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बिना हाथ के पैरों से तीर-धनुष चलाने वाली पैरा तीरंदाज शीतल देवी को मिला अर्जुन अवॉर्ड


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नई दिल्लीः कहते हैं हौसला अगर बुलंद तो मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य भी बौना साबित हो जाता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है भारत बेटी शीतल देवी ने। जम्मू कश्मीर की एक छोटे गांव की रहने वाली शीतल ने बिना हाथों के देश के लिए पैरा एशियन गेम्स में मेडल जीतकर देश का परचम लहराया। पैरों से तीर-धनुष चलाने वाली शीतल देवी ने पिछले साल पैरा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कुल 26 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया

इस बार कुल 26 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। सात्विक-चिराग की जोड़ी को खेल रत्न दिया गया। वहीं, अन्य 24 खिलाड़ियों को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। अर्जुन अवॉर्ड पाने वाले खिलाड़ियों में मोहम्मद शमी भी शामिल हैं।

दो स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला

राष्ट्रपति भवन में जब अर्जुन पुरस्कार के लिए उनका नाम लिया गया तो पूरा हॉल तालियां की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था। हर कोई उन्हें अवॉर्ड लेते देख खुश हो रहे थे। उन्हें देखकर सिर्फ यही लग रहा था कि शारीरिक अक्षमता होने के बावजूद अगर मनोबल ऊंचा रखें तो मंजिल पाया जा सकता है।गोल्डन गर्ल शीतल देवी जम्मू कश्मीर के जिला किश्तवाड़ की रहने वाली हैं। 16 वर्षीय शीतल ने बीते साल चीन के हांगझाऊ में हुए एशियाई पैरा खेलों में दो स्वर्ण समेत तीन मेडल जीतकर इतिहास रचा था। वह एक ही संस्करण में दो स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं।

कौन हैं शीतल देवी?

शीतल देवी का जन्म किश्तवाड़ जिले के दूरदराज गांव लोई धार में हुआ था. शीतल के पिता किसान हैं. मां घर संभालती हैं. जन्म से ही शीतल के दोनों हाथ नहीं थे. ऐसे में शीतल का जीवन शुरू से ही संघर्षपूर्ण रहा. हालांकि हाथ नहीं होने के बाद भी उन्होंने वो कर दिखाया जो हाथ वाले भी शायद नहीं कर पाए.शीतल ने तीरंदाजी करना शुरु की. शीतल सिर्फ छाती के सहारे दांतों और पैर से तीरंदाजी करती रहीं. जब शीतल ने अर्जुन अवॉर्ड में अपना नाम शामिल पाया तो बेहद खुश थी, मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि माता वैष्णो देवी की कृपा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मिला आशीर्वाद उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.साथ ही कहा कि कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे अर्जुन पुरस्कार मिलेगा. इस पुरस्कार का श्रेय मेरे माता-पिता, कोच कुलदीप वेदवान और अभिलाष चौधरी, श्राइन बोर्ड साथ ही बेंगलुरु में मेरी मार्ग दर्शक प्रीति राय को जाता है.

शीतल देवी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मिला आशीर्वाद

पैरों से लक्ष्य पर निशाना साधने वाली पैरा एशियाई खेलों की चैंपियन तीरंदाज शीतल देवी को राष्ट्रपति भवन में महामहिम द्रौपदी मुर्मु ने अर्जुन पुरस्कार दिया। खेल मंत्रालय ने अर्जुन पुरस्कार देने की घोषणा पहले ही कर दी थी, जिसके बाद उन्हें इस अवार्ड से नवाजा गया। शीतल देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मिला आशीर्वाद उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा।

एक विशेष धनुष तैयार कराया गया

ट्रेनिंग के शुरुआती दिनों में वह धनुष तक नहीं उठा पाती थीं लेकिन उन्होंने दाएं पैर से धनुष उठाने का अभ्यास किया और दो साल की कड़ी ट्रेनिंग के बदौलत जीत का परचम लहराया। 2021 में बतौर तीरंदाज करियर की शुरुआत करने वाली शीतल ने पहली बार किश्तवाड़ में भारतीय सेना की एक युवा प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। ट्रेनिंग के दौरान उनके लिए एक विशेष धनुष तैयार कराया गया, ताकि वह पैर से आसानी से धनुष उठा सकें और कंधे से तीर को खींच सकें। उनके कोच अभिलाषा चौधरी और कुलदीप वेदवान हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके जज्बे को सराहा

विश्व की नंबर- 1 पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने पैरा एशियन गेम्स दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। एशियन गेम्स में धमाल मचाने के बाद जब शीतल वापस भारत आईं थी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके जज्बे को सराहा था। एशियन गेम्स में तीन मेडल जीतने के बाद अब शीतल इसी साल पेरिस पैरालिंपिक खेलों में अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।

फोकोमेलिया बीमारी से पीड़ित हैं शीतल

शीतल देवी का जन्म जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के लोई धार गांव में हुआ था। शीतल के पिता पेशे से एक किसान हैं और उनकी मां घर संभालती हैं। शीतल से बचपन से ही फोकोमेलिया बीमारी से पीड़ित हैं। इस बीमारी में शरीर का विकास पूरी तरह से नहीं हो पाता है। इस कारण शीतल का जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा। हालांकि बाजू न होना शीतल के लिए दिव्यांगता अभिशाप नहीं बन पाया और उन्होंने अपने पैरों से तीर धनुष चलाकर दुनिया जीत ली।

शीतल देवी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अर्जुन अवॉर्ड से किया सम्मानित

प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया के एक्स अकाउंट से पोस्ट कर लिखा गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पैरा तीरंदाजी में उनकी उपलब्धियों के लिए सुश्री शीतल देवी को अर्जुन पुरस्कार 2023 प्रदान किया। वो साल 2023 में हांगझू, चीन में आयोजित चौथे पैरा एशियाई खेलों में तीन स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीता चुकी हैं। साथ ही साल 2023 में चेक गणराज्य के पिल्सेन में आयोजित विश्व पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप में

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