x
राजनीति

कमलनाथ का कांग्रेस से हुआ मोहभंग,क्या कमलनाथ भाजपा में शामिल होंगे?


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्लीः मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर राज्य की सियासत गर्म है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि कमलनाथ कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। ये अटकलें मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी संगठन में बदलाव के बाद शुरू हुईं। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले जीतू पटवारी को कमलनाथ की जगह प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके बाद से ही कमनलाथ को लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं थी। इन अटकलों को बीजेपी के मध्य प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बयान ने और तेज कर दिया। अब इन्हीं अटकलों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने विराम लगाने की कोशिश की है।

कमलनाथ के BJP में जाने के सवाल पर क्या बोले दिग्विजय?

यह पूछे जाने पर कि क्या कमल नाथ भाजपा में शामिल होंगे? कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘कल रात मेरी कमल नाथ जी से बातचीत हुई। वह छिंदवाड़ा में हैं। वो वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपना राजनीतिक करियर नेहरू-गांधी परिवार के साथ शुरू किया था। आप उस व्यक्ति से सोनिया गांधी और इंदिरा गांधी के परिवारों को छोड़ने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। और आपको उनसे ऐसी उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए।’

वीडी शर्मा ने कमलनाथ को दिया था ऑफर

बीजेपी के मध्य प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने 16 फरवरी को पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को बीजेपी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया, उन्होंने कहा कि अगर कमलनाथ के दिल में दर्द है तो सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने के लिए उनका स्वागत है। कांग्रेस ने राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण का बहिष्कार करके भगवान राम का अपमान किया।प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा था, ‘कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को खारिज कर दिया। कांग्रेस में ऐसे लोग हैं जो इससे नाराज हैं। कांग्रेस भगवान राम का अपमान करती है।कांग्रेस में ऐसे लोग हैं, जो लोग इससे आहत हैं। हमें लगता है कि उन्हें मौका मिलना चाहिए। आप जिसका नाम ले रहे हैं (कमलनाथ) भी अगर इससे आहत हैं तो उनका भी स्वागत है।’

कमलनाथ से हुई है मेरी बातः दिग्विजय सिंह

इस बीच मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के भाजपा में जाने के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मीडिया पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आप लोग जब तक सनसनीखेज खबरें नहीं देंगे, कौन देखेगा। दिग्विजय सिंह ने कहा, उनकी कल रात कमलनाथ से बात हुई थी। वे छिंदवाड़ा में हैं और जिस व्यक्ति ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत नेहरू-गांधी परिवार के साथ की हो, उस आदमी से आप उम्मीद कर सकते हैं कि वो कांग्रेस को छोड़कर जाएगा? दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ नेहरू-गांधी के परिवार के साथ उस समय खड़े थे, जब पूरी तत्कालीन जनता पार्टी और केंद्र की सरकार इंदिरा गांधी को जेल भेज रही थी। दरअसल, कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलों को तब बल मिला, जब उन्होंने छिंदवाड़ा में अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए। शनिवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं। छिंदवाड़ा में कमलनाथ का 14 फरवरी से 18 फरवरी तक का कार्यक्रम था। लेकिन कार्यक्रम को छोड़कर अचानक दिल्ली जाने के फैसले ने सियासी माहौल को गरमा दिया है।

इन कारणों से हुआ कांग्रेस से मोहभंग

वरिष्ठ पत्रकार ऋषि पांडेय अमर उजाला से चर्चा में कहते हैं कि कमलनाथ या नकुलनाथ का कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होना कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। क्योंकि अब तक कमलनाथ और कांग्रेस मध्यप्रदेश में एक दूसरे का पर्याय थे। विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद कमलनाथ की पार्टी में पूछ खत्म हो गई थी। बावजूद इसके वे प्रदेश अध्यक्ष पद की कुर्सी पर बने रहना चाहते थे। जब वे विदेश में थे, तब उनसे सलाह लिए बगैर ही पार्टी आलाकमान ने जीतू पटवारी को अध्यक्ष बना दिया। इससे भी वे नाराज चल रहे थे। चुनाव में मिली हार के बाद प्रदेश के सियासी गलियारों में राहुल गांधी के साथ कमलनाथ का तालमेल नहीं बैठना भी सुर्खियों में था। इसी बीच कमलनाथ ने राज्यसभा सीट के लिए सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी, लेकिन पार्टी ने अशोक सिंह को वहां से अपना उम्मीदवार बना दिया। इसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि कमलनाथ और कांग्रेस आलाकमान के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। 2020 में प्रदेश की कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद कमलनाथ कई मुद्दों पर भाजपा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की आलोचना करते थे। अब वही कमलनाथ सिंधिया के रास्ते पर चल रहे हैं। जिस पार्टी और जिस व्यक्ति के खिलाफ कमलनाथ ने पूरा चुनाव लड़ा, अपना तन-मन और धन लगाया। अब कमलनाथ खुद वहां जा रहे हैं।

सिंधिया के साथ संबंध हुए थे खराब, तो गंवा दी थी सीएम की कुर्सी

कमलनाथ 2018 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। उस समय सिंधिया और कमलनाथ दोनों ही कांग्रेस में थे और दोनों ने मिलकर बड़े पैमाने पर चुनावी अभियान चलाया और भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया था। लेकिन मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर दोनों के बीच खटास पैदा हो गई थी, क्योंकि राहुल गांधी ने कमलनाथ को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया था, लेकिन इसके बाद भी सिंधिया गुट के विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था, लेकिन सरकार चलाने के तौर-तरीकों को लेकर कमलनाथ और सिंधिया के बीच मन मुटाव हुआ और सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और उन्होंने अपने समर्थक विधायकों की मदद से कमलनाथ की सरकार गिरा दी थी।

क्या कांग्रेस से नाराज हैं कमलनाथ

ऐसा कहा जाता है कि कमलनाथ राज्यसभा सीट नहीं मिलने से नाराज हैं और पिछले साल के आखिर में पार्टी के विधानसभा चुनाव हारने के बाद से राहुल गांधी भी उनके विरोध में हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद कमलनाथ को पार्टी की मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया गया था और उनके स्थान पर जीतू पटवारी को जिम्मेदारी सौंप गई थी। मध्य प्रदेश से 163 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी और कांग्रेस को सिर्फ 66 सीट से संतोष करना पड़ा।

अब क्यों बीजेपी के लिए उमड़ा है कमलनाथ का प्रेम

कमलनाथ अब करीब 78 साल को हो चुके हैं। बीजेपी की पॉलिसी के हिसाब से 70 प्लस वाले नेताओं को पार्टी टिकट नहीं दे रही है। मगर छिंदवाड़ा को जीतने के लिए बीजेपी ने बड़ी पेशबंदी कर रखी है। वहां कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेता को प्रभार दिया गया है। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छिंदवाड़ा की सात सीट तो जीत ली मगर जीत का मार्जिन कम रहा। अब कांग्रेस उम्मीदवार को ब्रांड मोदी और राम मंदिर इफेक्ट से जूझना होगा। ऐसे में बेटे नकुलनाथ के लिए छिंडवाड़ा सेफ सीट बनाने के लिए कमलनाथ ने बीजेपी का रास्ता चुना है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कमलनाथ के लिए अभी छिंदवाड़ा के किले को बचाना जरूरी है। पांच साल बाद राजनीति की परिस्थिति बदल सकती है। तब तक के लिए इस सीट पर नाथ परिवार का कब्जा बना रहेगा।

वीडी शर्मा ने कमलनाथ को दिया था ऑफर

बीजेपी के मध्य प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने 16 फरवरी को पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को बीजेपी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया, उन्होंने कहा कि अगर कमलनाथ के दिल में दर्द है तो सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने के लिए उनका स्वागत है। कांग्रेस ने राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण का बहिष्कार करके भगवान राम का अपमान किया।

Back to top button