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बांग्लादेश में क्यों लगातार कम हो रही है हिंदुओं की जनसंख्या? जानें वजह


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नई दिल्लीः भारत का पड़ोसी मित्र देश बांग्लादेश में हिंदुओं की जनसंख्या लगातार घट रही है। दुनियाभर में हिंदुओं की जनसंख्या एक अरब 20 करोड़ है जिसमें से एक अरब 10 करोड़ भारत में रहते हैं। बांग्लादेश में तीसरी सबसे ज्यादा हिंदू आबादी है। बांग्लादेश एक मुस्लिम बहुल देश है और यहां बड़ी आबादी मुसलमानों की है। बांग्लादेश 1971 में बना था। इसके पहले इसे पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था।

बांग्लादेश की शेक हसीना सरकार मुसलमानों को लुभा रही है

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश की शेक हसीना सरकार मुसलमानों को लुभा रही है। इस समय देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना हैं और उनकी पार्टी आवामी लीग को देश की एकमात्र धर्मनिरपेक्ष पार्टी कहा जाता है। चुनाव से पहले यह पार्टी मुस्लिमों को अपने पक्ष में करना चाहती है। बांग्लादेश में 7 जनवरी को आम चुनाव में मतदान की तैयारी चल रही है।

अगले महीने आम चुनाव

यह एक ज्वलंत प्रश्न है और यह और भी दिलचस्प हो गया है क्योंकि में बांग्लादेश 7 जनवरी को आम चुनाव होने जा रहे हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट में ‘बीइंग हिंदू इन बांग्लादेश: द अनटोल्ड स्टोरी’ के लेखक और पत्रकार दीप हलदर बताते हैं कि 2024 के चुनाव का हिंदुओं पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।दीप हलदर कहते हैं कि, “अगर हसीना सरकार को किसी ऐसे तत्व से बदल दिया जाता है जो धर्मनिरपेक्ष बांग्लादेश के विचार के लिए हानिकारक है, तो यह बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए विनाशकारी होगा जैसा कि हमने 2001 में देखा था जब खालिदा जिया की बीएनपी-जमात सत्ता में आई थी।
बांग्लादेश में दो दशक पहले खालिदा जिया की सरकार में हिंदुओं के नरसंहार और हिंसा की घटनाएं हुई थीं। हालांकि अब बीएनपी खुद को एक अल्पसंख्यक समर्थक होने का दावा कर रही है।हाल ही में बीएनपी ने शेख हसीना सरकार का ‘असली चेहरा’ उजागर करने के लिए हिंदुओं के खिलाफ अत्याचारों को उजागर करने वाला एक दस्तावेज़ जारी किया है। इस दस्तावेज में अवामी लीग के सदस्यों द्वारा हिंदुओं की जमीन हड़पने की ओर इशारा किया गया है।

हिंदुओं की जमीन पर कब्जा

रिपोर्ट में बताया गया है कि बांग्लादेश के कुमिल्ला जिले में माणिक भौमिक की जमीन पर अवामी लीग के किसान विंग के नेता खुर्शीद आलम ने जबरदस्ती कब्जा कर लिया था। अधिकांश अल्पसंख्यक अपनी जमीन खो देते हैं। हिंदुओं की जमीन कब्जाने की ऐसी और भी कई घटनाएं होती रहती हैं। पीड़ित हिंदुओं की बात बांग्लादेश की राष्ट्रीय मीडिया में नहीं आ पाती।

हिंदुओं के साथ अन्याय-उत्पीड़न

रिपोर्ट में बताया गया है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय और उत्पीड़न हुआ है। इस वजह से इस देश में हिंदुओं की हिस्सेदारी 1951 में 22 प्रतिशत से घटकर 2022 में 8 प्रतिशत से कम हो गई है। वहीं मुसलमानों की आबादी बढ़कर 91 प्रतिशत से अधिक हो गई है जो कि 1951 में 76 प्रतिशत थी।

देश छोड़ रहे हैं हिंदू

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के मुताबिक 1964 से 2013 के बीच 11 मिलियन से अधिक हिंदू धार्मिक उत्पीड़न के कारण बांग्लादेश से भाग गए। इसमें कहा गया है कि हर साल 2 लाख 30 हजार हिंदू देश छोड़कर चले जाते हैं। डीडब्ल्यू के अनुसार, 2011 की जनगणना से पता चला कि 2000 से 2010 के बीच देश की आबादी से दस लाख हिंदू गायब हो गए। बांग्लादेश से हिंदुओं का पलायन और वहां मुसलमानों की जन्म दर ज्यादा होना भी हिंदू आबादी कम होने की वजह है।

कट्टरपंथियों को क्यों लुभा रही शेख हसीना?

शेख हसीना की अवामी लीग इस्लामवादियों को लुभाने की कोशिश कर रही है क्योंकि वह अपना मतदाता आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि शेख हसीना और अवामी लीग की राजनीतिक मजबूरियां हैं जो उन्हें इस्लामवादियों को लुभाने के लिए मजबूर कर रही हैं। वे कहते हैं कि यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि अवामी लीग एक राजनीतिक पार्टी है जिसका उद्देश्य चुनाव जीतना है। बांग्लादेश की पांच प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से, अवामी लीग एकमात्र आधिकारिक तौर पर धर्मनिरपेक्ष पार्टी है।

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