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टाटा और एयरबस के बीच बड़ा समझौता , भारत में बनाएंगे H125 हेलीकॉप्टर


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नई दिल्लीः फ्रांस की कंपनी एयरबस और टाटा ने मिलकर हेलीकॉप्टर (Airbus Tata Helicopter) बनाने का समझौता किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन भारत के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा बनने के लिए भारत दौरे पर हैं। इमैनुएल मैक्रॉन की इस यात्रा के बीच दोनों कंपनियों ने इस समझौते को अंतिम रूप दिया है। टाटा और फ्रांस की कंपनी एयरबस मिलकर H125 हेलीकॉप्टरों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए काम करेंगी। इसकी मैन्युफैक्चरिंग गुजरात के वडोदरा में की जाएगी। एयरबस और टाटा ग्रुप ने एच125 सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर्स के संयुक्त रूप से निर्माण करने के लिए एक समझौते पर साइन किए हैं। दोनों कंपनियां वडोदरा फैसिलिटी में कम से कम 40 सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी बनाएंगी। इसकी देखरेख टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड करेगी।

टाटा और एयरबस के बीच बड़ा समझौता

टाटा समूह और फ्रांस की एयरक्राफ्ट निर्माता कंपनी एयरबस ने नागरिक हेलीकॉप्टर के निर्माण के लिए एक समझौता किया है। इस समझौते के तहत दोनों मिलकर H125 सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर का भारत में निर्माण करेंगे। भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की भारत यात्रा के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए।

कमर्शियल यूज के लिए होगा निर्माण

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हेलीकाप्टर कमर्शियल यूज के लिए बनाए जाएंगे। टाटा ग्रुप की टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड कंपनी (TASL) इन हेलीकॉप्टरों के लिए असेम्बली लाइन मैनेज करेगी। डेवलपमेंट से जुड़े सूत्रों ने इकनोमिक टाइम्स को बताया कि मार्केट में इंट्रेस्टेड खरदीदरों द्वारा पहले से ही 600 से 800 हेलीकाप्टर की डिमांड है। ये हेलीकाप्टर गुजरात के वडोदरा में मैन्युफैक्चर किए जाएंगे। यहां पहले से ही टाटा और एयरबस मिलकर 40 C295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बना रहीं हैं।

हेलीकॉप्टर का कहां निर्माण होगा?

समझौते के तहत टाटा समूह और एयरबस हेलीकॉप्टर का निर्माण गुजरात के वडोदरा में करेंगे। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में पहले से ही इस तरह के 600 से 800 हेलीकॉप्टर की मांग है। H125 ऊंचाई पर और गर्म वातावरण में बेहतर प्रदर्शन प्रदान करता है। इसका इस्तेमाल मेडिकल एयरलिफ्ट, सर्विलांस मिशन, अग्निशमन, हवाई सर्वेक्षण और यात्री परिवहन के लिए किया जाएगा। इसका उपयोग विभिन्न देशों के सशस्त्र बलों द्वारा प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है।

मजबूत हुए संबंध

भारत और फ्रांस के बीच बढ़ते संबंधों ने राजनयिक संबंधों को मजबूत करने में योगदान दिया है। इसमें विशेष रूप से रक्षा, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ते संबंधों ने टाटा-एयरबस एच125 सौदे से भारत में इन हेलीकॉप्टरों की बढ़ती मांग के पूरा होने की उम्मीद है। ये मांगे विभिन्न क्षेत्रों में हैं।

2015 में दिया था H125 नाम

इस हेलीकॉप्टर का नाम पहले AS350 B3e था। 2015 में इसे बदलकर H125 नाम दिया गया। H125 हेलीकॉप्टर अब तक मिलकर 3.7 करोड़ घंटे से अधिक उड़ान भर चुके हैं। वर्तमान में दुनियाभर में विभिन्न ऑपरेटरों के पास 5,350 H125 हेलीकॉप्टर हैं।वैसे दोनों यहां पहले से ही मिलकर 40 C295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बना रहीं हैं। सितंबर 2021 में भारत ने एयरबस डिफेंस एंड स्पेस (ADSpace) के साथ लगभग 21,000 करोड़ रुपये की डील की थी। इसमें पुराने एवरो-748 की जगह C-295 एयरक्राफ्ट खरीदने को लेकर साझेदारी की गई थी। इस दौरान 56 विमानों की मांग की गई थी, इनमें से 40 गुजरात के वडोदरा में बनाए जा रहे हैं।

विदेश सचिव ने बताया प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति के बीच क्या हुई वार्ता

विदेश सचिव क्वात्रा ने कल रात जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के बीच वार्ता के दौरान हुए समझौते के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस ने एक रक्षा औद्योगिक साझेदारी रोडमैप तैयार किया है और यह रोडमैप प्रमुख सैन्य हार्डवेयर और प्लेटफार्मों के सह-विकास और सह-उत्पादन में मदद करेगा। इसके साथ ही अंतरिक्ष, भूमि युद्ध, साइबरस्पेस और कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित कई क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी सहयोग किया जाएगा।

क्वात्रा ने और क्या बताया?

क्वात्रा ने कहा कि भारत-फ्रांस रक्षा औद्योगिक रोडमैप रोबोटिक्स, स्वायत्त वाहनों और साइबर रक्षा के क्षेत्रों में भी नए बदलाव लाएगा। उन्होंने बताया कि उपग्रह प्रक्षेपण में सहयोग के लिए न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड और फ्रांसीसी एरियनस्पेस के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। इसके अलावा दोनों नेताओं ने गाजा में संघर्ष, आतंकवाद और मानवीय पहलुओं सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। इसके साथ ही लाल सागर की सुरक्षा स्थिति पर भी चर्चा की गई।

टाटा समूह और एयरबस कंपनी

वडोदरा में पहले से ही टाटा समूह और एयरबस कंपनी मिलकर 40 C-295 परिवहन विमान बना रही हैं। इस संबंध में सितंबर, 2021 में भारत ने एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ लगभग 21,000 करोड़ रुपये का एक समझौता किया था। इस समझौते के तहत पुराने एवरो-748 की जगह C-295 एयरक्राफ्ट खरीदें जाएंगे। भारत ने 56 विमानों की मांग की थी, जिनमें से 40 वडोदरा में बनाए जाएंगे इनके निर्माण के लिए एयरबस ने टाटा से समझौता किया है।

बएयरबस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कही ये बात

बएयरबस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गुइलाम फाउरी ने कहा, ‘‘राष्ट्र निर्माण के लिए हेलीकॉप्टर महत्वपूर्ण हैं। ‘मेड-इन-इंडिया’ सिविल हेलीकॉप्टर न केवल आत्मविश्वास से भरे नए भारत का प्रतीक होगा, बल्कि देश में हेलीकॉप्टर बाजार की वास्तविक क्षमता को भी सामने लाएगा।” उन्होंने कहा, “हेलीकॉप्टर के लिए हम ‘फाइनल असेंबली लाइन’ अपने भरोसेमंद साझेदार टाटा के साथ मिलकर बनाएंगे। यह भारत में एयरोस्पेस परिवेश को विकसित करने के लिए एयरबस की प्रतिबद्धता को बताता है।”यान के अनुसार, इसके अलावा यह भारत और क्षेत्र में ग्राहकों के लिए एच125 का परीक्षण, योग्यता और वितरण भी करेगा। इसमें कहा गया है कि एफएएल को स्थापित होने में 24 महीने का समय लगेगा। पहले ‘मेड इन इंडिया’ एच125 की डिलिवरी 2026 के शुरू होने की उम्मीद है। बयान के मुताबिक, ‘फाइनल असेंबली लाइन’ लगाने के लिए स्थान एयरबस और टाटा समूह संयुक्त रूप से तय करेंगे।

भारत में प्राइवेट हेलीकॉप्टर का निर्माण होगा

अब भारत में प्राइवेट हेलीकॉप्टर का निर्माण होगा और देशी जरूरतों को पूरा करने के साथ ही पड़ोसी देशों को भी इसका लाभ मिलेगा। जी हां, टाटा ग्रुप और एयरबस में एक करार हुआ है, जिसके जरिये भारत में दोनों कंपनियां मिलकर प्राइवेट हेलीकॉप्टर बनाएंगी। गुजरात के वडोदरा में स्थित प्लांट में एयरबस एच125 हेलीकॉप्टर का विनिर्माण होगा। इसका उत्पादन भारत और कुछ पड़ोसी देशों को निर्यात करने को लेकर किया जाएगा। एयरबस और टाटा ग्रुप की वडोदरा फैसिलिटी में 40 सी-295 परिवहन विमान भी बनाएं जाएंगे।

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