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दिल्ली शराब कांड: अरविंद केजरीवाल को ED ने भेजा 5वां समन,दो फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया


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नई दिल्लीः दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित घोटाले का मामला थमता नहीं दिख रहा है। इस मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें भी बढ़ती दिख रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से बुधवार को आबकारी मामले में पूछताछ के लिए सीएम केजरीवाल को एक और समन भेजा गया है।केजरीवाल ने ईडी की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया था, उन्होंने समन पर कानूनी “आपत्तियों” का हवाला दिया था और एजेंसी पर “न्यायाधीश, जूरी और जल्लाद” की भूमिका निभाने का आरोप लगाया था। इस बार भी केजरीवाल ईडी के सामने पेश होंगे, इसकी संभावना कम है।

पहले चार बार भेजे जा चुके हैं समन

अरविंद केजरीवाल को पिछले हफ्ते चौथी बार ईडी ने समन जारी किया था और 18 जनवरी को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा था। बता दें कि केजरीवाल ने इससे पहले दो नवंबर और 21 दिसंबर और तीन जनवरी के तीन समन पर ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था।

नया समन दो फरवरी तक के लिए

असल में जानकारी के मुताबिक इस बार पूछताछ के लिए भेजा गया नया समन दो फरवरी तक के लिए है. आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में कुछ शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी. हालांकि आम आदमी पार्टी आरोपों का बार-बार इसका खंडन करती रही है. बाद में इस नीति को वापस ले लिया गया और दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से कराने की सिफारिश की थी

ईडी ने कब-कब पूछताछ के लिए बुलाया

पहला समन- 2 नवंबर
दूसरा समन- 21 दिसंबर
तीसरा समन- 3 जनवरी
चौथा समन- 18 जनवरी
पांचवां समन- 2 फरवरी

क्या है दिल्ली शराब घोटाल केस

गौरतलब है कि कथित दिल्ली शराब घोटाला 2021-22 में आबकारी नीति से संबंधित है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसे लागू किए जाने के संबंध में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी जिसके तुरंत बाद 2022 में आप सरकार ने इसे रद्द कर दिया था. इस मामले में मनीष सिसोदिया और संजय सिंह फिलहाल जेल में हैं. मनीष सिसोदिया को पिछले साल फरवरी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था और बाद में उन्होंने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार में उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं, दिल्ली शराब घोटाला केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह को चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.

इस नीति पर कई सवाल उठे थे. आरोप लगाया गया था कि इस नीति से सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है और शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ मिला है. दिल्ली के मुख्य सचिव ने 8 जुलाई, 2022 को एक रिपोर्ट में इस नीति में प्रथम दृष्टया अनियमितता की बात कही थी. इस रिपोर्ट के आधार पर, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. सीबीआई ने इस मामले में मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इनको गिरफ्तार किया जा चुका है.

केजरीवाल बोले- ED को भाजपा चला रही है

केजरीवाल ने 18 जनवरी को कहा था कि ED ने मुझे चौथा नोटिस भेजकर 18 या 19 जनवरी को पेश होने को कहा है। ये चारों नोटिस अवैध और अमान्य हैं। जब भी ED ऐसे नोटिस भेजता है, तो कोर्ट उन्हें निरस्त कर देता है। ये नोटिस और कुछ नहीं, बल्कि राजनीतिक बदला लेने की भावना से की गई कार्रवाई है।उन्होंने कहा कि इस मामले में बीते दो साल से जांच चल रही है, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। मुझे लोकसभा चुनाव से दो महीने पहले क्यों बुलाया गया है? ED को भाजपा चला रही है, उनकी नीयत मुझे गिरफ्तार करने की है, ताकि मैं चुनावों में प्रचार न कर सकूं।

आतिशी ने 2 नवंबर को भी गिरफ्तारी का दावा किया था

ये पहली बार नहीं है जब AAP नेताओं ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका जताई है। इससे पहले आतिशी ने 31 अक्टूबर को कहा था कि CM केजरीवाल 2 नवंबर को गिरफ्तार हो सकते हैं। ED ने इस दिन केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था।2 नवंबर की सुबह दिल्ली में गहमा-गहमी थी। राजघाट पर पुलिस बढ़ा दी गई थी। उम्मीद थी कि ED ऑफिस जाने से पहले अरविंद केजरीवाल बापू की समाधि पर जाएंगे। हालांकि केजरीवाल ED के समन पर पेश नहीं हुए। उन्होंने चिट्ठी लिखकर इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बता दिया।

ED को गिरफ्तारी का अधिकार, केजरीवाल कोर्ट जा सकते हैं

कानून के जानकारों के अनुसार, CM केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ED उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं हुए तो धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है।PMLA के जानकार बताते हैं कि पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है तो ED समय दे सकती है। फिर दोबारा नोटिस जारी करती है। PMLA एक्ट में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है।अगर CM केजरीवाल आगे पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं।वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ED को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकती है।

CBI ने अप्रैल में केजरीवाल से पूछताछ की थी

पिछले साल अप्रैल में शराब नीति केस में CM केजरीवाल से CBI ने अपने ऑफिस में करीब साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ की थी। इस दौरान लगभग 56 सवाल पूछे गए। केजरीवाल सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर एजेंसी के ऑफिस पहुंचे थे और रात 8:30 बजे बाहर आए।केजरीवाल ने कहा था- मैंने CBI के सभी सवालों के जवाब दिए। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। AAP कट्टर ईमानदार पार्टी है। हम मर-मिट जाएंगे, पर कभी अपनी ईमानदारी के साथ समझौता नहीं करेंगे। वे AAP को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन देश की जनता हमारे साथ है।

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