बॉर्डर पर चीन की नई चाल, LAC के नजदीक लगाए तीन मोबाइल टावर; पार्षद ने शेयर की तस्वीर
नई दिल्ली: भारत के खिलाफ चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। लद्दाख में पैंगोंग लेक पर पुल बनाने के बाद अब चीन ने भारतीय सीमा के करीब अपने क्षेत्र में मोबाइल टावर स्थापित कर दिया है। चुशुल क्षेत्र के एक पार्षद ने यह दावा किया है। उन्होंने इलाके में मोबाइल टावर की तस्वीर भी शेयर की है।
चुशूल पार्षद कोंचोक स्टैंजिन ने एक ट्वीट में कहा ‘पैंगोंग लेक पर पुल का काम पूरा करने के बाद चीन ने भारतीय क्षेत्र के बेहद करीब चीन के हॉट स्प्रिंग के पास 3 मोबाइल टावर लगाए हैं। क्या यह चिंता का विषय नहीं है? बस्ती वाले गांवों में 4जी की सुविधा भी नहीं है। मेरे निर्वाचन क्षेत्र के 11 गांवों में 4जी सुविधा नहीं है।
एएनआई से बात करते हुए, पार्षद ने कहा कि टावरों का इस्तेमाल हमारे क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि चीन अपने हिस्से में तेजी से बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है। विकास के मामले में सरकार से चीन के कदम का उसी तरह से पलटवार करने का आग्रह करते हुए स्टैंजिन ने आरोप लगाया कि अधिकतर सीमावर्ती गांवों में भारत 4जी सेवा नहीं देता है।
After completing the bridge over Pangong lake, China has installed 3 mobile towers near China's hot spring very close to the Indian territory. Isn't it a concern? We don't even have 4G facilities in human habitation villages. 11 villages in my constituency have no 4G facilities. pic.twitter.com/4AhP4TYVNY
— Konchok Stanzin (@kstanzinladakh) April 16, 2022
उन्होंने कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र के 12 में से 11 गांवों में 4जी इंटरनेट की सुविधा नहीं है। हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए। हम कम्यूनिकेशन की सुविधा में पिछड़ रहे हैं। हमारे पास केवल एक मोबाइल टावर है जबकि उनकी तरफ नौ टावर हैं। इस साल फरवरी में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने लोकसभा को सूचित किया था कि चीन की ओर से 1962 से चीन के अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों में पैंगोंग झील पर एक पुल का निर्माण किया जा रहा है। लोकसभा को बताया गया कि भारत सरकार इस चीन के इस अवैध व्यवसाय को कभी स्वीकार नहीं किया हैl
बता दें कि साल 2020 में पैंगोंग क्षेत्र में सेनाओं के बीच झड़प के बाद भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया था। उसी साल जून में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद स्थिति और बढ़ गई। पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच 15 दौर की बातचीत हुई है लेकिन अभी तक कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है।