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भूकंप, बाढ़ और सुनामी आने के पहले ही फोन पर मिलेगा अलर्ट,विभाग ने किया परीक्षण


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नई दिल्लीः दूरसंचार विभाग सेल ब्राडकास्टिंग सिस्टम के माध्यम से देश में किसी आपात स्थिति में मोबाइल फोन धारकों को महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए परीक्षण कर रहा है। यदि यह परीक्षण सफल रहता है तो भविष्य में भूकंप, बाढ़ व भारी वर्षा की चेतावनी की स्थिति में लोगों को अलर्ट करने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्हें इससे संबंधित चेतावनी संदेश मोबाइल फोन पर मिलेगा।ऊना मुख्यालय सहित जिलाभर में बुधवार को कई लोगों के मोबाइल फोन पर दूरसंचार विभाग की ओर से चेतावनी संदेश आए। इन संदेशों के समय मोबाइल फोन की रिंगटोन भी अलग तरह से बज रही थी। लोगों ने इन संदेशों के संबंध में दूरसंचार विभाग से जानकारी प्राप्त की।

सरकार ने किया ऐलान

आजकल कई जगहों पर ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें प्राकृतिक आपदाओं के तहत बड़े पैमाने पर लोगो की जान का नुकसान हो रहा है. ऐसे में हमारे मन पहला खयाल ये आता है कि ऐसे अचानक होने वाली आपदाओं के बारे में पहले से ही पता चल जाता तो शायद इतने लोगों की जान बच सकती थी. कैसा हो कि अगर हम कहें कि जल्द ही मोबाइल यूजर्स को एक सायरन या अलर्ट के जरिए भूकंप, बाढ़ और सुनामी जैसी आपदा का अलर्ट पहले ही मिल जाएगा. विश्वास नहीं हुआ न? दरअसल सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एक नई इमरजेंसी अलर्ट सर्विस शुरू करने का ऐलान किया है. ऐसे में सरकार ने ऐलान किया है कि अगले महीने पूरे भारत में मोबाइल फोन यूजर्स को सायरन जैसा अलर्ट भेजा जाएगा.

सरकार ने किया परीक्षण

पता चला कि यह आपदा के दौरान लोगों को सुरक्षित करने के लिए भेजे जाने वाले चेतावनी संदेश का परीक्षण है। यह संदेश भारत सरकार के दूरसंचार विभाग द्वारा सेल ब्राडकास्टिंग सिस्टम के माध्यम से भेजा गया था। दूरसंचार विभाग की ओर से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से आपदा के दौरान आपातकालीन संचार बढ़ाने और नागरिकों की सुरक्षा के लिए सेल ब्राडकास्ट अलर्ट सिस्टम का परीक्षण किया जा रहा है।

लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं

ऊना निवासी मोहित शर्मा, रजनी बाला, सुमेश कुमार, कविता, राधा, बविता, सुनीता, कोमल, राम कुमार, राजू, विशाल कुमार, हरप्रीत सिंह व विनोद कुमार ने बताया कि उनके फोन पर चेतावनी के संदेश आए। वहीं, दूरसंचार विभाग ने कई राज्यों में इसका परीक्षण किया है। छह अक्टूबर को बिहार, 10 को उत्तर प्रदेश, 12 को कर्नाटक, 16 को गुजरात और 18 अक्टूबर को हिमाचल में परीक्षण किया गया। पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि मोबाइल फोन पर संदेश आने की सूचना मिली है। लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है।

जल्द भारत में होगी शुरूआत

गूगल एंड्रॉयड भूकंप अलर्ट सिस्टम को भारत में लाने की तैयारी कर रही है. देश में इस सर्विस को लॉन्च करने के लिए कंपनी नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) और नेशनल सीस्मोलॉजी सेंटर (NSC) से कंसल्ट कर रही है. गूगल की टेक्नोलॉजी भूकंप के झटके शुरू होने से पहले वार्निंग भेजने का काम करती है. कंपनी के अनुसार, यह सेवा आने वाले सप्ताह में एंड्रॉयड-5 और उसके बाद के संस्करणों में उपलब्ध होगी.

नए इमरजेंसी अलर्ट

नए इमरजेंसी अलर्ट का इस्तेमाल सिर्फ उन एरिया में किया जाएगा जहां बड़े पैमाने में लोगों की जान का खतरा होगा. ऐसे में हो सकता है कि लोगों को महीनों या सालों तक कोई अलर्ट नहीं मिलेगा. संभावना है कि घटनाओं की लिस्ट में Terror अलर्ट को भी जोड़ा जा सकता है. फिलहाल अभी इसे लिस्ट में जोड़ा नहीं गया है. इसमें बाढ़ से लेकर जंगल की आग तक जैसे खतरों से निपटने के लिए मोबाइल यूजर्स को फोन पर एक अलर्ट मिल जाएगा.

कैसे डिटेक्ट करेगा स्मार्टफोन

गूगल ने कहा यह सिस्टम आपके फोन को एक मिनी अर्थक्वेक डिटेक्टर में बदल देता है. भूकंप अलर्ट सिस्टम फोन में मौजूद एक्सेलेरोमीटर का सीस्मोग्राफ की तरह इस्तेमाल करता है. जब आपको फोन चार्जिंग पर ना लगा हो और हिल-डुल ना रहा हो, तो वो भूकंप के शुरुआती संकेतों को पहचान सकता है. अगर कई फोन एकसाथ भूकंप के झटके की पहचान करते हैं तो गूगल के सर्वर को पता लग जाएगा.

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