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WHO ने दुनिया को किया अलर्ट,कोरोना के नए JN.1 वैरिएंट का दिया अपडेट


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नई दिल्लीः विश्व स्वाथ्स्य संगठन ने हाल के समय में कोरोना महामारी की बढ़ती स्थितियों के बीच बड़ी हिदायत दी है। साथ ही सांस संबंधी बीमारियों के बढ़ने और कोरोना के नए सबवैरिएंट जेएन.1 को लेकर दुनिया के कई देशों को अलर्ट कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना वायरस अपना स्वरूप लगातार बदल रहा है। ऐसे में सभी देश पूरी तरह ऐहतियात बरें और अपने यहां मजबूत सर्विलांस रखें, ताकि कोरोना के नए सबवैरिएंट के प्रचार प्रसार को रोका जा सके। डब्लूएचओ ने कोविड 19 पर संगठन की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया है। इस वीडियो में केरखोव ने सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की वजह बताई है। साथ ही यह भी बताया है कि इन्हें रोकने के लिए क्या सावधानियां बरती जाना जरूरी है।

सार्स कोव-2 वायरस लगातार बदल रहा अपना स्वरूप

मारिया वान केरखोव ने भी सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि दुनियाभर में सांस संबंधी बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। इनमें कोरोना वायरस के साथ ही रिनो वायरस, फ्लू, माइकोप्लाज्मा, न्यूमोनिया और अन्य बीमारियां शामिल हैं। सार्स कोव-2 लगातार अपने आप को बदल रहा है। कोरोना का सबवैरिएंट जेएन.1 भी फैल रहा है। केरखोव ने कहा कि सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की कई वजह है, इनमें एक मौजूदा छुट्टियों का सीजन भी है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग यात्राएं करते हैं।

सरकार देशभर में अलर्ट मोड पर

कोविड-19 संक्रमण के नए वेरिएंट जेएन-1 की केरल में पुष्टि के बाद सरकार देशभर में अलर्ट मोड पर है. पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 335 नए मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, यूपी और केरल में कोरोना से पांच लोगों की मौत हुई है। उधर, डब्ल्यूएचो भारत समेत कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों से चिंता में है। उसने एडवाइजरी जारी करते हुए देशों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है.देश में पिछले 24 घंटे में सिर्फ कोरोना केसों ने ही चिंता नहीं बढ़ाई है। कोरोना के कारण पिछले 24 घंटे में पांच लोगों की मौत भी हुई है। केरल में चार जबकि यूपी में एक मौत की सूचना है. कोविड-19 से 5,33,316 लोगों की मौत हो चुकी है कोरोना के कारण देश में मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। वहीं, संक्रमण से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4.46 करोड़ (4,44,69,799) है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय रिकवरी दर 98.81 प्रतिशत आंकी गई है.

कोरोना के 68 फीसदी मामले सबवैरिएंट जेएन.1

केरखोव ने कहा कि सर्दियों के मौसम में ज्यादातर लोग अपने घर में ही समय बिताते हैं। ऐसे में वेंटिलेशन का अभाव रहता है, ऐसे में ​बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। बता दें कि पश्चिमी देशों में इन दिनों क्रिसमस की छुट्टियां होने वाली हैं। यही वजह है कि कोरोना या अन्य सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की आशंका जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस फैल रहा है और फिलहाल कोरोना के 68 फीसदी मामले सबवैरिएंट जेएन.1 की वजह से हैं।

दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में फैल रहा कोरोना का नया वैरिएंट

बता दें कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को ​एक बार फिर कोरोना का डर सताने लगा है। कोविड-19 से जुड़े नए वेरिएंट की वजह से सांस के संक्रमण के तेजी से फैलने की चिंता सरकारों को सताने लगी है। इस कारण दक्षिण पूर्व एशिया की सरकारों ने इसे नियंत्रित करने के लिए पुराने उपायों को फिर लागू करने का निर्णय किया है। लोगों से एयरपोर्ट पर मास्क पहनने की अपील की गई है। वहीं बुखार की जांच करने के लिए थर्मल स्कैनर फिर से चालू किए जाएंगे। सरकारें कई तरह के रोगाणुओं, जैसे कि कोविड वेरिएंट, फ्लू, निमोनिया और अन्य सांस के रोग पैदा करने वालों को धीमा करने का लक्ष्य रख रही है।

कोरोना का नया वैरिएंट जिम्मेदार

इसकी वेबसाइट पर कहा गया कि BA.2.86 के एक वेरिएंट JN.1 से संक्रमित मामले मौजूदा वक्त में सिंगापुर में 60 प्रतिशत से अधिक COVID-19 मामलों के लिए जिम्मेदार हैं. जबकि BA.2.86 और इसके वेरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 21 नवंबर 2023 को रुचि के प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है। एमओएच ने कहा कि मौजूदा वक्त में वैश्विक या स्थानीय स्तर पर कोई संकेत नहीं है कि BA.2.86 या JN.1 अन्य कोविड वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक हैं या अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं।

चीन में विशेषकर बच्चों में सांस संबंधी बीमारियों में तेजी

चीन में विशेषकर बच्चों में सांस संबंधी बीमारियों में हो रही तेजी से बढ़ोतरी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने तैयारियों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं. केंद्र सरकार से मिले निर्देश के बाद राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों ने अपने स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को अलर्ट पर रखा है. कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने भी नागरिकों को बीमारियों के संबंध में मौसमी फ्लू के प्रति सचेत रहने के लिए एक सलाह जारी की है. इसके अनुसार, मौसमी फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जो आम तौर पर पांच से सात दिनों तक रहती है और अपनी कम रुग्णता और मृत्यु दर के लिए जानी जाती है.हालाँकि, यह बीमारी शिशुओं, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले लोगों और स्टेरॉयड जैसी दीर्घकालिक दवाएँ लेने वाले लोगों के लिए अधिक जोखिम पैदा करता है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है.

कोविड सब-वैरिएंट JN.1 के लक्षण क्‍या हैं

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, JN.1 के लक्षण भी पिछले कोविड वैरिएंट्स जैसे हैं। यह ऊपरी श्वसन तंत्र में परेशानियां खड़ी करता है। मरीजों को हल्के बुखार, खांसी, नाक बंद होना, गले में खराश, नाक बहना, सिर दर्द और पेट में गड़बड़ी की शिकायत हो सकती है। चूंकि JN.1 बेहद संक्रामक है, इसलिए यह कोविड का प्रमुख स्‍ट्रेन बन गया है।

कोरोना के नए रूप पर WHO की चेतावनी

कोरोना लहर का खतरा? कैसे करें बचाव

अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) के अनुसार, जो वैक्सीन वायरस के स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करती हैं, वे JN.1 और BA.2.86 के खिलाफ भी असरदार साबित होनी चाहिए। दिल्‍ली के गंगाराम अस्पताल में चेस्ट मेडिसिन में सीनियर कंसल्‍टेंट, डॉ उज्‍ज्‍वल प्रकाश ने कहा कि घबराने की बात नहीं है। सावधानी बरतना जरूरी है। डॉ प्रकाश ने कहा कि अभी यह कहना कि कोविड की नई लहर आ रही है, ठीक नहीं होगा। उन्‍होंने कहा कि यह किसी अन्‍य वायरल इन्‍फेक्‍शन की तरह गुजर सकता है। डॉ प्रकाश ने लोगों को मास्‍क पहनने समेत अन्‍य सावधानियां बरतने की सलाह दी। अगर लक्षण दिखें तो टेस्ट जरूर कराएं।​

भारत में कोविड के कितने सक्रिय मामले

देश में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 127 नए मामले सामने आए। इलाज करा रहे मरीजों की संख्या बढ़कर 1,828 हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मृतकों की संख्या बढ़कर 55,33,317 हो गई है।

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