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ईरान ने पाकिस्तान में की एयरस्ट्राइक,पाकिस्तान ने दी गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी


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नई दिल्लीः ईरान की आर्मी ने मंगलवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एयर स्ट्राइक की है। ईरान ने आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों को निशाना बनाते हुए मिसाइल दागीं। इससे दोनों देशों के बीच रिश्तों में काफी तनाव देखने को मिल रहा है। ईरान के इस हमले के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर जैश अदल कितना खतरनाक है, जिस पर पाकिस्तान जैसे अहम पड़ोसी से नाराजगी लेते हुए ईरान ने हमले किए हैं।जैश अल-अदल का शाब्दिक अर्थ ‘न्याय की सेना’ से है यानी एक ऐसा ग्रुप को इंसाफ की लड़ाई लड़ता हो। जैश अल अदल का मुख्यालय पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है, ये संगठन पहले जुंदल्लाह का हिस्सा था। जुंदल्लाह एक वैश्विक आतंकी संगठन है। 2012 में स्थापित ये सुन्नी आतंकवादी समूह ईरान में अक्सर अपने मंसूबों को अंजाम देता रहा है। इस संगठन के आतंकवादियों ने ईरानी सीमा पुलिस का अपहरण करने का भी दावा किया है। भारतीय नागरिक कुलभूषण के ईरान से किडनैप करने वाले भी इसी संगठन के लड़ाके बताए जाते हैं।

तीन देशों में दखल रखता है ये संगठन

ये आतंकी संगठन तीन देशों में अपनी दखल रखता है और हरकतों को अंजाम देता है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में इसका मुख्य ठिकाना है। अफगानिस्तान में भी इसका दखल है और पाक सीमा के पास ईरानके सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में भी इसने अपनी गतिविधियां की हैं। ईरान में 2009 के बाद से कम से कम पांच बड़े धमाकों में इस ग्रुप का नाम सामने आया है। जैश अल अदल के ईरानी बॉर्डर पर स्थित सिस्तान- बलूचिस्तान क्षेत्र को निशाना बनाने की वजह से ईरान इस संगठन से काफी ज्यादा नाराज है।

अमेरिका ने लादेन को मारा

पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने के आरोप हमेशा से लगते रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान इन आरोपों का खंडन करता है, लेकिन दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी ओसामा बिल लादेन भी पाकिस्तान के शहर एबटाबाद में ही शरण लिए हुए था, जिसे अमेरिकी सेना ने खुफिया ऑपरेशन चलाकर एबटाबाद में ही ढेर किया था। 1 मई 2011 को अमेरिकी सेना के सील कमांडों ने एमएच-60 हेलीकॉप्टर्स से पाकिस्तान के एबटाबाद में उतरकर ओसामा बिन लादेन को मौत को घाट उतार दिया था। हैरानी की बात ये है कि पाकिस्तान की नौसेना को इसकी भनक भी नहीं लगी।बीते साल दिसंबर में ईरान के सिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले में भी इस संगठन का नाम सामने आया। जिसमें 11 पुलिसकर्मियों की जान गई थी। ईरान ने इस हमले के बाद पाकिस्तान से भी नाराजगी जताई थी। उसके जैश अल अदल पर हालिया हमलों के पीछे भी पुलिस स्टेशन पर अटैक का बदला माना जा रहा है। बता दें कि ईरान ने बलूचिस्तान के पंजगुर इलाके में हमला किया है, ये जैश अल अदल का मजबूत ठिकाना माना जाता रहा है। पाकिस्तान ने कहा है कि इन हमलों में दो बच्चों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। पाक विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान ईरान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र के अकारण उल्लंघन की कड़ी निंदा करता है।

भारत ने बालाकोट में की थी एयरस्ट्राइक

भारतीय वायुसेना ने भी साल 2019 में पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। दरअसल 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान बलिदान हो गए थे। इस हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का हाथ होने के सबूत मिले थे। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के बालाकोट इलाके में एयरस्ट्राइक कर कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था।

भारतीय सेना ने 2016 में थी सर्जिकल स्ट्राइक

साल 2016 में 29 सितंबर को भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक भी की थी। सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय सेना ने पीओके में कई आतंकी कैंपों पर हमला किया था। यह सर्जिकल स्ट्राइक जम्मू कश्मीर के उरी में आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी। उरी के हमले में भारतीय सेना के 19 जवान बलिदान हो गए थे। सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकियों को लॉन्च पैड ठिकानों को निशाना बनाया गया था।

बलूचिस्तान प्रांत में हुए विस्फोट

वहीं, पाकिस्तान सरकार ने अपने हवाई क्षेत्र के अकारण उल्लंघन करने के विरोध में इस्लामाबाद में तेहरान के शीर्ष राजनयिक को भी तलब किया है। हालांकि पाक विदेश मंत्रालय के बयान में यह साफ नहीं किया गया है कि हमला कहां हुआ, लेकिन तमाम पाकिस्तानी सोशल मीडिया खातों से यह जानकारी मिली है कि बलूचिस्तान प्रांत में विस्फोट हुए हैं।

गंभीर परिणाम की चेतावनी

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि पाकिस्तान की संप्रभुता का यह उल्लंघन पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। मंगलवार देर रात हुई ईरान की एयरस्ट्राइक में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई जबकि तीन लड़कियां घायल हुई हैं। हमले को लेकर ईरान की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है।

हमले को बताया अवैध

तेहरान और इस्लामाबाद अक्सर एक-दूसरे पर आतंकवादी हमले शुरू करने को लेकर आरोप लगाते रहते हैं। लेकिन ईरान द्वारा की गई एयरस्ट्राइक एक चौंकाने वाली घटना है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह और भी चिंताजनक है कि पाकिस्तान और ईरान के बीच संचार के कई चैनल मौजूद होने के बावजूद यह अवैध हमला हुआ है।”पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) द्वारा की गई एयरस्ट्राइक पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान ने इन हमलों को संप्रभुता का उल्लंघन करार दिया है और ईरान को “गंभीर परिणाम” भुगतने की धमकी दी है। पाकिस्तान ने दावा किया है कि ईरान की एयरस्ट्राइक में 2 बच्चों की मौत हुई है। दरअसल, ईरान ने मंगलवार को पाकिस्तान में घुसकर बलोच आतंकी संगठन जैश अल-अदल के ठिकानों को निशाना बनाया था।

ईरान ने यह हमले क्यों किये?

ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि य

ये गए हमले हैं जो पहले इस आतंकी समूह द्वारा पाकिस्तान के साथ सीमा क्षेत्र में ईरानी सुरक्षा बलों पर किये गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, IRGC ने बलूचिस्तान प्रांत में स्थित आतंकी संगठन जैश अल-अदल के 2 ठिकानों को नष्ट कर दिया। इन ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोनों से हमला किया गया था।

पाकिस्तान ने हमले की कड़ी निंदा की

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “पाकिस्तान ईरान द्वारा उसके हवाई क्षेत्र के अकारण उल्लंघन की कड़ी निंदा करता है, जिसके परिणामस्वरूप 2 मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि 3 लड़कियां घायल हो गईं। पाकिस्तान की संप्रभुता का यह उल्लंघन पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।” पाकिस्तान ने कहा कि वह हमेशा कहता है कि आतंकवाद सभी देशों के लिए एक साझा खतरा है, जिसके लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

पाकिस्तान ने कहा- इससे बिगड़ सकते हैं द्विपक्षीय संबंध

पाकिस्तान ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई अच्छे पड़ोसी के लक्षण नहीं है। यह द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर रूप से कमजोर कर सकते हैं। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 2 पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ईरानी हमलों ने ईरानी सीमा से लगभग 50 किलोमीटर अंदर पाकिस्तान के बलूचिस्तान के पंजगुर जिले में एक मस्जिद को क्षतिग्रस्त कर दिया। पाकिस्तान ने ईरानी विदेश मंत्रालय में इस हमले की शिकायत की है।

पाकिस्तान ने ईरान के राजनयिक को किया तलब

पाकिस्तान ने हमले का कड़ा विरोध जताते हुए तेहरान में ईरानी विदेश मंत्रालय के संबंधित वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष अपनी बात रखी है। पाकिस्तान ने ईरानी राजनयिक को भी विदेश मंत्रालय में बुलाया है।

जैश अल-अदल क्या है?

सुन्नी आतंकवादी समूह जैश अल-अदल का गठन 2012 में हुआ था। इसका मुख्यालय पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है और यह पहले जुंदल्लाह का हिस्सा था जोकि एक वैश्विक आतंकी संगठन है। यह संगठन अक्सर ईरान के सुरक्षा बलों पर हमले करता है। पिछले साल दिसंबर में ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में इस आतंकी संगठन के हमले में 11 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी। भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के ईरान से अपहरण करने में भी इसी संगठन के आतंकी शामिल थे।

ईरान ने सीरिया और इराक में भी किये थे हमले

ईरान के IRGC ने इससे पहले इराक के स्वायत्त कुर्दिस्तान के एरबिल में स्थित इजरायल के ‘जासूसी मुख्यालय’ पर हमला किया था। कुछ मिसाइलें अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास भी गिरीं थीं। हमले की अमेरिका ने कड़ी निंदा की थी। ऐसे ही हमले सीरिया में ईरान विरोधी संगठनों पर भी किए गए थे और ये हमले हाल ही में जनरल कासिम सुलेमानी की बरसी पर हुए हमले के जवाब में किये गए थे।

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