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PM मोदी ने बोर्ड परीक्षार्थियों को दिए सफलता के टिप्स


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नई दिल्ली – साल के शुरू होते ही तमाम स्टेट बोर्ड की बोर्ड परीक्षाएं 2024 शुरू हो जाती हैं. ये परीक्षाएं ही छात्रों के भविष्य के दशा और दिशा तय करती हैं, इसलिए परीक्षा को लेकर बच्चों के मन में डर, तनाव, भय और ढेर सारी घबराहट होती है, जिसे दूर करने के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा हर साल परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. आज यानी 29 जनवरी को नई दिल्ली के भारत मंडपम में सुबह 11 बजे से यह कार्यक्रम शुरू किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तय समय यानी सुबह 11 बजे भारत मंडपम में पहुंच गए और सबसे पहले उन्होंने बच्चों के इवोवेटिव आइडियाज को देखा. फिर भारत मंडपम के मंच पर आएं, जहां उन्होंने देश के लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को परीक्षा के तनाव को कम करने के ढेर सारे टिप्स और सुझाव दिएं.

नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के 7वें संस्करण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के 7वें संस्करण में देशभर के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से बातचीत की. करीब पौने दो घंटे तक पीएम ‘सर’ की मेगा क्लास में बच्चों को परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन से लेकर बेहतर नागरिक बनने के गुर मिले. पीएम ने बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता और शिक्षकों से भी बात की. प्रधानमंत्री ने बेहद सरल और मजेदार अंदाज में बच्चों के हर एक सवाल का जबाव दिया। कैसे बोर्ड परीक्षा की तैयारी की जाए, टाइम मैनेजनेंट कैसे हो, मोबाइल के दुष्प्रभाव से कैसे बचा जाए? इन सभी सवालों का जवाब पीएम मे दिया. उन्होंने ये भी बताया कि वो कैसे इतने पॉजिटिव रहते हैं और प्रधानमंत्री के रूप में आने वाली चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं.

पीएम ने दिए कई सवालों के रोचक जवाब

स्टूडेंट – आप अपने बिजी लाइफ़ में कैसे सकारात्मक रहते हैं.
पीएम मोदी – मुझे अच्छा लगा कि आप लोगों को पता है कि प्रधानमंत्री को कितना कुछ प्रेशर झेलना पड़ता है. मेरी प्रकृति है कि मैं हर चुनौती को चुनौती देता हूं. चुनौती जाएगी और स्थितियां सुधर जाएगी इसका मैं इंतजार नहीं करता. मेरे भीतर एक बड़ा कांफिडेंस है. कुछ भी हो 140 करोड़ देशवासी मेरे साथ हैं. अगर 100 मिलियन चुनौतियां हैं तो बिलियन से बिलियन उसके समाधान हैं. मुझे पता है कि मेरे देश के लोग साथ हैं. सामर्थ्यवान हैं. मुझे लगता है कि 140 करोड़ हैं संभल जाएगा. चुनौती से लड़ने के लिए आगे मुझे रहना होगा लेकिन सब संभल जाएगा.

आपको किस चीज की स्पर्धा नहीं करनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है. आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं.आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है… उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है. असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है। अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे.

लाख से अधिक अभिभावकों ने पंजीकरण कराया

पीपीसी 2024 यानी परीक्षा पे चर्चा के लिए 2.26 करोड़ से अधिक छात्रों, 14.93 लाख से अधिक शिक्षक और 5.69 लाख से अधिक अभिभावकों ने पंजीकरण कराया है. इस कार्यक्रम में सभी राज्यों और केंद्र प्रशासित प्रदेशों के बच्चे शामिल हो रहे हैं. यह कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय, प्रधान मंत्री कार्यालय, पीआईबी सहित अन्य के सोशल मीडिया पेजों पर टेलीकास्ट किया जाएगा. यू-ट्यूब, एक्स और फेसबुक पर भी इसे लाइव देखा जा सकेगा.

शिक्षकों को टिप्स देते हुए कहा कि बच्चों के तनाव को कम करे

प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षकों को टिप्स देते हुए कहा कि बच्चों के तनाव को कम करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है. इसलिए शिक्षक और छात्रों के बीच हमेशा सकारात्मक रिश्ता रहना चाहिए. शिक्षक का काम सिर्फ जॉब करना नहीं, बल्कि जिंदगी को संवारना है, जिंदगी को सामर्थ्य देना है, यही परिवर्तन लाता है. परीक्षा के तनाव को विद्यार्थियों के साथ-साथ पूरे परिवार और टीचर को मिलकर एड्रेस करना चाहिए.अगर जीवन में चुनौती और स्पर्धा ना हो, तो जीवन प्रेरणाहीन और चेतनाहीन बन जाएगा। इसलिए कॉम्पटिशन तो होना ही चाहिए, लेकिन हेल्दी कॉम्पटिशन होना चाहिए.

लिखने की आदत कम हो गई है

प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों को टिप्स देते हुए कहा कि आजकल लोगों की लिखने की आदत कम हो गई है. हम आईपैड वगैरह पर ज्यादा वक्त बिताते हैं. लेकिन जितना लिखेंगे उतनी ही अच्छी तैयारी होगी और कॉन्फीडेंस भी बढ़ेगा. इसलिए आप दिन में जितनी देर पढ़ते हैं उसका कम से कम आधा वक्त नोट्स बनाने में लगाएं. इससे आपको आइडिया लग जाएगा कि परीक्षा में कितनी देर में क्या आंसर लिखना है.अगर आपको तैरना आ जाएगा तो पानी में उतरने में डर नहीं लगेगा, ठीक वैसे ही जब आप लिखने की प्रैक्टिस करेंगे तो आपको टाइम मैनेजमेंट आ जाएगा और जाहिर तौर पर परीक्षा परिणाम में इसका असर दिखेगा.

पीएम ने बताया, ऐसा होना चाहिए रिश्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किस्से को सुनाते हुए बताया कि एक टीचर और छात्र के बीच कैसा रिश्ता होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब बच्चा सफल हो तो टीचरों को घर जाकर बधाई देनी चाहिए. ऐसा करने से उस छात्र के मां-बाप को भी ताकत मिलती है. वहीं, छात्रों को भी टीचर की हर बात पर ध्यान देने की जरूरत होती है.

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