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राजनीति

Rajasthan Election Results 2023 : राजस्थान में BJP ने पार किया बहुमत का आंकड़ा,फिर होगा बीजेपी का राज


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नई दिल्लीः राजस्थान में 199 सीटों पर नतीजे सामने आ रहे हैं। चुनाव रुझान के मुताबिक, भाजपा ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। वहीं, कांग्रेस 62 सीटों पर आगे है। 25 नवंबर को वोटिंग हुई। 1863 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला हो रहा है।राजस्थान में जनता ने रिवाज कायम रखा है. चुनाव में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है. जबकि कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ रहा है. सूबे में बीजेपी की जीत में हिन्दुत्व का मुद्दा, ब्रांड मोदी का सबसे अहम रोल रहा. जबकि कांग्रेस की हार की मुख्य वजह पार्टी की अंदरूनी लड़ाई और लाल डायरी से लेकर करप्शन का मुद्दा रहा.

राजस्थान विधानसभा के चुनाव नतीजे आज (03-12-23) आने वाले हैं। 200 विधानसभा सीटों वाले राज्य में 199 सीटों पर वोटिंग हुई। सुबह 8 बजे से सभी केंद्रों पर पोस्टल बैलेट और 8.30 बजे से ईवीएम के माध्यम से मतगणना शुरू हो चुका है।

इतनी सीटों पर पार्टियां आगे

भाजपा-114

कांग्रेस- 70

अन्य- 14

बता दें कि राजस्‍थान की 199 विधानसभा सीटों पर कुल 1862 उम्मीदवार ने चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमाई थी. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई थी. पहले सभी सेंटरों पर बैलेट पेपर (डाक मतपत्र) की गिनती की गई और फिर 8.30 बजे से ईवीएम के जरिए डाले गए वोटों की गिनती हुई.

इन दिग्गज नेताओं के जीत-हार की कहानी

वसुंधरा राजे- झालरापाटन विधानसभा सीट से वसुंधरा राजे ने जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल को हराया

बाबा बालकनाथ- तिजारा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बाबा बालकनाथ ने जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी इमरान खान को हराया।

राज्यवर्धन सिंह राठौड़- झोटवाड़ा विधानसभा सीट से राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 50167 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक चौधरी को हराया।

सचिन पायलट- टोंक विधानसभा सीट से सचिन पायलट आगे चल रहे हैं। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी अजीत सिंह मेहता पीछे चल रहे हैं।

अशोक गहलोत- सरदारपुरा विधानसभा सीट से अशोक गहलोत आगे चल रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी प्रॉफेसर डॉ. महेंद्र राठौड़ पीछे चल रहे हैं।

किरोड़ी लाल मीणा- सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से किरोड़ी लाल मीणा आगे चल रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी दानिश अबरार पीछे चल रहे हैं।

गजेंद्र सिंह- लोहावट विधानसभा सीट से गजेंद्र सिंह आगे चल रहे हैं। वहीं, कांग्रेस की ओर से किशनाराम विश्नोई पीछे चल रहे हैं।

प्रताप सिंह खाचरियावास- सिविल वधानसभा सीट से कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास पीछे चल रहे हैं। भाजपा नेता गोपाल शर्मा आगे चल रहे हैं।

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने कहा, “राजस्थान की यह जो शानदार जीत है, यह प्रधानमंत्री मोदी जिनका मंत्र था- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, यह उसकी जीत है। उनकी दी हुई गारंटी की जीत है, यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति की जीत है और यह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के कुशल नेतृत्व की जीत है…यह जीत जनता की है जिसने कांग्रेस को नकारते हुए भाजपा को अपनाने का काम किया है…”

बीजेपी की जीत के फैक्टर

राजस्थान में एक बार फिर बीजेपी की वापसी हो रही है. बीजेपी 119 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. बीजेपी को अब तक 42.05 फीसदी वोट मिले हैं. बीजेपी की इस जीत में अहम भूमिका निभाने वाले 4 बड़े मुद्दों के बारे में बताते हैं.

हिंदुत्व का चला मुद्दा

राजस्थान में बीजेपी ने हिंदुत्व का मुद्दा उठाया था. बीजेपी ने सूबे में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को मुद्दा बनाया. कन्हैयालाल हत्याकांड को मुद्दा बनाया. नाथ संप्रदाय से जुड़े बाबा बालकनाथ को चुनाव में अहमियत दी गई. बीजेपी ने इनके जरिए वोटर्स को लुभाने की सफल कोशिश की. बाबा बालकनाथ को राजस्थान में यूपी की तर्ज पर मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है. वो भी इस रेस में हैं.

ब्रांड मोदी का फायदा मिला

देश की सियासत में सबसे बड़ा ब्रांड पीएम मोदी है. उनका नाम ही किसी भी चुनाव में जीत का फासला तय करने के लिए काफी है. राजस्थान चुनाव में बीजेपी को ब्रांड मोदी का फायदा मिला. सूबे में कांग्रेस ने अशोक गहलोत को ओबीसी फेस की तरह पेश किया. शुरुआती दिनों में गहलोत की बढ़त भी दिख रही थी, लेकिन जब पीएम मोदी मैदान में उतरे तो सारा समीकरण ही पलट दिया.सूबे में बीजेपी की सरकार बनने में सबसे बड़ा फैक्टर ब्रांड मोदी का रहा है.

करप्शन को मुद्दा बनाया

राजस्थान में बीजेपी की जीत का अहम फैक्टर करप्शन का मुद्दा रहा. बीजेपी ने गहलोत सरकार में भ्रष्टाचार के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया. सूबे में पेपर लीक का मुद्दा उठाया.सियासत से जुड़े लाल डायरी के मुद्दे को बीजेपी नेताओं ने खूब उछाला. गहलोत सरकार ने बीजेपी के आरोपों का जवाब दिया, लेकिन जनता ने बीजेपी पर भरोसा जताया.

कांग्रेस की हार के फैक्टर


राजस्थान विधानसभा चुनाव में रुझानों में कांग्रेस की हार होती दिख रही है. कांग्रेस की हार के कई कारण नजर आ रहे हैं. कांग्रेस में गुटबाजी से लेकर करप्शन के मुद्दे पर संतोषजनक जवाब नहीं देना भी हार का अहम काण रहा. चलिए आपको इस चुनाव में कांग्रेस की हार के 4 कारण बताते है.

लाल डायरी का मुद्दा

चुनाव में बीजेपी ने लाल डायरी का मुद्दा प्रमुखता से उठा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक ने लाल डायरी का जिक्र किया और गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. पीएम मोदी ने कांग्रेस पर लूट की दुकान चलाने का आरोप लगाया. सीएम गहलोत ने लाल डायरी को काल्पनिक बताया और बजेपी पर राजेंद्र गुढ़ा को मोहरे की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. लेकिन जनता ने गहलोत की सफाई को भरोसा नहीं जताया.

गहलोत की योजनाएं फेल


सीएम अशोक गहलोत ने कई लुभावनी योजनाएं लागू की. चुनाव में सीएम ने 7 गारंटियां लॉन्च की. चुनाव से पहले चिरंजीवी योजना की लिमिट बढ़ाकर 50 लाख करने का वादा किया. लेकिन सरकार इन योजनाओं के फायदे जनता को बताने में नाकाम रही. सूबे के युवाओं ने गहलोत की गारंटियों पर भरोसा नहीं जताया.

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