x
राजनीति

बिहार में सत्ता समीकरण में फेरबदल का काउंट-डाउन शुरू,CM नीतीश आज कभी भी कर सकते हैं इस्तीफे का ऐलान


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्लीः बिहार की राजधानी पटना के सियासी गलियारों में हलचल काफी बढ़ गई है। सियासी सरगर्मी के बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली गए। वहीं गणतंत्र दिवस पर गांधी मैदान में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव साथ-साथ मौजूद रहे, लेकिन एक खाली कुर्सी के बाद बैठे दोनों नेताओं के बीच दूरियां साफ दिखी।

28 जनवरी को जेडीयू विधानमंडल दल की बैठक

28 जनवरी को जदयू ने बुलाई विधानमंडल दल की बैठक। अप्रत्याशित घटनाक्रम के बाद 28 जनवरी को सीएम आवास में बुलाई गई बैठक। जेडीयू और बीजेपी में सोच विचार के बाद 28 जनवरी को चुना गया सत्ता परिवर्तन का दिन- सूत्र। बिहार की महागठबंधन सरकार के गिरने का काउंटडाउन शुरू.बिहार में राजद-जदयू गठबंधन के दिग्गज नेताओं ने एक-दूसरे से दूरी बना ली है। गणतंत्र दिवस के मौके पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने टी पार्टी रखी। जिसमें CM नीतीश कुमार पहुंचे, लेकिन डिप्टी CM तेजस्वी यादव नहीं आए। वहीं एक अन्य कार्यक्रम में नीतीश और तेजस्वी डेढ़ घंटे साथ रहे, लेकिन दोनों ने आपस में बात नहीं की।

शिवानंद ने कहा-नीतीश कुमार जा चुके हैं

राजद के राष्ट्रीय महासचिव शिवानंद तिवारी ने कहा मुझे यकीन नहीं हो रहा कि नीतीश जी इस तरह का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे भी इस बात का यकीन नहीं कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ फिर से जा सकते हैं। नीतीश कुमार राजनीति के इतिहास में अपना क्या नाम लिख आएंगे यह वह सोचें। शिवानंद तिवारी ने किया साफ नीतीश कुमार अब जा चुके हैं। उन्होंने कहा अब कहने के लिए कुछ बाकी नहीं रह गया है जिस तरह से चीज चल रही हैं उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है।

अब आगे क्या

पटना में नीतीश कुमार ने CM हाउस और लालू प्रसाद ने राबड़ी आवास में अपने-अपने पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। वहीं दिल्ली में BJP हेडक्वार्टर में पार्टी के बड़े नेताओं की मीटिंग हुई। सूत्रों के हवाले से खबर है कि 27 जनवरी को विधायक दल की बैठक के बाद RJD के विधायक राज्यपाल के सामने परेड कर सकते हैं।

बिहार में क्या समीकरण बन सकते हैं

नीतीश कुमार CM पद से इस्तीफा दें और फिर BJP के समर्थन से 9वीं बार CM पद की शपथ लें। लालू यादव जदयू तोड़कर अपनी सरकार बनाना चाहेंगे। कांग्रेस, राजद और लेफ्ट और एक निर्दलीय को मिलाकर 115 विधायक होते हैं। ऐसे में राजद को सिर्फ 8 और विधायकों की जरूरत होगी।

बिहार: राजभवन में जलपान में शामिल हुए नीतीश कुमार, नहीं आए तेजस्वी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को यहां राजभवन में जलपान समारोह में शामिल हुए, लेकिन राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव इसमें नहीं आये।यह घटनाक्रम इन अटकलों की पृष्ठभूमि में आया है कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष कुमार, महागठबंधन का साथ छोड़ सकते हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी कर सकते हैं।

तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे राजभवन

गणतंत्र दिवस मौके पर राज भवन में हाई टी कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के गठबंधन वाले नेता पहुंचना शुरू हो गए हैं। मगर इस बीच डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का राज भवन न पहुंचना सवालों के घेरे में है। अब बताते चलें कि राजभवन में हाई टी कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है मगर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव फिलहाल नदारत हैं। माना जा रहा है राजद और जदयू के बीच बनी दूरियों की वजह से तेजस्वी यादव ने फिलहाल इस कार्यक्रम से खुद को अलग रखा है। इन दूरियों की वजह से बिहार की राजनीतिक चर्चाओं को और बल मिलता नजर आ रहा है। माना जा रहा है इस कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अहम फैसला ले सकते हैं। इस बीच दिल्ली से चलते वक्त बीजेपी के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इंडिया में शामिल होने के लिए बधाई भी दे डाली है। उनका कहना है कि नीतीश कुमार एनडीए में शामिल होंगे या नहीं इसका फैसला बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व लेगा। वहीं राजद के प्रवक्ता और सांसद मनोज झा ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी की तरफ से अल्टीमेटम दे दिया है। उन्होंने कहा है कि शाम तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार पर आए और राजनीतिक संकट पर जनता के सामने आकर सफाई पेश करें।

बिहार में सियासी हलचल जारी, लालू ने कल बुलाई आरजेडी विधायकों की बैठक

बिहार में सियासी हलचल के बीच पटना में 27 जनवरी को आरजेडी विधायकों की बैठक बुलाई गई है। आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने सभी पार्टी विधायकों को कल दोपहर एक बजे पटना में बुलाया है। वहीं बीजेपी की ओर से भी शाम 4 बजे बैठक बुलाई गई है।

महागठबंधन से नीतीश का मोहभंग?

बता दें कि बिहार में इस सियासी उलटफेर के संकेत शुक्रवार को रिपब्लिक डे समारोह के दौरान ही मिलने लगे थे क्योंकि आमतौर पर नीतीश के बगल में बैठने वाले तेजस्वी उनकी बगल कुर्सी को छोड़कर विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के बगल में बैठे नजर आए। फिर शाम को राज्यपाल के यहां कार्यक्रम में तो नीतीश कुमार और बीजेपी नेता तो पहुंचे लेकिन तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे। इस प्रोग्राम में भी तेजस्वी की कुर्सी नीतीश के बगल में लगी थी। जब तेजस्वी नहीं पहुंचे तो नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को बुलाया। अशोक चौधरी ने भी बिना देरी किए डिप्टी सीएम के लिए रखी गई कुर्सी से तेजस्वी के नाम की पर्ची हटाई और उसी कुर्सी पर बैठ गए।

अगस्त 2022 में नीतीश ने एनडीए क्यों छोड़ा?

एक समय बिहार में एनडीए का वरिष्ठ साथी, जेडीयू खुद को सिकुड़ता हुआ और कनिष्ठ सहयोगी भाजपा से पीछे होता हुआ पाया। नीतीश भाजपा से नाराज थे क्योंकि विधानसभा में उनकी पार्टी की सीटें 2015 में 71 से घटकर 2020 के चुनावों में 43 सीटों पर आ गईं। वहीं, भाजपा की सीटों की संख्या 53 से बढ़कर 74 हो गई। राजद की 75 थी।

आखिर क्यों एनडीए में वापस आना चाह रहे हैं नीतीश?

जेडीयू के अंदरूनी सूत्र कांग्रेस, राजद और इंडिया गुट के प्रति नीतीश कुमार के बढ़ते मोहभंग के कई कारण बताते हैं। इसका मुख्य कारण उन्हें वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था में असहजता महसूस होना बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले जेडीयू के कम से कम सात सांसद बीजेपी के संपर्क में हैं। ये सांसद 2019 में एनडीए के सामाजिक संयोजन के कारण जीते थे। वे राजद, कांग्रेस और वाम दलों के साथ गठबंधन में ऐसे परिणाम की उम्मीद नहीं कर रहे थे। साथ ही पूर्व पार्टी प्रमुख राजीव रंजन सिंह को छोड़कर जेडीयू के अधिकांश शीर्ष वरिष्ठ नेताओं संभवतः यह अहसास हो गया था कि यदि उन्होंने कार्रवाई नहीं की तो पार्टी विभाजित हो सकती है। पिछले महीने उन्होंने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ललन सिंह की जगह ली। ललन सिंह के बारे में कहा जाता था कि वह लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के निकट हो गए थे। और यह बात नीतीश कुमार को पसंद नहीं थी.

बड़े नेताओं के रद्द होने लगे दौरे

बिहार में सियासी उथल-पुथल के बीच बड़े नेताओं के दौरे भी रद्द होने लगे है। सीएम नीतीश कुमार को 4 फरवरी को झारखंड में आयोजित होने वाली जेडीयू की रैली को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। 4 फरवरी को पीएम मोदी की जनसभा बिहार में प्रस्तावित है। वहीं बिहार बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली दौरा का भी रद्द कर दिया है।

आज का दिन बिहार की राजनीति के लिए बेहद खास

बैठकों के लिहाज से आज का दिन बिहार की राजनीति के लिए बेहद खास है. बीजेपी, आरजेडी और कांग्रेस तीनों दलों की आज अहम बैठक होने वाली है. दोपहर 2 बजे पूर्णिया में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने वाली है. कांग्रेस की बैठक पूर्णिया के गोकुल कृष्ण आश्रम में होगी. कांग्रेस विधायक दल की बैठक पूर्णिया में करने की वजह बिहार में सियासी उथल पुथल बताई जा रही है.कहा जा रहा है कि जेडीयू के एनडीए में जाने की स्थिति में कांग्रेस के कुछ विधायक टूट कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस के 10 से ज्यादा विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. हालांकि कांग्रेस के नेता इन दावों को बेबुनियाद बता रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि ये बैठक राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बुलाई गई है.

नीतीश के लिए खुल गए NDA के दरवाजे?

बीजेपी की मीटिंग से पहले नीतीश की एनडीए में वापसी का पूरा प्लान तैयार है। कल तक नीतीश के लिए एनडीए के दरवाजे बंद रहने की बात कहने वाले बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने भी नीतीश को लेकर बड़ा संकेत दिए हैं। सुशील मोदी एनडीए में नीतीश के लिए दरवाजे खोलने की संभावना जता रहे हैं तो बीजेपी के विधायक ज्ञानेंद्र ज्ञानू ने अगली सरकार की पूरी टाइमलाइन बता दी।

RJD ने सभी विधायकों को पटना बुलाया

बिहार बीजेपी के नेता सरकार की टाइमलाइन बता रहे हैं…तो लालू खेमा भी जोड़तोड़ में जुट गया है। RJD ने भी अपने सभी विधायकों को पटना बुलाया है। आज दोपहर 1 बजे RJD कोटे के मंत्रियों और विधायकों के साथ लालू और तेजस्वी मीटिंग करेंगे तो महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने भी आज पूर्णिया में 2 बजे बैठक बुलाई है।

नीतीश के NDA में आने से बीजेपी को क्या फायदा?

अब सवाल उठता है कि नीतीश के NDA में आने से बीजेपी को क्या फायदा होगा तो इसका जवाब साफ है-सबसे पहला मोदी विरोधी I.N.D.I अलायंस की मोर्चेबंदी को बड़ा झटका लगेगा। दूसरा बिहार में अति पिछड़ा वोट बैंक भी बीजेपी के साथ होगा। तीसरा बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर बढ़त मिलने की उम्मीद होगी।पीछले चुनाव में NDA ने बिहार की 40 में 39 सीट जीती थी तब नीतीश कुमार भी NDA के हिस्सा थे। बीजेपी को उम्मीद है कि 2024 में जब नीतीश फिर से साथ होंगे तो NDA वही प्रदर्शन दोहरा सकती है।

Back to top button