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Gyanvapi Case Verdict : ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम का बड़ा फैसला, मुस्लिमो को झटका


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नई दिल्ली – ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने और मस्जिद के वजू खाने में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की अनुमति देने के आग्रह वाली याचिका को बृहस्पतिवार को सुनवाई योग्य मानते हुए मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज कर दी. अदालत अब इस मामले की अगली सुनवाई दो दिसंबर को करेगी. जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता सुलभ प्रकाश ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) फास्ट ट्रैक अदालत, महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने किरन सिंह की तरफ से दाखिल वाद को सुनवाई के योग्य माना है.

अदालत ‘शिवलिंग’ की पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाए जाने का दावा किया है।शिवलिंग मिलने के बाद विश्व वैदिक सनातन संस्था ने भी वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट में अलग से याचिका दायर की थी। याचिका विश्व वैदिक सनातन संस्था के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह विशेन की पत्नी किरण सिंह व अन्य ने दायर की है.

मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया ने वाद की विचारणीयता पर सवाल उठाए थे. मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि यह मामला उपासना स्थल अधिनियम 1991 के तहत आता है लिहाजा इस पर सुनवाई न की जाए. गौरतलब है कि सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वे में पिछली मई में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने से एक आकृति बरामद हुई थी.

हिंदू पक्ष की मांगों में स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की पूजा की अनुमति, संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपने और ज्ञानवापी परिसर के अंदर मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने कहा- “वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुकदमे की स्थिरता को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।”

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