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WFH : सरकार ने जारी की एडवाइजरी, कंपनियों को दिसंबर 2022 तक ‘वर्क फ्रॉम होम’ की सलाह


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नई दिल्ली – कोरोना महामारी में ‘वर्क फ्रॉम होम’ का कॉन्सेप्ट जोरो शोरो से चला। ज्यादातर कंपनी में आज भी यह शुरू है। इसे लेकर लोगों और कंपनियां में पॉजिटिव प्रतिक्रिया भी है। इस बीच सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। इस बीच कर्नाटक से एक नया मामला सामने आया है। यहां पर आउटर रिंग रोड पर प्रस्तावित मेट्रो का काम जारी है, जिसके कारण लोगों को आने-जाने में परेशानी होगी।

ऐसे में स्थिति देखते हुए वहां की तमाम कंपनियों को डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्राॅनिक्स, आईटी, टीवी व विज्ञान एप्र प्रौद्योगिकी की तरफ से एक पत्र भेजा गया है। इस पत्र में कंपनियों को दिसंबर 2022 तक वर्क फ्राॅम होम जारी करने की सलाह दी गई है। मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन का हवाला देते हुए इस पत्र में लिखा गया है कि ‘आउटर रिंग रोड पर सेंट्रल सिल्क बोर्ड से केआर पुरम तक प्रस्तावित मेट्रो लाइन के कारण कर्मचारियों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्राॅनिक्स के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ईवी रमना रेड्डी ने कहा कि यह काम डेढ़ से दो साल तक जारी रह सकता है। ऐसी स्थिति में कंपनियां अपने कर्मचारियों के हित को ध्यान मे रखते हुए वर्क फ्राॅम होम जारी रख सकती हैं। उधर, अर्बन लैंड ट्रांसपोर्ट निदेशालय की कमिश्नर वी. मंजुला ने कहा कि हमें लगेगा कि वर्क फ्राॅम होम को और नहीं बढ़ाया जा सकता तो हम इस पर विचार करेंगे। उनका कहना है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को बस, मोटरसाइकिल से यात्रा के लिए प्रोत्साहित करें. क्योंकि हमारी ओर से कंपनियों को बस सलाह दी गई है. कंपनी अपने सुविधानुसार इस पर विचार कर सकती है।

एडमिशन चीफ सेक्रेटरी ईवी रमन रेड्डी के अनुसार, ये बस एक सलाह है. इस पर विचार करना और इसे लागू करना या न करना कंपनी पर निर्भर है। कंपनियों को इसे मानना जरूरी नहीं है। अगर, जरूरी हो तो कंपनियां वर्क फ्राॅम ऑफिस भी शुरू कर सकती हैं।’ विभाग की तरफ से ये पत्र सिर्फ इसलिए जारी गया ताकि कर्मचारियों को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। दरअसल, आउटर रिंग रोड पर लगभग 12 हजार कर्मचारी काम करते हैं। इसमें से सिर्फ 5 प्रतिशत कर्मचारी ही अभी वापस आ रहे हैं। सिस्को ने स्थाई तौर पर वर्क फ्राॅम होम पाॅलिसी ही लागू कर दी है और सैप, वालमार्ट, इंटेल जैसी कंपनियों ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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