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World Osteoporosis Day: जानें Bones को हेल्दी और स्ट्रॉन्ग रखने के उपाय


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नई दिल्लीः बोन हेल्थ में न्यूट्रिशन का रोल काफी महत्वपूर्ण है। पोषक तत्वों, खनिजों और विटामिनों से भरपूर बैलेंस डाइट फॉलो करने से हड्डियों में मजबूती और जान भर्ती है। हड्डियों की क्वालिटी, फ्रैक्चर का खतरा और फ्रैक्चर से रिकवर होने में न्यूट्रिशन का स्टेटस काफी महत्वपूर्ण है।इस दिन हम ऑस्टियोपोरोसिस के बारे में लोगों को जागरूक करते हैं. भारत में, लगभग 61 मिलियन बुजुर्गों को ऑस्टियोपोरोसिस है. महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना अधिक होती है.

ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी

दुनियाभर में करोड़ों लोग हड्डियों की अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे हैं. हड्डियां हमारे शरीर को मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी होती हैं और हड्डियों में बीमारी हो जाए, तो लोगों के लिए चलना फिरना भी दुश्वार हो जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो उम्र के साथ हड्डियां डिजनरेट होना शुरू हो जाती हैं और यही वजह है कि बुजुर्ग लोगों को चलने-फिरने में दिक्कत होती है. हालांकि कई कारणों की वजह से कम उम्र में भी हड्डियां कमजोर होने के मामले देखे जा रहे हैं. इनकी वजह ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी हो सकती है.

Dr. Sunil Dachepally ने बताया कि फ्रैक्चर के बाद माइक्रो और मैक्रो न्यूट्रिएंट्स से मिलकर बना एक अच्छा न्यूट्रिशन प्रोग्राम फ्रैक्चर के बाद हड्डी के दोबारा से जुड़ने के लिए जरूरी है। हड्डियों के इलाज में मदद के लिए कैल्शियम, विटामिन डी, प्रोटीन और अन्य आवश्यक मिनरल से भरपूर फूड्स डाइट में हों।

20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस

ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों की सबसे कॉमन और सबसे ज्यादा खतरनाक बीमारी होती है, जिसमें शरीर की बोन मास डेंसिटी (BMD) कम हो जाती है. इससे हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं. इस बीमारी से परेशान लोगों की हड्डियां हल्का सा झटका लगने और चलते-फिरते फ्रैक्चर होने लगती हैं. ऑस्टियोपोरोसिस के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस (world osteoporosis day) मनाया जाता है. इस खास मौके पर आपको ऑस्टियोपोरोसिस से जुड़ी सबसे जरूरी बातें जान लेनी चाहिए, ताकि आपको भविष्य में इस दर्दनाक परेशानी का सामना न करना पड़े.

ऑस्टियोपोरोसिस का मुख्य कारण

शरीर में कैल्शियम की कमी को ऑस्टियोपोरोसिस का प्रमुख कारण माना जाता है. ऑस्टियोपोरोसिस के लिए डाइट में कैल्शियम, विटामिन डी, मैग्नीशियम और हड्डियों की सेहत के लिए आवश्यक अन्य पोषक तत्वों से भरपूर फूड को शामिल करने पर ध्यान देना चाहिए.

क्या ऑस्टियोपोरोसिस से मौत हो सकती है?

डॉ. भरत गोस्वामी कहते हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस होने पर शरीर की सभी हड्डियों में दर्द होना शुरू हो जाता है.जिन हड्डियों पर ज्यादा वजन आता है, उन जॉइंट्स में ज्यादा दर्द होता है. लोगों की स्पाइन, हिप और पैरों के जॉइंट्स में तेज दर्द होने लगता है. ऑस्टियोपोरोसिस एक दर्दनाक बीमारी है, जिसकी वजह से हड्डियों में फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है. ऑस्टियोपोरोसिस गंभीर हो जाए, तो लोगों को उठने-बैठने और चलने-फिरने में काफी दिक्कत हो सकती है.

हालांकि इसकी वजह से किसी की मौत नहीं हो सकती है. इस बीमारी से बचाव करने के लिए 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को हर एक साल या 6 महीने में अपनी हड्डियों का चेकअप कराना चाहिए, ताकि वक्त रहते इसका पता चल जाए और उसे कंट्रोल करने में आसानी हो सके. एक बार हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, तो उन्हें दोबारा पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है.

हड्डियों को रखना है स्वस्थ तो इन बातों का रखें ध्यान

कैल्शियम

कैल्शियम हड्डी का एक जरूरी तत्व है, इसका लेवल बोन मिनरल डेंसिटी (बीएमडी) और फ्रैक्चर के खतरे व हड्डी के उपचार पर असर डालता है। एडल्ट्स को प्रतिदिन 1000-1200 मिलीग्राम कैल्शियम मिलना चाहिए। दूध, दही, पनीर, ब्रोकली, शलजम या कोलार्ड साग, केल, बोक चॉय, सोया, बीन्स, हड्डियों के साथ डिब्बाबंद ट्यूना या सैल्मन, बादाम का दूध और फोर्टिफाइड अनाज या जूस इसके बढ़िया सोर्स हैं।

विटामिन डी

कैल्शियम इस्तेमाल करने और हड्डियों में मिनरल बनाने के लिए विटामिन डी मदद करता है। एडल्ट्स को हर दिन कम से कम 600 IU विटामिन डी मिलना चाहिए। डॉक्टर के मुताबिक, कॉड लिवर ऑयल, सैल्मन, लिवर, फोर्टिफाइड दूध या दही, अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड संतरे का रस विटामिन डी देता है।

प्रोटीन

प्रोटीन हड्डियों का बिल्डिंग ब्लॉक होता है और इसका लगभग 30% स्ट्रक्चर प्रोटीन से बना होता है। अध्ययनों से पता चला है कि फ्रैक्चर और उसके आसपास कैल्शियम जमा होने के लिए प्रोटीन एक फ्रेमवर्क बनाता है। मांस, मछली, दूध, पनीर, दही, मेवे, बीज, फलियां, सोया उत्पाद और फोर्टिफाइड अनाज हाई प्रोटीन फूड होते हैं।

विटामिन सी

विटामिन सी का कोलेजन के निर्माण से गहरा संबंध है, जो फ्रैक्चर को ठीक करने में मदद करता है। इसे लेने के लिए खट्टे फल जैसे संतरे, कीवी, जामुन, टमाटर, आलू और हरी सब्जियां खाते रहें।

आयरन

आयरन की कमी से फ्रैक्चर को ठीक होने में देर लगती है। यह फ्रैक्चर वाली जगह पर ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है, जिससे उन्हें ठीक होने में मदद मिलती है। आयरन के लिए लाल मांस, चिकन या टर्की, ऑयली फिश, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, सूखे मेवे, साबुत अनाज खाएं।

इनके अलावा हड्डियों को फॉस्फोरस, कॉपर, जिंक भी चाहिए, जो कि दूध, अंडा, पनीर, सेम, दाल, मेवे, सी फूड, साबुत अनाज, ब्रोकली, मशरूम, झींगा मछली, डार्क चॉकलेट में होते हैं। वहीं आपको शराब, अत्यधिक नमक, अत्यधिक कैफीन से दूरी बना लेनी चाहिए।

कैसे मिल सकती है ऑस्टियोपोरोसिस से राहत?

डॉक्टर की मानें तो ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करने के लिए पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी लें, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद खाएं, हरी पत्तेदार सब्जियां और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ लें. इसके अलावा आपको विटामिन डी सप्लीमेंट या डेली मल्टीविटामिन लेने की भी आवश्यकता हो सकती है. नियमित रूप से वजन उठाने वाले व्यायाम करें. स्मोकिंग और शराब से दूरी बनाएं. अगर आप एक महिला हैं और आपको हाल ही में मेनोपोज हुआ है, तो ऑस्टियोपोरोसिस की जांच के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें. अपने चिकित्सक से सलाह लेकर हड्डियों की मज़बूती के लिए सही दवाएं लें.

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