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सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को दिया बड़ा तोहफा ,महंगाई भत्ता 4% बढ़ा


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नई दिल्लीः कैबिनेट ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में महत्वपूर्ण वृद्धि को मंजूरी दे दी है। महंगाई भत्ते को 42% से बढ़ाकर 46% कर दिया गया है। इस निर्णय से उनके मासिक भत्ते में वृद्धि होगी, जिसका उद्देश्य उन्हें जीवन यापन की बढ़ती लागत से निपटने में मदद करना है।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी जानकारी

केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अब नवंबर महीने से बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी। इसमें जुलाई और अक्टूबर के बीच की अवधि का एरियर भी शामिल होगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने महंगाई भत्ता बढ़ाने और कैबिनेट में लिए अन्य फैसलों की जानकारी 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी।सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) 4% बढ़ाकर 46% कर दिया है। इसका सीधा फायदा करीब 52 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनर्स को होगा। केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया।

केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा

इस कदम से कार्यबल के एक बड़े हिस्से और सेवानिवृत्त कर्मियों को लाभ होने की उम्मीद है, जिससे आर्थिक चुनौतियों के बीच राहत मिलेगी। डीए वृद्धि का सटीक प्रतिशत और इसके कार्यान्वयन का विवरण जल्द ही घोषित किया जाएगा, जिससे प्रभावित व्यक्तियों को अधिक स्पष्टता मिलेगी।महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के फैसले को त्योहारों से पहले सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा माना जा रहा है। बुधवार को कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे है। अब केंद्रीय कर्मचारियों को 46 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिलेगा। इसे 1 जुलाई 2023 से लागू किया गया है। इसका फायदा 48 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा।

रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस मिलेगा

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रेलवे विभाग के 11 लाख 07 हजार 340 नॉन गजेटेड कर्मचारियों के लिए 78 दिन की सैलरी के बराबर बोनस देने का फैसला लिया गया है। इस पर 1,969 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस साल 2010-2011 से दिया जा रहा है।

अक्तूबर के वेतन के साथ नई दरों के आधार पर होगा भुगतान

केंद्रीय कर्मियों और पेंशनधारकों को अब महंगाई भत्ते की नई दरों से भुगतान किया जाएगा। अक्तूबर के वेतन के साथ ही नई दरों के हिसाब से ही वेतन का भुगतान होगा। इसमें जुलाई, अगस्त, सितंबर का एरियर भी शामिल होगा। साल की दूसरी छमाही के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाया गया है। चार फीसदी के उछाल के साथ महंगाई भत्ता 42 फीसदी से बढ़कर 46 फीसदी हो गया है। सरकार की ओर से जल्द ही इस बारे में औपचारिक ऐलान किया जाएगा।

सरकार ने पेंशनधारकों को भी दी राहत

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के अलावा पेंशनधारकों को भी सरकार ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए राहत दी है। उनके लिए भी चार फीसदी की समान दर से डीआर में बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी भी एक जुलाई 2023 से प्रभावी होगा। अब पेंशनधारकों को पेंशन के साथ डीआर की नई दरों के आधार पर भुगतान देय होगा। पेंशनर्स के लिए भी महंगाई भत्ते को बढ़ाकर 46 फीसदी कर दिया गया है।

17000 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार

कैबिनेट के अनुसार महंगाई भत्ते की बढ़ी दरों के चलते देश के खजाने पर करीब 17000 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कैबिनेट ने छह प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को भी मंजूरी दे दी है। अगले मार्केटिंग सीजन के लिए एमएसपी में सात फीसदी का इजाफा किया गया है।

DA बढ़ने के बाद कितना फायदा होगा?

बेसिक सैलरी में ग्रेड सैलरी को जोड़ने के बाद जो सैलरी बनती है, उसमें महंगाई भत्ते की दर का गुणा किया जाता है। जो नतीजा आता है, उसे ही महंगाई भत्ता यानी डिअरनेस अलाउंस (DA) कहा जाता है। यानी, (बेसिक पे + ग्रेड पे) × DA % = DA अमाउंट

इसे एक उदाहरण से समझते हैं, मान लीजिए बेसिक सैलरी 10 हजार रुपए और ग्रेड पे 1000 रुपए है। दोनों को जोड़ने पर टोटल 11 हजार रुपए हुआ। 11 हजार रुपए का 46% निकालने पर 5,060 रुपए हुआ। सबको जोड़कर 16,060 रुपए हुए।
अब 42% DA के हिसाब से इसका कैलकुलेशन देखते हैं। 11 हजार रुपए का 42% होता है 4620 रुपए। 11000 + 4620 = 15,620 रुपए होता है। यानी 4% DA बढ़ने के बाद हर महीने कर्मचारियों को 420 रुपए का फायदा होगा।

जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए दिया जाता है भत्ता

महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है जो महंगाई बढ़ने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए दिया जाता है। यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है। महंगाई भत्ता साल में दो बढ़ाया जाता है।इसका कैलकुलेशन देश की मौजूदा महंगाई के अनुसार हर 6 महीने पर किया जाता है। इसकी गणना संबंधित वेतनमान के आधार पर कर्मचारियों के मूल वेतन के अनुसार की जाती है। महंगाई भत्ता शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों का अलग-अलग हो सकता है।

ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स क्या है?

भारत में दो तरह की महंगाई होती है। एक रिटेल यानी खुदरा और दूसरा थोक महंगाई होती है। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है। इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) भी कहते हैं

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