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मोटापा कम करने के लिए मददगार है कॉफी -जानिए फायदे


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नई दिल्लीः कॉफी के बारे में मशहूर है कि अगर उसका सही तरह से इस्तेमाल किया जाए तो वह सेहत के लिए बहुत उपयोगी हो सकती है. मोटापे का सामना करने वालों के लिए यह एक अच्छी जानकारी है. एक शोध के मुताबिक अगर आप दिन भर में तीन या चार कप कॉफी पीते है तो उससे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से बच सकते हैं बताया जाता है कि उससे दिल के रोग, टाइप 2 डायबिटीज, और कुछ कैंसर जैसे रोगों में फायदा मिलता है. आमतौर पर बहुत से लोग हर साल उम्र बढ़ने के साथ ही अपना कुछ वजह बढ़ा लेते हैं.ज्यादातर लोगों के दिन की शुरुआत सबसे पसंदीदा ड्रिंक कॉफी से होती है. खुद को तरोताजा और एक्टिव रखने के लिए लोग कॉफी पीना पसंद करते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस डर से इसका सेवन नहीं करते कि ये स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाएगा.

अमेरिका में शोध

शोधकर्ताओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका के तीन बड़े अध्ययनों से डेटा को कंपाइल किया था. हेल्थ प्रोफेशनल फॉलो-अप अध्ययन में 50,000 से अधिक पुरुष स्वास्थ्य पेशेवर शामिल हैं और आहार और स्वास्थ्य परिणामों के बीच संबंधों की जांच की गई थी.सबसे पहले, निष्कर्ष एक जुड़ाव का प्रतिनिधित्व करते हैं, कार्य-कारण का नहीं। इसका मतलब यह है कि अध्ययन यह साबित नहीं करता है कि कॉफी का सेवन वजन में बदलाव का असली कारण है। बल्कि, यह दर्शाता है कि समय के साथ दो बदलाव एक साथ देखे गए।

कॉफी पर की गई स्टडी

शोधकर्ताओं ने 1986 से 2010 के बीच और, 1991 से 2015 के बी नर्सेस हेल्थ स्टडीज के 2.3 लाख प्रतिभागियों और 1991 से 2014 के बीच हेल्थ प्रोफेशनल फॉलोअब स्टडी के 50 हजार पुरुष प्रतिभागियों के मिले जुले आंकड़ों को मिलाया. इसमें प्रतिभागियों से भोजन और पेय पदार्थ संबंधी सवाल पूछे गए थे जिसके आधार पर शोधकर्ताओं ने कॉफी पीने की आदतों और चार साल के अंतराल पर उनके वजन के बारे में पूछा गया था.जहां नर्सों के अध्ययन में हर चार साल में 1.2 से 1.7 किलो वजन बढ़ा वहीं हेल्थ प्रोफेशनल के अध्ययन में औसत 0.8 किलो का भार बढ़ा. शोधकर्ताओं ने पाया कि एक दिन में एक कप बगैर शक्कर की कैफीनेटेड या अनकैफीनेटेड कॉफी पेय बढ़ाने से चार साल में उम्मीद से 0.12 किलो वजन कम बढ़ा. वहीं दूध या अन्य गैर डेयरी पदार्थ मिलाने का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. जबकि एक चम्मच शक्कर डालने से वजन उम्मीद से 0..09 किलो ज्यादा बढ़ा।

यह अध्ययन दो लिहाज से बहुत खास है. इसमें नमूनों का आकार बहुत बड़ा था और इसमें प्रतिभागियों से कई साल बाद तक जानकारी ली जाती रही. ऐसे में इसके दूसरी जनसंख्याओं पर आजमाया जा सकता है. पड़ताल में संबंध स्थापित हुए हैं कारण नहीं. यानि अध्ययन यह साबित नहीं करता कि कॉफी पीना वजन में बदलाव का सही कारण है. अध्ययन में पाए गए बदलाव बहुत बड़े नहीं थे.

कॉफी घटाती है भूख

कैफीन एक प्राकृतिक उत्तेजन पदार्थ है जिसके बारेमें पाया गया है कि वह अस्थाई तौर पर भूख कम करती है और चैतन्यता को बढ़ाती है यह हमें कुछ समय के लिए कम भूखा महसूस करने देती है.कई लोग कसरत करने से पहले कॉफी पीते हैं जिससे उनका वर्कआउट बेहतर हो सके. कैफीन हमारे मेटाबॉलिज्म की गति को भी बढ़ाता है जिसे आराम करते समय ज्यादा ऊर्जा खर्च हो सके. पर यह प्रभाव भी कम होता है.

मस्तिष्क के कार्यों में लाता है सुधार

मैक सिंह ने कहा कि कॉफी सिर्फ वजन कम करने का काम ही नहीं करती, बल्कि मस्तिष्क के कार्यों में सुधार लाने में भी मदद करती है. सिंह ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि कॉफी में विटामिन B2, B5, B3 जैसे जरूरी पोषक तत्व और मैंगनीज और पोटेशियम जैसे खनिज होते हैं. ये पार्किंसंस रोग, टाइप 2 डायबिटीज़ और लिवर कैंसर सहित लिवर से जुड़ी बीमारियों से आपकी सुरक्षा करने में भी मदद कर सकता है. हालांकि कॉफी का सेवन करने वाले लोगों को यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि कॉफी में चीनी, क्रीम या बाकी नुकसानदेह चीजों को कम मात्रा में मिलाएं. इसका ज्यादा सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबिक हो सकता है.

कॉफी और वजन में है एक रिलेशन

शोध में पाया गया कि कॉफी और वजन उम्मीद से कम बढ़ने देने का गहरा संबंध है. जो लोग एक दिन में अतिरिक्त कॉफी पीते हैं वे चार सालों में उम्मीद से 0.12 किलो कम बढ़ाते हैं जबकि उसमें शक्कर डालने से वजन में 0.09 किलो का ज्यादा इजाफा देखने में मिलता है.

डायटीशियन की ले सलाह

वजन कम करने में कई कारक काम करते हैं. इसलिए इस अध्ययन के नतीजों को निर्णायक मानकर उत्साहित नहीं हुआ जा सकता है. अधिकांश वयस्क रोजाना 400 मिलीग्राम की कैफीन का सेवन करते हैं. यह दो एस्प्रेसो या चार कप इंस्टेंट कॉफी या आठ कप चाय के बराबर है. सलाह दी जाती है कि व्यक्ति को अपनी सेहत की स्थिति के मुताबिक वजन कम करने लिए डायटीशियन की सलाह लेनी चाहिए.

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