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उस प्लेग का मरीज, मिला ‘ब्लैक डेथ’ का मामला


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नई दिल्ली – अमेरिका पर एक महामारी का खतरा मंडरा रहा है. ओरेगॉन के अधिकारियों का कहना है कि बुबोनिक प्लेग का एक रेयर केस सामने आया है. जिसके बाद अंदेशा जताया गया है कि बैक्टीरिया शख्स में पालतू बिल्ली के जरिए पहुंचा है. हालांकि, उस शख्स का नाम और पहचान गुप्त रखी गई है. बताया जा रहा है कि उसका इलाज जारी है. बता दें कि डेसच्यूट्स काउंटी के हेल्थ ऑफिसर डॉ. रिचर्ड फॉसेट ने केस के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि उस शख्स और उसके पेट्स के सभी क्लोज कॉन्टैक्ट्स से संपर्क किया गया है और इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए दवाइयां दी गई हैं. शख्स जिस बीमारी की चपेट में आया है उसे बुबोनिक प्लेग कहते हैं.

ब्यूबोनिक प्लेग के मामले

पिछले हफ्ते ओरेगॉन राज्य के एक ग्रामीण इलाके में ब्यूबोनिक प्लेग नामक बीमारी का एक मामला सामने आया. ओरेगॉन राज्य संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के पश्चिमी हिस्से में स्थित है. यह प्रशांत महासागर के किनारे पर है. यह वही बीमारी है जिससे मध्यकालीन यूरोप में करोड़ों लोगों की मौत हुई थी. हालांकि आधुनिक युग में यह बीमारी बेहद दुर्लभ है. रिपोर्ट के अनुसार इस व्यक्ति को संक्रमण उसकी बीमार बिल्ली से हुआ था. तुरंत इलाज के बाद अब मरीज की हालत स्थिर है.

जानें क्यों कहा जाता है ‘काली मौत’

2024 में, डॉक्टर इस बीमारी का बेहतर इलाज करना जानते हैं और इसके फैलाव को रोक सकते हैं. आइए जानते हैं कि एक समय जिसे ‘काली मौत’ कहा जाता था, उसे अब कैसे ठीक किया जा सकता है.पहले यह बीमारी बहुत खतरनाक मानी जाती थी क्योंकि इसका इलाज नहीं था, लेकिन अब डॉक्टर इसे अच्छी तरह से जानते हैं और इसके इलाज के लिए दवाइयां उपलब्ध हैं. इसलिए, अगर समय पर पहचान और उपचार हो, तो इस बीमारी से बचा जा सकता है.

ब्यूबोनिक प्लेग के लक्षण क्या हैं?

तेज बुखार
मतली आना
कमजोरी
सिर दर्द
ठंड लगना
मांसपेशियों में दर्द

जानें क्यों कहा जाता है ‘काली मौत’

2024 में, डॉक्टर इस बीमारी का बेहतर इलाज करना जानते हैं और इसके फैलाव को रोक सकते हैं. आइए जानते हैं कि एक समय जिसे ‘काली मौत’ कहा जाता था, उसे अब कैसे ठीक किया जा सकता है.पहले यह बीमारी बहुत खतरनाक मानी जाती थी क्योंकि इसका इलाज नहीं था, लेकिन अब डॉक्टर इसे अच्छी तरह से जानते हैं और इसके इलाज के लिए दवाइयां उपलब्ध हैं. इसलिए, अगर समय पर पहचान और उपचार हो, तो इस बीमारी से बचा जा सकता है.

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