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वेब सीरीज रिव्‍यू : जानिए कैसी है ताहिर-मौनी की वेब सीरीज ‘सुल्‍तान ऑफ दिल्‍ली’


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नई दिल्लीः ओटीटी पर फिर एक बार गैंगस्टर ड्रामा का ट्रेंड शुरू हो गया है और इनमें से एक है हॉटस्टार पर रिलीज हुई मिलन लुथरिया की ‘सुल्तान ऑफ दिल्ली’. बॉक्स ऑफिस पर ‘वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई’ जैसी फिल्मों से धूम मचाने वाले ये मशहूर निर्देशक वेब सीरीज की दुनिया में डेब्यू करने जा रहे हैं और यही वजह है इस सीरीज को लेकर दुगनी उत्सुकता थी. इसे देखने के बाद हम कह सकते हैं कि अर्णब रे की किताब पर बनी ‘सुल्तान ऑफ दिल्ली’ हमें बिलकुल भी निराश नहीं करती.

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कहानी


‘सुल्‍तान ऑफ दिल्ली’ में 60 के दशक के प्राचीन युग को दिखाया गया है। य‍ह अर्जुन भाटिया (ताहिर राज भसीन) की कहानी है, जो दिल्‍ली के सबसे बड़े आर्म डीलर जगन सेठ (विनय पाठक) के साथ काम करता है।वह दिल्ली के अंडरवर्ल्ड में धंसता हुआ, अपराध की दुनिया का बादशाह बनता है। अर्जुन भाटिया (ताहिर राज भसीन) की कहानी एक ऐसे युवा लड़के के रूप में शुरू होती है, जो विभाजन के भयावह हालात से बचते हुए दिल्ली पहुंचता है। शहर राजनीतिक और उग्रवादी उथल-पुथल से जूझ रहा है। वह अपने बीते हुए कल के बदनुमा दाग से ऊपर उठने के लिए अपराध की दुनिया को चुनता है। सत्‍ता के युद्ध में अर्जुन को बार-बार अपने आस-पास के लोगों द्वारा ली जा रही परीक्षा का सामना करना पड़ता है। अपनी महत्‍वाकांक्षाओं और सुल्‍तान ऑफ दिल्‍ली बनने के सपने के साथ अर्जुन को विजेता बनकर उभरने के लिये एक ऐसे रास्‍ते से होकर गुजरना होगा, जहां उसे कोई रोक नहीं सकता और सिर्फ प्रतिशोध से भरा हुआ है।सुल्‍तान ऑफ दिल्‍ली’ एक ऐसे सफर पर ले जाएगी जहां जिंदगी दांव पर लगी है और जीतने के लिये सत्‍ता की जरूरत होगी।

राइटिंग और निर्देशन

‘दिल, दोस्ती और धोखा’ पर बनी ये कहानी काफी ज्यादा प्रेडिक्टेबल है. इस कहानी में आने वाले कुछ ट्विस्ट और टर्न देखने वालों के दिमाग के ऊपर से चले जाते हैं. फिर वो अर्जुन का एक अधेड़ उम्र के गैंगस्टर और उसकी पत्नी का भरोसा जीतने के लिए खुद के कपड़े उतरना हो, या फिर अचानक एक फिरंगी डेनियल का किडनैप होना, जिसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. भले ही ये सीरीज किताब पर बनाई गई हो, ‘क्रिएटिव लिबर्टी’ के तहत इसमें कुछ बदलाव करते हुए कन्फ्यूजन दूर की जा सकती थी.

हालांकी मिलन लुथरिया ने वेब सीरीज के निर्देशन में पहली बार हाथ आजमाया है लेकिन वे अनुभवी निर्देशक हैं, और फिल्मों में वे एक सफल निर्देशक के रूप में जाने जाते हैं । सुल्तान ऑफ़ दिल्ली के उम्दा निर्देशन के जरिये उन्होंने ओटीटी प्लेटफार्म पर भी अपनी सफलता का परचम लहराया है । उन्होंने सटीक निर्देशन किया है जहाँ थ्रिल को एन्ड तक बरकरार रखा गया है । कहीं भी सीरीज का स्क्रीनप्ले ढीला नहीं पढ़ा और एडिटिंग भी शार्प ढंग से की गयी है । 60 के दशक का रोमांच आँखों के सामने सजीव हो गया है ।

एक्टिंग

ताहिर राज भसीन ‘अर्जुन भाटिया’ के किरदार में पूरी तरह से छा गए हैं. अर्जुन के व्यक्तित्व में होने वाले बदलाव उन्होंने बखूबी से दर्शाया हैं. इससे पहले भी ताहिर ने ‘ये काली काली आंखें’ जैसी सीरीज में अपनी एक्टिंग का कमाल दिखाया है. लेकिन उनके निभाए हुए बाकी किरदारों से ‘अर्जुन भाटिया’ पूरी तरह से अलग है और इस किरदार को उन्होंने पूरी तरह से न्याय दिया है. अनुज शर्मा इस सीरीज में हमें सरप्राइज करते हैं. उनका ‘बंगाली’ का किरदार काफी शानदार है.

विनय पाठक शानदार है. अनुप्रिया गोयनका की ‘शंकरी’ थोड़ी लाउड है, मौनी रॉय से ज्यादा मेहरीन पीरजादा और हरलीन सेठी हमें प्रभावित करती हैं. इस सीरीज के लॉन्च के दौरान कहा गया था कि मौनी रॉय इस सीरीज में प्रमुख भूमिका में नजर आएंगी. लेकिन सीरीज देखने के बाद लगता है कि मौनी इस सीरीज में ग्लैमर के लिए रखा गया है. मौनी रॉय ने इस वेबसीरीज में नयनतारा का किरदार निभाया है जो बाहर से बोल्‍ड और निडर है, जबकि अंदर से नरमदिल और भावुक है। यह किरदार हमेशा प्‍यार, देखभाल और स्‍वीकार्यता की तलाश में रहता है। मौनी रॉय देखने में जितनी सुन्दर और आकर्षक लगी हैं उतने ही शानदार ढंग से ये किरदार भी निभाया है ।

सिनेमाटोग्राफी, म्यूजिक और तकनीक

‘सुल्तान ऑफ दिल्ली’ 1947 से 1962 की टाइमलाइन में दर्शायी गई कहानी है और विष्णु राव ने अपनी सिनेमेटोग्राफी से ये दुनिया हमारे सामने बेहतरीन तरीके से पेश की है. ‘भूतनाथ’ से लेकर ‘द बिग बुल’ और ‘दहाड़’ तक कई फिल्मों में अपना टैलेंट विष्णु राव ने दिखाया है. इस सीरीज में भी उन्होंने बड़ी ही शिद्दत से एक अलग दुनिया हमारे सामने पेश की है. पूरी कहानी एक ‘वार्म टोन’ में पेश की गई है. जिस तरह से बैकग्राउंड म्यूजिक भी बुरा नहीं है. एडिटिंग की वजह से फिल्म ज्यादा दिलचस्प बन जाती है.अगर आपको क्राइम ड्रामा, या गैंगस्टर ड्रामा पसंद है, तो सुल्तान ऑफ दिल्ली जरूर देखें. आप इस सीरीज को देखकर बिलकुल भी बोर नहीं होंगे. तो अच्छी एक्टिंग और एंटरटेनिंग कहानी के लिए आप ‘सुल्तान ऑफ दिल्ली’ देख सकते हैं.

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