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अगले 20 साल में भारत को चाहिए होंगे 2,840 विमान,41 हजार पायलट और इतने कर्मचारी होंगे भर्ती


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नई दिल्लीः खराब मौसम का असर फ्लाइट्स पर भी पड़ा है. इस कारण यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच एयरबस ने अपने पूर्वानुमान में कहा कि भारत को अगले 20 साल में 2,840 नए विमानों के साथ 41,000 पायलटों की जरूरत होगी. एयरबस भारत और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेमी मेलार्ड यह अनुमान जताते हुए कहा कि साथ ही देश में 47,000 तकनीकी कर्मचारियों की आवश्यकता भी होगी.

हवाई यात्रियों की संख्या 2030 तक बढ़कर 30 करो़ड हो जाएगी

देश में हवाई यात्रियों की संख्या में काफी तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके चलते घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 2030 तक बढ़कर 30 करो़ड हो जाएगी। सिंधिया ने कहा कि घरेलू यात्रियों की संख्या जो 2014 में 6 करोड़ थी, वह कोविड से पहले बढ़कर 14.5 करोड़ और 2023 में यह बढ़कर 15.3 करोड़ पहुंच गई। मंत्री ने कहा कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में विमान का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। हवाई यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ने से भारत को अगले 20 साल में 2,840 नए विमानों और 41,000 पायलटों की जरूरत होगी। एयरबस भारत और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेमी मेलार्ड यह अनुमान जताते हुए कहा कि साथ ही देश में 47,000 तकनीकी कर्मचारियों की आवश्यकता भी होगी।

एयर बस को मिला 750 विमानों के ऑर्डर, 75 विमानों की सप्लाई

दक्षिण एशिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेमी मेलार्ड ने विमानन सम्मेलन एवं प्रदर्शनी-‘विंग्स इंडिया 2024’ के मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एयरबस इस दशक के अंत तक भारत से अपनी सोर्सिंग को मौजूदा 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर से दोगुना कर 1.5 अरब डॉलर कर देगी. उन्होंने कहा कि पिछले साल एयर बस ने भारतीय विमानन कंपनियों से 750 विमानों के ऑर्डर हासिल किए और उनमें से 75 विमानों की डिलिवरी की जा चुकी है। इनमें 41 विमान इंडिगो, 19 विमान एयर इंडिया, 14 विमान विस्तारा और एक विमान गोफर्स्ट को डिलिवर किया गया है। आने वाले दशकों में भारत विमानन क्षेत्र में एक ताकत के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि अनुमानों के अनुसार अगले 20 वर्षों में भारत को अपने बढ़ते विमानन बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए 2840 नए विमानों की दरकार होगी।

तीसरा सबसे बड़ा नागरिक उड्डयन बाजार

भारत तीसरा सबसे बड़ा घरेलू नागरिक उड्डयन बाजार और सातवां सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन बाजार है। दोनों को मिला दिया जाए तो भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा नागरिक उड्डयन बाजार है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि टियर 2 और टियर 3 शहरों को जोड़ने के दौरान मंत्रालय की नजर महानगरों पर है। छह महानगरों में 2021 में 221 मिलियन यात्रियों की थ्रूपुट (प्रवाह) क्षमता थी और पिछले ढाई वर्षों में यह बढ़कर 261 मिलियन हो गई। अगले चार वर्षों में, दो नए ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों (एक नवी मुंबई में और दूसरा दिल्ली के पास जेवर में) के साथ यह क्षमता 420 मिलियन के करीब पहुंच जाएगी।

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और महिंद्र एयरोस्पेस के साथ किया था अनुबंध

विमान बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी एयरबस ने वाणिज्यिक विमान घटकों की खरीद के लिए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) और महिंद्रा एयरोस्पेस स्ट्रक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड (एमएएसपीएल) के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया है. अनुबंध के तहत, टीएएसएल और महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर एयरबस के ए320निओ, ए330निओ और ए350 विमानों के लिए धातु बड़े पार्ट्स, घटकों और असेंबलियों का निर्माण करेंगे.

एक साल में 1,120 विमान का ऑर्डर दिया

अकासा एयर ने बृहस्पतिवार को 150 विमान का ऑर्डर देने की घोषणा की। इसके साथ ही तीन भारतीय विमानन कंपनियों ने मिलकर एक साल के भीतर कुल 1,120 विमानों का ऑर्डर दिया है। दो साल से भी कम पुरानी अकासा एयर ने 150 बोइंग 737 मैक्स विमानों के लिए पुष्ट ऑर्डर दिया है। इसमें 737 मैक्स-10 और 737 मैक्स 8-200 विमान शामिल हैं। वर्ष 2023 में एयर इंडिया और इंडिगो ने मिलकर बोइंग और एयरबस को 970 विमानों के ऑर्डर दिए। तीनों कंपनियां तेजी से बढ़ते भारतीय विमानन क्षेत्र में पैठ बढ़ाने के लिए अपने बेड़े के विस्तार पर जोर दे रही हैं। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने पिछले साल फरवरी में 470 विमानों का ऑर्डर दिया था। इसमें 250 विमानों का ऑर्डर एयरबस को और 220 विमानों का ऑर्डर बोइंग को मिला। इसके बाद जून में, देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने एयरबस के साथ 500 विमान खरीदने के लिए समझौता किया। पिछले साल फरवरी से अकासा एयर, एयर इंडिया और इंडिगो ने मिलकर 1,120 विमानों का ऑर्डर दिया है।

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