॉर्मल डिलीवरी के चांस भी कम हो जाते है। 20 से पहले मिसकैरेज का खतरा 7 से 8% होता है, 35 के बाद ये बढ़कर 30% हो सकता है और 42 की उम्र तक ये खतरा बढ़ कर 50% हो जाता है।
35 साल और उससे अधिक उम्र में गर्भवती होने का खतरा क्या है?
- गर्भावस्था में शुगर
- ब्लड प्रेशर
- समय से पहले बच्चे का जन्म
- डिलिवरी के बाद हैवी ब्लड लॉस
- जन्म के समय बच्चे का कम वजन
- सिजेरियन डिलिवरी की संभावना
- मिसकैरेज
- प्लेसेंटा प्रेविया
- डाउन सिंड्रोम
अन्य कारण भी हैं आपके गर्भवती होने की संभावनाओं को कम कर सकते हैं:
धूम्रपान
विकिरण और कीमोथेरेपी जैसे कैंसर का इलाज
पेल्विक इंफेक्शन
स्वस्थ गर्भावस्था के लिए इन चीजों को अपनाएं-
किसी भी औरत के लिए मां बनने एक अद्भुत एहसास हो सकता है. इस दौरान महिलाओं को स्वस्थ जीवन शैली विकल्प चुनने के लिए प्रेरित किया जाता है, ऐसे में कुछ चीजों का ध्यान जरूर रखना चाहिए-
-स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें
-धूम्रपान ना करें
-इस दौरान तनाव लेने से बचें
– जरूरी टीकाकरण कराएं
-जीवनशैली में बदलाव करें
-शराब के सेवन से बचें
यहां हैं वे तकनीक जो बढ़ती उम्र में भी बेबी प्लान करने की सुविधा देती हैं
डॉ. प्राची ने बताया कि साइंस और मेडिकल के इतना आगे बढ़ने के बाद कई तरह के विकल्प और उपाय मौजूद है जिससे आप आराम से 35 के बाद भी मां बन सकती है।
एग फ्रीजिंग (Egg Freezing)
एग फ्रीजिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें महिलाएं गर्भधारण करने वाले अंडों को फ्रीज करते हैं और जब वे पूरी तरीके से प्रेगनेंसी के लिए तैयार हो जाती हैं तब अंडों को निकालकर संग्रहित किया जाता है और उन्हें पिघला कर एक प्रयोगशाला में स्पर्म के साथ फर्टिलाइजेशन किया जाता है और भ्रूण को गर्भाशय में डाला जाता है.
एम्ब्रियो फ्रीजिंग (EMBRYO FREEZING)
एक या एक से अधिक भ्रूणों को भविष्य में उपयोग के लिए सुरक्षित रखने की प्रक्रिया। भ्रूण फ्रीजिंग में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन शामिल है, एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें एक महिला के अंडाशय से अंडे निकाले जाते हैं और भ्रूण बनाने के लिए प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ मिलाया जाता है। भ्रूण जमे होते हैं और बाद में उन्हें पिघलाया जा सकता है और एक महिला के गर्भाशय में रखा जा सकता है। एम्ब्रियो फ्रीजिंग एक प्रकार का फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन है।
स्पर्म फ्रीजिंग (SPERM FREEZING)
स्पर्म फ्रीजिंग एक ऐसी प्रक्रिया से है जिसमें पुरुष के स्पर्म को फ्रीज करके स्टोर किया जाता है। इसे सीमेन क्रायोप्रिजर्वेशन या स्पर्म बैंकिंग भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया से पुरुष के स्पर्म को जमा करके रखा जाता है ताकि बाद में जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके।