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अमेरिका पर भड़के पाकिस्तानी पीएम,जानें क्या है पूरा मामला


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नई दिल्लीः पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़ ने बुधवार को कहा कि आतंकवादी अमेरिका में बने हथियारों का इस्तेमाल उनके देश के खिलाफ कर रहे हैं। एक दिन पहले अमेरिका ने कहा था कि उसने अफगानिस्तान से अपने बलों को निकालने के दौरान कोई भी हथियार वहां नहीं छोड़ा था। इसके बाद काकड़ ने यह टिप्पणी की है। काकड़ ने कहा कि अमेरिका में बने हथियार न सिर्फ पाकिस्तान में अवैध रूप से बेचे जा रहे हैं बल्कि यह पूरे क्षेत्र के साथ-साथ खाड़ी में भी बेचे जाते हैं।

आतंकवादियों ने पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या करने और पाकिस्तान वायु सेना के एक प्रशिक्षण अड्डे पर हमला

‘जियो न्यूज़’ की एक खबर के मुताबिक, काकड़ ने जोर देकर कहा कि इस्लामाबाद अपने इस रुख पर दृढ़ता से कायम है कि पाकिस्तान में आतंकवादी अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। आतंकवादियों की ओर से 17 पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या करने और पाकिस्तान वायु सेना के एक प्रशिक्षण अड्डे पर हमला करने के कुछ दिनों बाद मंगलवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने टिप्पणी की थी जिसकी प्रतिक्रिया में काकड़ ने उक्त बयान दिया।

क्या बोला था अमेरिका

पटेल ने कहा, ‘हम नवंबर की शुरुआत में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और अड्डों पर कई हमलों की रिपोर्ट से अवगत हैं और हम पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं, लेकिन मैं इस बारे में बहुत स्पष्ट होना चाहता हूं : अफगानिस्तान से वापसी के दौरान अमेरिकी बलों ने कोई उपकरण नहीं छोड़ा था।’ पटेल ने यह भी कहा, ‘मैं यह भी कहूंगा कि बड़े पैमाने पर सैन्य अनुदान सहायता निलंबित है जबकि हमने कानून प्रवर्तन, कानून के शासन, मादक पदार्थ विरोधी प्रयासों और सुरक्षा को लेकर अन्य क्षेत्रों का समर्थन करने के लिए 40 से अधिक वर्षों से पाकिस्तान के साथ साझेदारी की है और हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को महत्व देना जारी रखेंगे।’

अफगान सेना के हथियार कहां गए?


काकड़ ने कहा कि अमेरिका की ‘पाकिस्तान में अपने हथियारों के इस्तेमाल को स्वीकार करना या अस्वीकार करना अप्रासंगिक है, क्योंकि ऐसे सबूत हैं जो पुष्टि करते हैं कि ये हथियार काला बाजार में पहुंचे रहे हैं और इनका इस्तेमाल भी किया जा रहा है।’ जियो न्यूज ने काकड़ के हवाले से कहा कि पाकिस्तान का रुख तथ्यों पर आधारित है, न कि साजिश के सिद्धांतों पर।

खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने महज दो दिनों में डेढ़ लाख सैनिकों वाली अफगानिस्तान की सेना के गायब होने पर भी बात कही और सवाल किया कि उनके हथियारों का क्या हुआ। उन्होंने पूछा, ‘उनके पास जो छोटे हथियार और उपकरण थे, वे कहां गए।’ तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पिछले साल नवंबर में सरकार के साथ किए गए संघर्षविराम को खत्म कर दिया है। इसके बाद पाकिस्तान में हाल के महीनों में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में।

आतंकवादी घटनाओं में 60 प्रतिशत और आत्मघाती हमलों में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने इस्लामाबाद में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की स्थापना के बाद हमें एक मजबूत उम्मीद थी कि अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति होगी, पाकिस्तान-विरोधी समूहों विशेषकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ अफगान धरती का उपयोग करने की अनुमति बिल्कुल नहीं दी जाएगी. मगर दुर्भाग्य से अंतरिम अफगान सरकार की स्थापना के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में 60 प्रतिशत और आत्मघाती हमलों में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

दो सालों में आतंकी हमले बढे

उन्होंने आगे कहा कि पिछले दो सालों में इस दुखद रक्तपात यानी आतंकी हमलों में 2267 पाकिस्तानी नागरिकों की जान चली गई है, जिसके लिए टीटीपी के आतंकवादी जिम्मेदार हैं जो अफगान धरती का उपयोग करके पाकिस्तानियों पर कायरतापूर्ण हमले कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस दौरान आत्मघाती हमलों में शामिल लोगों में 15 अफगानी नागरिक भी शामिल थे. इसके अलावा आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान पाकिस्तान की कानून प्रवर्तन एजेंसियों से लड़ते हुए अब तक 64 अफगानी नागरिक मारे गए हैं.

बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने ग्वादर हमले की जिम्मेदारी ली थी

हालांकि, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री काकर ने किसी विशिष्ट आतंकी हमले में अफगान नागरिकों की कथित संलिप्तता के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी. उनका यह बयान पिछले सप्ताह के दौरान देश में आतंकी घटनाओं में तेज वृद्धि के बाद आया है, जिसमें तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान ने मियांवाली ट्रेनिंग एयर बेस पर आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने ग्वादर हमले की जिम्मेदारी ली ती, जबकि डेरा इस्माइल खान में हमलों के लिए किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली.

टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई

पाकिस्तानी कार्यवाहक पीएम काकर ने याद दिलाया कि उपरोक्त विवरण तालिबान की जानकारी में थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस साल जुलाई में जारी एक निगरानी रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में टीटीपी केंद्रों और पाकिस्तान के खिलाफ इसकी गतिविधियों में वृद्धि का स्पष्ट उल्लेख था. प्रधान मंत्री ने कहा कि टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई करने के अफगान सरकार के आश्वासन के बाद भी पाकिस्तान विरोधी समूहों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने अधिक विवरण दिए बिना कहा कि इसके बजाय कुछ उदाहरणों में आतंकवाद को बढ़ावा देने के स्पष्ट सबूत भी सामने आए.

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