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Budget 2024: बजट में आठ लाख रुपये तक की हो सकती है टैक्स फ्री


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नई दिल्ली – फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। इसमें चुनावी वर्ष में टैक्सपेयर्स को गुड न्यूज मिल सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसमें नए इनकम टैक्स रिजीम के तहत छूट की सीमा सात लाख रुपये से बढ़ाकर 7.5 लाख रुपये की जा सकती है। ऐसा होता है तो आठ लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसमें 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल है। इसके लिए फाइनेंस बिल में बदलाव किया जा सकता है। पिछले साल के बजट में नए टैक्स रिजीम के तहत छूट की सीमा पांच लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये की गई थी। साथ ही इनकम टैक्स स्लैब्स की संख्या भी सात से घटाकर छह कर दी गई थी।

सरकार ने पुरानी टैक्स व्यवस्था की तुलना में नई टैक्स व्यवस्था को अधिक आकर्षक बनाने के लिए पिछले बजट में इसके में कुछ बदलाव किए हैं।इसके तहत एक तो आपको 3 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं चुकाना है।वहीं अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख रुपये तक है तो आपको 3-7 लाख रुपये यानी बचे हुए 4 लाख रुपयों पर टैक्स छूट भी मिल जाएगी।साथ ही सरकार ने इसे और ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए दो तरह के डिडक्शन का फायदा दिया है।

सरकार से जुड़े कई सूत्र दावा कर रहे हैं कि इस बार आयकर के दायरे में इजाफा किया जा सकता है और इसका मकसद कड़ी मेहनत करने वाले मध्यम वर्ग के लोगों को कर लाभ देना है। लोकसभा चुनावों के बाद जब पूर्ण बजट पेश किया जाएगा तो उसमें ये बदलाव किए जा सकते हैं। हालांकि कुछ सूत्रों का दावा है कि सरकार अंतरिम बजट में ही टैक्स स्लैब का दायरा बढ़ाने का संकेत दे सकती है। इस फैसले का प्रस्ताव एक फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट के फाइनेंस बिल लाया जा सकता है।जानकारों का मानना है कि केंद्र सरकार कर संग्रह का दायरा बढ़ाने के साथ-साथ करदाताओं पर पर टैक्स का बोझ कम करने की दोहरी नीति कपर काम कर रही है। कर निर्धारण वर्ष 2023-24 में पहली बार 8.18 करोड़ लोगों ने आईटीआर भरा जो पिछले साल के मुकाबले करीब नौ फीसदी ज्यादा है।

बजट 2020 में नई टैक्स रिजीम की पहली बार घोषणा की गई थी। वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम दोनों को लागू कर रखा है। टैक्सपेयर्स दोनों में से कोई भी एक ऑप्शन चुनकर ITR फाइल कर सकते हैं और टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं। हालांकि, न्यू टैक्स रिजीम डिफॉल्ट रखी गई है। यदि आप ओल्ड टैक्स रिजीम के फायदे लेना चाहते हैं तो उसे चुनना जरूरी है। इसलिए, यदि आपने अपनी प्रॉयारिटी के बारे में अपनी कंपनी को नहीं बताया है, तो अब आप पर न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स लगेगा।

आपका 7.80 लाख रुपये का पैकेज है. ऐसे में आपकी बेसिक सैलरी आपके सीटीसी का कम से कम 50 फीसदी होगा।मतलब आपकी बेसिक सैलरी हुई 3.90 लाख रुपये।80CCD(2) के तहत आप अपने एंप्लॉयर से कॉरपोरेट एनपीएस अकाउंट में इसका 10 फीसदी यानी 39 हजार रुपये तक निवेश करवा सकते हैं, जिस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।तो अगर आपकी सैलरी 7.80 लाख रुपये है तो उस पर 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा और 39 हजार रुपये के कॉरपोरेट एनपीएस पर टैक्स छूट मिलेगी।इस तरह आपको कुल मिलाकर 89,000 रुपये तक का डिडक्शन मिलेगा, जिसकी वजह से आपकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख रुपये से कम (6.91 लाख रुपये) रह जाएगी और आप पर टैक्स देनदारी जीरो हो जाएगी।

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