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जापान पर मंडरा रहा इन्फ्लुएंजा का खतरा,जानें कारण और बचाव के तरीके


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नई दिल्लीः पिछले कुछ सालों से दुनिया पर किसी न किसी महामारी का खतरा मंडरा रहा है। कोरोना के बाद चीन में बढ़ते निमोनिया ने दुनिया में एक डर का माहौल बना दिया है जिसके बाद अब जापान के हालात भी सामान्य नहीं दिख रहे हैं। पिछले कुछ समय में ही जापान में लगभग 5000 अस्पतालों में इन्फ्लूएंजा फ्लू के लगभग 166,690 मामले सामने आएं हैं जो जापान के लिए एक बड़ा चिंता का विषय बन गया है।

भारत के कुछ राज्यों में भी कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 मामले

हाल ही में भारत के कुछ राज्यों में भी कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के कुछ मामले सामने आने से भारत सरकार सहित स्वास्थ्य एक्सपर्ट की चिंता बढ़ा दी है। जापान में पहले कोरोना और अब इन्फ्लूएंजा फ्लू ने वहां की सरकार को चिंता में ड़ाल दिया है। जापान के स्वास्थ्य मंत्री ने खुद इस बारे में जानकारी दी है कि जापान में पिछले 10 सालों में इन्फ्लूएंजा फ्लू के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिले हैं। भारत सरकार ने भी जापान में इन्फ्लूएंजा फ्लू को देखते हुए इसके ऊपर नज़र रखने और रिपोर्ट देने को कहा है। आज हम यहाँ फ्लू के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं।

जापान पर इन्फ्लुएंजा का खतरा बढ़ा

दुनिया भर में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच जापान के सामने नई महामारी की चुनौती खड़ी हो गई है. यहां इंफ्लुएंजा के मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ती जा रही है. जापान ने कहा कि देश में इन्फ्लूएंजा रोगियों की औसत संख्या 10 साल में सबसे तेज गति से उच्च स्तर पर पहुंची है. जापान टाइम्स ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हवाले से बताया कि हाल के वर्षों में कोरोनो वायरस महामारी के खिलाफ लागू किए गए संक्रमण-रोधी उपायों के बीच इन्फ्लूएंजा का वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है, जिससे मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. जापान के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जापान में लगभग 5,000 चिकित्सा सुविधाओं में फ्लू के लगभग 166,690 मरीज सामने आए हैं.

कोरोना के भी मामले बढ़ रहे

जापान के स्वास्थ्य अधिकारियों ने आगे कहा कि देश में लगातार तीसरे हफ्ते भी कोरोना वायरस के मामले बढ़े हैं. इसका मतलब यह है कि देश में साल के अंत और नए साल के जश्न के दौरान वायरस और अधिक फैल सकता है. उधर, सिंगापुर में कोविड-19 के तेजी से बढ़ते मामलों ने दुनिया की चिंताएं बढ़ा दी हैं.

विशेषज्ञों ने जताई चिंता

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में इन्फ्लूएंजा के मरीजों का बढ़ना चिंताजनक है. विशेषज्ञों के अनुसार, इन्फ्लूएंजा का प्रकोप आम तौर पर सर्दियों और वसंत के अंत में होता है, लेकिन इस साल अगस्त से ही मामलों में असामान्य वृद्धि देखी गई.कावासाकी सिटी इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ के प्रमुख नोबुहिको ओकाबे ने कहा, “संक्रमण को रोकने के लिए टीकाकरण, मास्क पहनना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना जरूरी है.”

फ्लू क्या होता है?

स्वास्थ्य एक्सपर्ट के मुताबिक फ्लू एक बीमारी है जो इन्फ्लूएंजा वायरस फैलने से होती है। सर्दियों में फ्लू के फैलने के ज्यादा चांस रहते हैं यह बीमारी विशेष तौर पर सर्दियों में फैलती है। यह बीमारी शरीर में दर्द, गले में खराश, बुखार और रेस्पिरेटरी से जुड़ी होती है जो बहुत खतरनाक होती है। इन्फ्लूएंजा फ्लू होने से बचने के लिए सर्दियों में संभलकर रहना चाहिए। अपनी इम्युनिटी को मज़बूत रखना चाहिए।

फ्लू का कारण क्या है?

आमतौर इन्फ्लूएंजा वायरस फ्लू का कारण बनता है। इनमें इन्फ्लुएंजा ए, बी और सी सबसे आम प्रकार हैं, जो लोगों को संक्रमित करते हैं। इन्फ्लुएंजा ए और बी मौसमी हैं, जो ज्यादातर लोगों को सर्दियों में होता है और इनके लक्षण ज्यादा गंभीर होते हैं। वहीं, इन्फ्लुएंजा सी गंभीर लक्षण पैदा नहीं करता है और यह मौसमी नहीं है।

फ्लू क्यों होता है?

फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित होने से फैलता है, इन्फ्लूएंजा वायरस से यदि आप संक्रमित होते हैं तो आपको फ्लू होने का खतरा रहता है। इन्फ्लुएंजा वायरस तीन तरह के होते है A, B और C, इन्फ्लुएंजा ए और बी सबसे ज्यादा सर्दियों में फैलने का खतरा रहता है और यह बहुत खतरनाक होता है। इन्फ्लुएंजा सी एक मौसमी वायरस नहीं है और यह ज्यादा खतरनाक नहीं है।

क्या हैं लक्षण?

इसमें शुरुआत में खांसी की समस्या होती है जिसके बाद बुखार, सिरदर्द और ठंड लगने लगती है। इसमें नाक बहने और शरीर में दर्द होने लगता है साथ ही गला खराब होना, कमजोरी महसूस होना और दस्त या उल्टी होने जैसी समस्याएं सामने आने लगती है।

फ्लू से बचने के तरीके

इन्फ्लुएंजा फ्लू से बचने के लिए आपको प्रत्येक वर्ष वैक्सीन लगवानी चाहिए। वैक्सीन लगवाने के कारण आपके अंदर वायरस को मारने की एंटीडोट होगी जिससे वायरस आपको बीमार नहीं कर पायेगा। वैक्सीन लगवाने के बाद आप आपकी इम्युनिटी मज़बूत रहेगी जिससे फ्लू का खतरा कम होगा।

  • खाने खाने से पहले और बाद में यह किसी चीज को छूने से पहले और बाद में अपने हाथ बार-बार साबुन और पानी से धोएं। अगर साबुन और पानी उपलब्ध नहीं हैं, तो अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
  • छींकते या खांसते समय अपनी नाक और मुंह को कवर करें। आप इसके लिए अपनी कोहनी या टिशू का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • फ्लू या अन्य संक्रामक बीमारियों से पीड़ित लोगों के निकट संपर्क में आने से बचें।
  • अगर आप बीमार हैं, तो दूसरों के आसपास जाने से बचें और मास्क जरूर पहनें।
  • बार-बार अपने चेहरे, आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
  • दूसरों के साथ अपने खाने या खाने के बर्तन (कांटे, चम्मच, कप) आदि को शेयर न करें।

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