x
लाइफस्टाइल

अस्थमा के मरीजों के लिए सिंघाड़ा बहुत फायदेमंद


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली – वैसे तो सिंघाड़ा पानी में पैदा होता है. इसका पौधा भी जल में ही बड़ा होता है. इस फल का सेवन ठंड में किया जाता है, जो शरीर को अंदर से गर्म रखता है. बुंदेलखंड इलाके में सिंघाड़े की खेती गिने-चुने क्षेत्रों में कई जाती है, जिन क्षेत्रों में से एक दमोह भी है. यहां के अभाना, पाठादो, नरगवा ग्रामो के जलाशयों में किसान सिंघाड़े की खेती करते हैं.

डिमांड पर है सिंघाड़े के आटे के पकवान

सिंघाड़ा कुछ क्षेत्रों में बारह महीने उपलब्ध रहता है, लेकिन असली फसल तो इसकी सर्दियां शुरू होते ही बाजार में आनी चालू हो जाती हैं. इसे चाहे कच्चा खाएं या घंटों उबाल लें, इसका कुरकुरापन खत्म नहीं होगा. इस बात की संभावना है कि उबालने के बाद इसमें हलका मीठापन गायब हो जाए, लेकिन इसके स्वाद में मक्खन जैसा स्वाद उभर आएगा. डायटिशियन मानते हैं कि सिंघाड़े में भरपूर एनर्जी होती है, लेकिन फैट न के बराबर.इसी का परिणाम यह है कि खाते ही यह ताजगी देगा और पेट भी भरा-भरा सा महसूस करवा देता है. फैट न होने का लाभ यह होता है कि यह पेट तो पूरी तरह भरने का अहसास करवाएगा लेकिन मोटापा नहीं बढ़ने देता. आजकल नवरात्र के व्रत चल रहे हैं और सिंघाड़े के आटे के बने पकवान डिमांड पर हैं.

सिंघाड़े में प्रोटीन

सिंघाड़े में प्रोटीन, फैट व कैल्शियम बहुत कम माना जाता है. इसका लाभ यह होता है कि इसका सेवन हार्ट को स्मूद रखता है, साथ ही शरीर की कोशिकाओं को किसी भी तरीके से बाधित नहीं होने देता. यह ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करने में मदद करता है, क्योकि अधिक फैट व प्रोटीन का सेवन ही बीपी का कारण बनता है. इसमें पाए जाने वाले खनिज मधुमेह (Blood Sugar) को भी चमत्कारी रूप से कंट्रोल में रखने में मदद करते हैं.

व्रत में बनाए रखता है मजबूत

आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. दीप्ति नामदेव ने बताया कि सिंघाड़े के सेवन से यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को उत्पन्न कर देता है. इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबर होता है, जिस कारण हम जो व्रत रखते हैं तो हमारी बॉडी में मजबूती बनी रहती है. इसके अलावा यह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाता है.

Back to top button