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जम्मू व कश्मीर में ठंड का कहर, न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे पंहुचा


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नई दिल्लीः कश्मीर घाटी में शीत लहर के प्रकोप के साथ न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे पहुंच गया. इसलिए यहां नदी, नाले और झीलें जम गई है. जलाशयों में पानी जम गया है. मौसम कार्यालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि सोमवार रात श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिससे डल झील की सतह पर बर्फ की एक पतली परत बन गई है.

‘-6’ डिग्री से नीचे पहुंचा पारा

‘हाउसबोट’ में रहने वाले स्थानीय निवासियों को अपनी नावों को किनारे पर लाने के लिए बर्फ की परत तोड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. शीत लहर की वजह से कश्मीर के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति करने वाले पाइप के अंदर पानी जम गया है. उन्होंने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 6.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से नीचे 5.7 डिग्री सेल्सियस था.

पहाड़ों पर बर्फबारी से ठिठुरन में इजाफा

जम्मू। प्रदेश में ठंड का प्रकोप जारी है। हर जगह अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से कम चल रहा है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी जारी है, जिस वजह से मैदानों में ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम का असर हवाई और रेल सेवा पर भी पड़ने लगा है। रविवार को जम्मू से श्रीनगर, लेह और दिल्ली की तीन फ्लाइट देरी से पहुंचीं हैं। वहीं, ट्रेन भी देरी से जम्मू पहुंचीं हैं। श्रीनगर और जम्मू का रात और दिन का तापमान सामान्य से काफी कम रहा। जम्मू, सांबा और कठुआ जिलाें में लगातार घना कोहरा पड़ रहा है। मौसम विभाग श्रीनगर के अनुसार 15 जनवरी तक खुष्क मौसम बने रहने की संभावना जताई गई है। बीच में हल्की बारिश व बर्फबारी भी हो सकती है। फिलहाल अभी ठंड से राहत की उम्मीद नहीं है।

न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे पंहुचा

जम्मू में अधिकतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जोकि सामान्य से 4.4 डिग्री कम है। न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री गिर कर 8.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। कटड़ा का तापमान 19.4 डिग्री रहा, जोकि सामान्य से 1.6 डिग्री अधिक है। श्रीनगर का न्यूनतम तापमान माइनस 3.4 डिग्री, पहलगाम का न्यूनतम तापमान माइनस 3.4 डिग्री, गुलमर्ग का न्यूनतम तापमान माइनस 3.5 डिग्री, काजीगुंड का न्यूनतम तापमान माइनस 2.6 डिग्री, कोकेरनाग का माइनस 1.4 डिग्री, कुपवाड़ा का माइनस 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। दिसंबर माह में कश्मीर के कुछ इलाकों में बर्फबारी और बारिश हुई, जिसके चलते तापमान में गिरावट आई है।

मैदानी इलाकों में नहीं हुई बर्फबारी

अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग स्कीइंग रिसॉर्ट में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चार डिग्री, काजीगुंड में 4.4 डिग्री, कोकेरनाग शहर में 2.7 डिग्री और कुपवाड़ा में 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. उन्होंने बताया कि कश्मीर में लंबे वक्त से मौसम स्थिर बना हुआ है और अगले छह दिनों तक बारिश का कोई अनुमान नहीं है. दिसंबर में बारिश 79 फीसदी की कमी हुई. कश्मीर के अधिकतर मैदानी इलाके में बर्फबारी नहीं हुई और मौसम शुष्क रहा. घाटी के ऊपरी इलाकों में दिसंबर के अंत तक सामान्य से कम बर्फबारी दर्ज की गई. अधिकारियों ने बताया कि आसमान साफ रहने की वजह से श्रीनगर सहित ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.

अरब सागर में बन रहा कम दबाव का क्षेत्र

IMD के मुताबिक अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसके कारण कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण पूर्व अरब सागर, लक्षद्वीप और आसपास के दक्षिण पश्चिम अरब सागर में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। मछुआरों से चेतावनी वाली जगहों पर समुद्र में जाने से मना किया गया है।

‘चिल्लई-कलां’ की चपेट में कश्मीर

ख्याल रहे कि कश्मीर मौजूदा वक्त में ‘चिल्लई-कलां’ की चपेट में है. यह 40 दिनों की भीषण सर्दी का वक्त है. इस दौरान क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है जिससे प्रख्यात डल झील सहित जल निकाय जम जाते हैं. घाटी के कई हिस्से इस स्थिति का सामना करते हैं. इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और ऊंचाई वाले इलाके में भारी बर्फवारी भी होती है. चिल्लाई-कलां 31 जनवरी को खत्म होगा. ‘चिल्लई-कलां’ की शुरुआत 21 दिसंबर से होती है और 31 जनवरी को यह खत्म होगा. इसके बाद कश्मीर में 20 दिनों का ‘चिल्लई-खुर्द’ (छोटी ठंड) और 10 दिनों का ‘चिल्लई-बच्चा’ (हल्की ठंड) का दौर रहता है. इस दौरान शीत लहर जारी रहती है.

मौसम विभाग की एडवाइजरी- ड्राइविंग में सावधानी रखें

ट्रैफिक - कोहरा होने पर गाड़ी चलाते समय या किसी ट्रांसपोर्ट के जरिए ट्रैवल करते समय सावधान रखें। ड्राइविंग धीरे करें और फॉग लाइट का इस्तेमाल करें। ट्रैवल शेड्यूल के लिए एयरलाइंस, रेलवे और स्टेट ट्रांसपोर्ट के संपर्क में रहें। एयरलाइंस कंपनियों ने यात्रियों से कहा है कि वे एयरपोर्ट रवाना होने से पहले उड़ानों की स्थिति चैक कर लें।
हेल्थ - जब तक इमरजेंसी न हो, तब तक बाहर निकलने से बचें और चेहरे को ढंक कर रखें। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस से पीड़ित लोग लंबे समय तक घने कोहरे में रहने से बचें। इससे सांस से जुड़ी परेशानी बढ़ सकती है

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