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फ्रांस में महिलाओं का संवैधानिक अधिकार होगा ‘गर्भपात’, दुनिया का बना पहला देश


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नई दिल्लीः फ्रांस की संसद में सोमवार को संयुक्त सत्र के दौरान फ्रांसीसी सांसदों ने संविधान में महिलाओं को गर्भपात का अधिकार देने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। इस तरह फ्रांस गर्भपात को संविधान में शामिल करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। विधेयक को भारी 780-72 मतों से मंजूरी दे दी गई और लगभग पूरे संयुक्त सत्र में लंबे समय तक लोगों ने तालियां बजाईं।

फ्रांस में गर्भपात के अधिकार को मिला संवैधानिक अधिकार

फ्रांस की संसद ने एक बड़े विधेयक को मंजूरी दी है। फ्रांसीसी संसद ने सोमवार को गर्भपात के अधिकार को संविधान में शामिल करने के लिए मतदान किया। मतदान में इस विधेयक को मंजूरी भी दे दी गई है। इस मतदान के पक्ष में 780 वोट पड़े, वहीं इसके विरोध में सिर्फ 72 वोट ही पड़े। मतदान के बाद फ्रांस अपने मूल कानून में गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए स्पष्ट सुरक्षा प्रदान करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। वहीं इस विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद गर्भपात कराना महिलाओं का संवैधानिक अधिकार हो जाएगा।

गर्भपात से संबंधित विधेयक को संसद में मिली मंजूरी

गर्भपात से संबंधित विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के बाद पूरे फ्रांस में जश्न का माहौल दिखा। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के वादे की सराहना की। विधेयक को कानूनी रूप देने के लिए फ्रांसीसी संविधान के अनुच्छेद 34 में संशोधन किया गया है। इसे संसद के दोनों सदनों, नेशनल असेंबली और सीनेट में पेश किया गया। इससे महिलाओं को गर्भपात के अधिकार की गारंटी मिलती है।

विधेयक के पक्ष में मिले 780 मत

यहां के सांसदों ने सोमवार को संसद के संयुक्त सत्र के दौरान देश में गर्भपात को महिलाओं का संवैधानिक अधिकार बनाने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी। इस विधेयक को लेकर मतदान हुआ। मतदान को लेकर विधेयक के पक्ष में 780 मत जबकि विरोध में 72 वोट पड़े। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस विधेयक को मंजूरी मिलने पर खुशी जताई और इस कदम की सराहना की। बता दें कि संसद के दोनों सदन नेशनल असेंबली और सीनेट पहले ही फ्रांसीसी संविधान के अनुच्छेद 34 में संशोधन के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे चुके हैं, ताकि महिलाओं को गर्भपात के अधिकार की गारंटी दी जा सके।

प्रधानमंत्री गेब्रियल अटल ने कही ये बात

संसद के निचले सदन की स्पीकर याइल ब्रौन-पिवेट ने संयुक्त सत्र की शुरुआत करते हुए कहा कि फ्रांस यह कदम उठाने वाला पहला देश है। उन्होंने कहा, मुझे संसद पर गर्व है, जिसने गर्भपात के अधिकार को हमारे मूल कानून में शामिल किया। वहीं, विधेयक पारित होने से पहले फ्रांसीसी प्रधानमंत्री गेब्रियल अटल ने कहा कि हम सभी महिलाओं को यह संदेश दे रहे हैं कि वे अपने बारे में खुद निर्णय ले सकती हैं।

गर्भपात विरोधी कार्यकर्ताओं ने की आलोचना

वहीं, गर्भपात विरोधी संगठनों और कार्यकर्ताओं ने विधेयक को मंजूरी देने के संसद के फैसले की आलोचना की है। उनका कहना है कि राष्ट्रपति मैक्रों राजनीतिक फायदे के लिए कानून का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने इसे ऐतिहासिक कदम कहने पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि फ्रांस में पहले से ही गर्भपात का कानूनी अधिकार है। फ्रांस में 1974 से महिलाओं को गर्भपात का कानूनी अधिकार मिला हुआ है।

भारत और फ्रांस के बीच हुई वार्ता

इसके अलावा भारत और फ्रांस ने सोमवार को परमाणु, रासायनिक और जैविक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। राष्ट्रीय राजधानी में यह चर्चा निरस्त्रीकरण और अप्रसार पर भारत-फ्रांस द्विपक्षीय वार्ता के ढांचे के तहत हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘‘दोनों पक्षों ने परमाणु, रासायनिक, जैविक क्षेत्र के साथ-साथ बाह्य सुरक्षा से संबंधित निरस्त्रीकरण और अप्रसार के क्षेत्र में घटनाक्रमों पर चर्चा की।’’ मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने पारंपरिक हथियारों, घातक हथियार प्रणालियों और बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की।

महिलाओं का शरीर उनका है, कोई भी उनके बदले फैसला नहीं ले सकता है’ – बोले फ्रांस के PM गेब्रियल

सोमवार को फ्रांस में ये इतिहासिक फैसला सामने आने के बाद कई लोगों ने बड़ी बात कहीं. जिसमें फ्रांस के पीएम गेब्रियल ने कहा कि हम सभी महिलाओं को एक संदेश भेज रहे हैं, महिलाओं का शरीर उनका है और कोई भी उनके बदले निर्णय नहीं ले सकता है. आपको बता दें कि फ्रांस में 80 प्रतिशत लोग इस फैसले के पक्ष में हैं. इसी वजह से देश में ये एतिहासिक फैसला लिया गया है.

फ्रांस की 80 प्रतिशत आबादी करती है इसका समर्थन

मालूम हो कि अमेरिका और कई अन्य देशों की तुलना में फ्रांस में गर्भपात के अधिकारों को बहुत अधिक स्वीकार्यता प्राप्त है। फ्रांस की करीब 80 प्रतिशत आबादी इस तथ्य का समर्थन करती है कि उनके देश में गर्भपात कानूनी है।

फ्रांस की संसद में हुई वोटिंग

सीएनएन के मुताबित, फ्रांस की संसद में इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया गया है। विधेयक को 780-72 मतों से मंजूरी दी गई है। इससे पहले राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि उन्‍होंने महिलाओं को गर्भपात का संवैधानिक अधिकार देने का वादा किया था।

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