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राजनीति

भजनलाल शर्मा बने राजस्थान के नए मुख्यमंत्री,सियासी उथल-पुथल पर लगा विराम


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नई दिल्लीः राजस्थान को नया मुख्यमंत्री मिल गया है. भाजपा ने भजनलाल शर्मा को राज्य की कमान सौंपी है. छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की तरह भाजपा ने राजस्थान में भी सीएम पद के लिए अपने फैसले से सभी को चौंका दिया. यहां भी सियासी पंडितों के सारे अनुमान धरे के धरे रह गए. किसी ने नहीं सोचा था कि भाजपा भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाएगी. लेकिन इस बार भी भाजपा ने सारे सियासी समीकरण का आकलन करते हुए सीएम के तौर पर नए चेहरे को मौका दिया. भाजपा ने दीया कुमार और प्रेमचंद बैरवा को राजस्थान का डिप्टी सीएम घोषित किया है.

राजस्थान के नए सीएम भजनलाल शर्मा

राजस्थान की राजनीति में भजनलाल शर्मा एक बड़ा नाम हैं. अब वह राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे. शर्मा राजस्थान विधानसभा के सदस्य के रूप में सांगानेर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने चार बार भारतीय जनता पार्टी के राज्य महासचिव के रूप में भी कार्य किया. 2023 के राजस्थान विधान सभा चुनाव के बाद, उन्हें सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में चुना गया. उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48,081 वोटों के अंतर से हराकर अपना स्थान सुरक्षित किया.

सीएम बनने के बाद भजन लाल शर्मा का पहला रिएक्शन आया सामने

मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी ने भजन लाल शर्मा का नाम राजस्थान के नए सीएम के रूप में घोषित कर दिया है। पार्टी ने दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को राज्य का डिप्टी सीएम बनाया है। सीएम बनने के बाद भजन लाल शर्मा का पहला रिएक्शन भी सामने आ गया है। आइए जानते हैं कि राजस्थान के नए सीएम ने क्या कुछ कहा है।

क्या बोले भजन लाल शर्मा?

भजन लाल शर्मा ने सीएम बनने के बाद सबसे पहले पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह को धन्यवाद दिया है। इसके बाद उन्होंने अपना नाम प्रस्तावित करने के लिए वसुंधरा राजे को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा और स्पीकर वासुदेव देवनानी को भी शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा- “मैं आपको इस बात का भरोसा दिलाता हूं कि भाजपा की ये टीम मिलकर पीएम मोदी के नेतृत्व में राजस्थान का सभी क्षेत्रों में सर्वांगिन विकास करेंगे।

राजभवन गए भजन लाल

भाजपा द्वारा सीएम पद के लिए चुने गए भजन लाल शर्मा अब राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंच गए हैं। वह यहां राजस्थान में नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में 115 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी को चुनाव में 69 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं, 15 अन्य विधायक चुनकर विधानसभा में पहुंचे हैं।

पहली बार विधायक बने हैं भजन लाल

भजन लाल शर्मा राजस्थान की सांगानेर विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान ईकाई के प्रदेश महामंत्री का पद भी संभाल रहे थे। भरतपुर से ताल्लुक रखने वाले 56 वर्षीय भजन लाल शर्मा ब्राह्मण समाज से आते हैं। खास बात ये है कि 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में वह पहली बार विधायक बने हैं। भजनलाल शर्मा को संघ और संगठन दोनों का करीबी माना जाता है।

राजे ने भजनलाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा

राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के ऐलान से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे और सभी जीते विधायकों से काफी देर तक विचार-विमर्श किया. राजनाथ सिंह के नेतृत्व में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक विनोद तावड़े और सरोज पांडे की मौजूदगी में भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद भजनलाल शर्मा के नाम का ऐलान किया गया. राजनाथ के बगल में बैठीं वसुंधरा राजे ने भजनलाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा. राजे के प्रस्ताव पर सभी पार्टी विधायकों ने सहमति जताई.

राजस्थान में भी सारे अनुमान फेल

भाजपा ने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान में भी लोगों को भजनलाल शर्मा के नाम से चौंका दिया. मध्यप्रदेश में चार बार के सीएम शिवराज सिंह चौहान को मौका न देकर मोहन यादव को सीएम बनाया गया. वहीं, छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के नाम को लेकर भी कोई चर्चा नहीं थी और पार्टी ने उन्हें सीएम बनाया. पार्टी का यही ट्रेंड राजस्थान में भी जारी रहा. राज्य में एक बार के विधायक भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री के पद पर चुना गया.

प्रेमचंद बैरवा डिप्टी सीएम

भाजपा ने दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाया है. बैरवा राजस्थान के दूदू निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा भाजपा विधायक हैं. उन्होंने 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार बाबूलाल नागर को मामूली अंतर से हराकर सीट जीती थी. इससे पहले, बैरवा ने 2013 में कांग्रेस उम्मीदवार हजारी लाल नागर को 33,720 वोटों के अंतर से हराकर दूदू निर्वाचन क्षेत्र जीता था. वह 2018 में दूदू निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार बाबू लाल नागर से 14,779 मतों के अंतर से हार गए थे.

दीया कुमारी डिप्टी सीएम

अब आपको राजस्थान की दूसरी डिप्टी सीएम दीया कुमारी के बारे में बताते हैं. दीया कुमारी जयपुर शाही परिवार की सदस्य और राजसमंद से सांसद हैं, जिन्होंने विद्याधर नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा. उन्होंने कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल को 71,000 से अधिक वोटों से हराया. राजस्थान विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीतने वाली दीया कुमारी ही थीं. वे जयपुर रियासत के अंतिम शासक महाराजा मान सिंह द्वितीय की पोती हैं. मिलनसार व्यक्तित्व के चलते वे राजस्थान के लोगों के बीच एक लोकप्रिय चेहरा बन चुकी हैं.

विधायक दल की बैठक में चुना गया नेता

इसके बाद पार्टी ने राज्य के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी थी। उन्हें राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी सस्पेंस पर विराम लगाने और विधायक दल का नेता चुनने के लिए सभी की सहमति बनाने का जिम्मा सौंपा गया था। इसके बाद मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में भजन लाल शर्मा को चुना गया।

विधायक बने सांसदों के इस्तीफे ने बढ़ा दी थी सरगर्मी

इससे पहले राजस्थान के राजसमंद की सांसद दीया कुमारी, जयपुर के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा और अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि पार्टी वसुंधरा के अलावा किसी दूसरे चेहरे पर दांव खेल सकती है।

21 सांसदों को उम्मीदवार बनाया था

भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में कुल 21 सांसदों को उम्मीदवार बनाया था। इनमें से 12 ने जीत दर्ज की है। भाजपा ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में सात-सात, छत्तीसगढ़ में चार और तेलंगाना में तीन सांसदों को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा था।

मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में चौंकाया

इससे पहले भाजपा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर मोहन यादव के नाम पर मुहर लगाकर सभी चौंका दिया था। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं। यह भी तय किया गया कि मध्य प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री भी होंगे। इनके लिए जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला का चुना गया। जगदीश देवड़ा मल्हारगढ़ और राजेंद्र शुक्ला रीवा से विधायक हैं। इसके अलावा स्पीकर पद के लिए नरेंद्र सिंह तोमर के नाम का एलान किया गया था।वहीं, छत्तीसगढ़ में भाजपा ने विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री के लिए चुनकर सियासी गलियारे में हलचल मचा दी थी। इसके साथ ही यह भी बताया गया कि राज्य में दो डिप्टी सीएम होंगे और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह स्पीकर हो सकते हैं।

25 नवंबर को मतदान, तीन दिसंबर को आए थे नतीजे

राजस्थान में करणपुर विधानसभा सीट को छोड़कर बाकी सभी 199 सीटों पर 25 नवंबर को चुनाव कराए गए थे।इसके नतीजे 3 दिसंबर को आए। राजस्थान विधानसभा चुनाव के सियासी घमासान में कांग्रेस को पछाड़ कर भाजपा ने 115 सीटें जीतीं। वहीं कांग्रेस को 69 सीटें ही मिल सकीं। इसके अलावा 15 सीटें अन्य के खाते में गईं।साल 2023 राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा को 115 सीटें, कांग्रेस को 69 सीटें, भारतीय आदिवासी पार्टी तीन, बसपा को दो, आरएलडी 1, आरएलपी 1 और निर्दलीय को आठ सीट मिली थी. भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल किया है.

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