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Dhanteras 2023: सोना-चांदी के बिना भी धनतेरस पर धन लक्ष्‍मी होगी प्रसन्‍न, करे ये काम


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नई दिल्लीः धनतेरस (Dhanteras 2023) इस साल 10 नवंबर को पड़ रहा है. इस दिन‍ को धन त्रयोदशी और धन्‍वंतरि जयंती के तौर पर भी जाना जाता है. धनतरेस के दिन से ही दिवाली (Diwali) के पंच दिवसीय त्‍योहार की शुरुआत होती है. धनतेरस के दिन सोने-चांदी की खरीददारी करना बहुत शुभ माना जाता है. मान्‍यता है कि इन चीजों को खरीदने से घर में बरकत आती है और समृद्धि बनी रहती है. लेकिन अगर आपका बजट सोने-चांदी की चीजें खरीदने की इजाजत नहीं देता, तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं. ऐसी 7 चीजें हैं, जो माता लक्ष्‍मी को अति प्रिय हैं. अगर आप धन त्रयोदशी के दिन इन चीजों को घर में लेकर आते हैं, तो धन लक्ष्‍मी आप पर बेहद प्रसन्‍न रहेंगी और आपके घर में समृद्धि हमेशा बरकरार रहेगी.

ये 7 चीजें हैं, जो माता लक्ष्‍मी को अति प्रिय हैं

झाडू़ को माना जाता है पूज्‍यनीय

झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है क्‍योंकि झाड़ू घर की गंदगी को बाहर निकालती है. गंदगी का दरिद्रता माना गया है. ऐसे में झाडू़ को पूज्‍यनीय माना जाता है. यही वजह है कि झाड़ू में पैर लगाने से मना किया जाता है. धनतेरस के दिन लोग झाड़ू को घर में लेकर आते हैं और इसी झाड़ू से नरक चतुर्दशी के दिन घर की गंदगी को साफ करते हैं और दिवाली के दिन माता लक्ष्‍मी के आगमन की तैयारी करते हैं.

गोमती चक्र मां लक्ष्मी को बेहद प्रिय है

धनतेरस के दिन गोमती चक्र खरीदकर लाएं और दिवाली की रात को जब माता लक्ष्‍मी का पूजन करें, तो गोमती चक्र की भी पूजा करें. बाद में इसे धन की तिजोरी में रख दें. मान्यता है कि इससे आपका धन स्थान हमेशा रपए-पैसों से भरा रहता है.

पीतल के बर्तन

आजकल लोग धनतेरस के दिन स्‍टील के बर्तन खरीदते हैं, लेकिन इसे नहीं खरीदना चाहिए. इस दिन पीतल के बर्तन खरीदना शुभ होता है. कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय जब भगवान धन्‍वं‍तरि प्रकट हुए तो उनके हाथ में पीतल का पात्र था. धनतेरस के दिन पीतल बर्तन लाने से घर में बरकत होती है.

साबुत धनिया

इस पावन दिन धनिया खरीदना भी शुभ माना जाता है। ऐसे में इस धनतेरस साबुत धनिया लाकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें। फिर बाद में इसे अपने घर के बगीचे, खेत या फिर गमले में बो दें। माना जाता है कि इससे साल भर आपके घर में सुख-समृद्धि की कमी नहीं होगी।

शंख

शंख माता लक्ष्‍मी और नारायण दोनों को ही प्रिय है. धनतेरस के दिन आप घर में शंख खरीदकर लाएं. इसे काफी शुभ माना जाता है. दिवाली के दिन माता लक्ष्‍मी की पूजा के साथ इस शंख की भी पूजा करें.

चावल

धनतेरस के दिन घर में थोड़े चावल खरीदकर लाएं. चावल को समृद्धि का प्रतीक माना गया है. धनतेरस के दिन घर में थोड़े चावल जरूर लेकर आएं. दिवाली के दिन इन चावलों का इस्‍तेमाल माता लक्ष्‍मी की पूजा में करें. बाद में थोड़े से चावल एक छोटी सी पोटली में बांधकर तिजोरी में रख दें. चढ़े हुए थोड़े चावल को घर के अनाज में मिला दें. इससे आपके घर में समृद्धि बनी रहेगी. लेकिन ध्‍यान रहे कि चावल टूटा हुआ न लाएं, साबुत ही लाएं.

गणेश-लक्ष्‍मी

दिवाली पर गणेश-लक्ष्‍मी का पूजन होता है. आप धनतेरस के दिन गणेश-लक्ष्‍मी की मूर्ति घर में लेकर आएं. दिवाली के दिन उनकी विधिवत पूजा करें. गणेश जी को शुभता का प्रतीक माना गया है और माता लक्ष्‍मी को धन की देवी कहा गया है. जहां शुभता के साथ धन लक्ष्‍मी का आगमन होता है, वहां सबकुछ मंगल ही मंगल होता है.

दिवाली धनतेरस के दिन नहीं करना चाहिए ये कार्य

हमारे देश में धर्म को मानने वाले लोग अपने ऐतिहासिक और पौराणिक परंपराओं पर न सिर्फ आस्था रखते हैं बल्कि इन परंपराओं को हमेशा मानते है. फिर चाहे वो परम्परा किसी त्योहार को लेकर हो या धार्मिक अनुष्ठान के हो. ठीक इसी तरह दीपावली में धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता श्री गणेश की पूजा अर्चना विधि विधान के साथ की जाती है.


1.धनतेरस या दिवाली के दिन दलोहा या लोहे से बनी वस्तुएं घर लाना शुभ नहीं माना जाता है. आचार्य शिवम शुक्ला बताते है कि धनतेरस के दिन लोहे को घर लाने पर घर में दुर्भाग्य का प्रवेश हो जाता है और ये शुभ फल नहीं देता है.
2. धनतेरस और दिवाली पर एल्युमिनियम और स्टील की खरीदी नहीं करनी चाहिए, मान्यता है कि स्टील या एल्युमिनियम से बने बर्तन या अन्य कोई सामान खरीदना शुभ नहीं माना जाता बल्कि इस दिन सोना,चांदी, मोती,पीतल और तांबा खरीदना शुभता का प्रतीक माना जाता है.
3. धनतेरस और दिवाली के दिन झाड़ू का काफी महत्व होता. लेकिन उस समय यह ध्यान रखना चाहिए की झाड़ू में पैर न लगने पाए. और झाड़ू को ऐसी जगह में ना रखें जहां सब की नजर पहुंचे. घर में झाड़ू को छिपा कर रखना चाहिए. और झाड़ू खरीदने के बाद घर के किसी और स्थान में साफ सफाई करने से पहले मंदिर में ही साफ सफाई करनी चाहिए.
4. दीपावली और धनतेरस के दिन पुराने और फटे कपड़े कभी नहीं पहनना चाहिए.ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है. बल्कि पुराने कपड़ों का दान करना चाहिए.
5. दीपावली और धनतेरस के दिन कोयला या राख को नहीं उठाना चाहिए. और न ही उसे छूना चाहिए. दिवाली और धनतेरस से पहले ही ये कार्य कर लेने चाहिए.
6. दीपावली और धनतेरस के दिन पूजा करते समय नए आसन में ही बैठना चाहिए.और यह भी ध्यान देना चाहिए कि आसान कुशा का हो. इससे व्यक्ति की शुद्धता बनी रहती है. शास्त्रों और पुजारी के अनुसार पूजा पाठ और विशेष अनुष्ठान में पुराने आसन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
7.अगर हो सके तो इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि स्पर्म के दिन शुद्ध सात्विक भोजन करना चाहिए और प्रयास करना चाहिए कि उसमें लहसुन और प्याज ना हो और भोजन जरा भी तामसिक ना हो इसके अलावा इस दिन मांस मदिरा का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए
8. दीपावली के दिन भूलकर भी जुआ नहीं खेलना चाहिए. ऐसी मान्यता है की जुआ खेलते समय इंसान अपने धन को ही दाव में लगता है. और हमारे शास्त्रों के अनुसार धन को लक्ष्मी माता का रूप माना जाता है. इसलिए व्यक्ति को जुआ में अपने माता स्वरूप को दाव पर नहीं लगना चाहिए. वैसे तो जुआ कभी नहीं खेलना चाहिए लेकिन जिस दिन धन की देवी लक्ष्मी की आराधना होती है उस दिन तो भूल कर भी यह गलती नहीं करनी चाहिए.

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