टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की याचिका की खारिज
नई दिल्ली – TMC नेता महुआ मोइत्रा ने फेमा से संबंधित मामलों की जानकारी मीडिया में लीक न करने की मांग दिल्ली हाईकोर्ट से की थी लेकिन कोर्ट ने उन्हें राहत नहीं दी है। बता दें शिकायतकर्ता का कहना था कि ईडी की कार्रवाई से पहले खबरें मीडिया में लीक हो जाती है। ऐसे में उनके मौलिक अधिकार का हनन होता है लेकिन उनकी याचिका खारिज हो गई।
मोइत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन
मोइत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने कहा था कि लंबित जांच से संबंधित संवेदनशील जानकारी उन्हें बताए जाने से पहले मीडिया में लीक होना भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित उनके अधिकारों के लिए हानिकारक है। दूसरी ओर ईडी ने आरोप से इनकार किया और कहा कि उसने जांच के संबंध में कोई प्रेस विज्ञप्ति नहीं दी है या मीडिया में कोई जानकारी लीक नहीं की है।याचिका में मीडिया घरानों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि मोइत्रा के खिलाफ सभी समाचार रिपोर्टिंग और प्रकाशन फेमा जांच के संबंध में ईडी द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुरूप हों। इसके अलावा, मोइत्रा ने प्रार्थना की थी कि याचिका के लंबित रहने के दौरान, ईडी और मीडिया घरानों को चल रही फेमा जांच से संबंधित किसी भी जानकारी को लीक करने, प्रकाशित करने या प्रसारित करने से रोका जाना चाहिए।
झारखंड हाईकोर्ट पहुंचे हेमंत सोरेन
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren News) ने शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट के समक्ष एक अर्जी दायर कर विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगी।इससे पहले सोरेन को रांची की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार से शुरू हुए विधानसभा के बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नेता सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था।सोरेन ने अपनी अर्जी में कहा कि विधानसभा में उनकी उपस्थिति महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई धन विधेयकों पर सदन में मत विभाजन होना है।ED ने सोरेन की अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए समय देने का अनुरोध किया जिस पर हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 26 फरवरी को तय की।