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ICC Cricket World Cup से भारत की अर्थव्यवस्था को भी होगा फायदा

नई दिल्लीः क्रिकेट के महाकुंभ विश्वकप 2023 का आगाज हो गया है. पहला मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जा रहा है. विश्वकप की 12 साल बाद भारत में वापसी हुई है. वहीं, ये पहला मौका है जब भारत अकेले विश्वकप को होस्ट कर रहा है. विश्वकप जहां खेल प्रेमियों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है. वहीं, विश्वकप की मेजबानी का फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को भी होगा. स्टडी के मुताबिक विश्वकप की मेजबानी से एविएशन इंडस्ट्री, हॉस्पिटेलिटी सेक्टर, होटल्स, फूड इंडस्ट्री, डिलिवरी सर्विसेज को फायदा होगा.

विश्व कप से मिलेगा अर्थव्यवस्था को टॉनिक

बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री जाह्न्वी प्रभाकर और अदिति गुप्ता ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 अक्टूबर से देश क्रिकेट फीवर की गिरफ्त में होगा. ये चौथा मौका है जब भारत में आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप का आयोजन होने जा रहा है. 45 दिनों तक 10 देशों के बीच देश के अलग अलग सेंटर्स पर कुल 48 मैच खेले जायेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 25 लाख लोग देश के 10 लोकेशनों पर 48 मैचों को स्टेडियम में लाइव देखेंगे. जबकि विश्वभर में अपने घरों पर बैठकर करोड़ों लोग मैच का लुत्फ उठायेंगे. इस लेवल के टूर्नामेंट के आयोजन से सीधा लाभ अर्थव्यवस्था को पहुंचता है.

वर्ल्ड कप की मेजबानी पूरी तरह से भारत के हिस्से में

यह पहला मौका है जब मेंस क्रिकेट वर्ल्ड कप की मेजबानी पूरी तरह से भारत के हिस्से में आई है। जाहिर है, अगले डेढ़ महीनों में दुनिया की 10 टीमों के बीच देश के 10 शहरों में होने वाले 48 मुकाबले क्रिकेट फैंस के क्रेज को अगले लेवल पर ले जाने के लिए काफी होंगे। लेकिन क्रिकेट की पिच पर चलने वाली रोमांचक गतिविधियां, स्टेडियम में उठने वाला दर्शकों का शोर और घरों में टीवी सेटों के सामने बैठे लोगों की तेज होती धड़कनें भारत में क्रिकेट की अहमियत को परखने का इकलौता जरिया नहीं हैं। इसकी अहमियत का अहसास हमें इन सबके बिजनेस वैल्यू से भी हो सकता है। यह अकारण नहीं है कि भारत में क्रिकेट से जुड़े किसी बड़े आयोजन का इंतजार सिर्फ क्रिकेट फैंस को ही नहीं होता, इकॉनमी की रफ्तार से अपने दिल की धड़कनों को जोड़े रखने वाला तबका भी इसका उसी बेकरारी से इंतजार करता है।

विश्व कप के साथ त्योहारी सीजन का फायदा

पूरी दुनिया से विश्व कप के मैच देखने के लिए लोग भारत पहुंचेंगे ऐसे में टिकट सेल्स पर जबरदस्त खर्च लोग करेंगे. इसके अलावा एविएशन ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को इसका फायदा मिलेगा. हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में होटल्स, फूड इंडस्ट्री के साथ डिलिवरी सर्विसेज के बिजनेस में जोरदार उछाल आने की संभावना है. इसके अलावा मर्केंडाइज की खरीदारी में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है. क्रिकेट के विश्व कप के साथ त्योहारों का सीजन भी है ऐसे में रिटेल डिमांड में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.इसी वर्ल्ड कप की बात करें तो यह ऐसे समय हो रहा है जब सामान्य से कम मॉनसून ने कई जानकारों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच रखी हैं। अप्रैल-जून तिमाही में देश की इकॉनमी 7.8 फीसदी बढ़ी थी। रिजर्व बैंक का अनुमान है कि दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में यह वृद्धि 6.5 फीसदी और तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में और कम 6 फीसदी रहेगी। ऐसे हालात में क्रिकेट वर्ल्ड कप का यह आयोजन इस तस्वीर को बेहतर बना सकता है।

GDP ग्रोथ में मिलेगा बूस्ट

एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस दौरान क्रिकेट लवर्स का उत्साह कई सेक्टरों में बिजनेस को बढ़ाएगा। इस वजह से यात्रा, होटेल्स, बड़े टीवी सेट जैसे मदों में खर्च बढ़ेंगे, मैच वाले दिन फूड आइटम्स के ऑर्डर बढ़ेंगे। इन सबसे उपभोक्ताओं में खरीदारी की प्रवृत्ति बढ़ेगी। कुछ विशेषज्ञों का तो आकलन है कि वर्ल्ड कप के दौरान 18000 से 22000 करोड़ तक की खपत हो सकती है, जिससे GVA (ग्रॉस ऐडेड वैल्यू) में 7000-8000 करोड़ रुपये का योगदान होगा। आंकड़ों में बात करें तो तीसरी तिमाही के GDP ग्रोथ में इससे 10 बेसिस पॉइंट तक यानी 0.10% की बढ़ोतरी हो सकती है। जाहिर है क्रिकेट कम से कम अपने देश में मैदानों तक सीमित नहीं है। हालांकि इसकी जान निश्चित ही बोलरों की गेंदों पर घूमते बल्लों और उस पर थिरकता फैंस का दिल ही है। अब अगले डेढ़ महीने देश उसी रोमांच को जिएगा।

टिकट सेल्स पर 2200 करोड़ खर्च का अंदाजा

बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपनी रिपोर्ट में हर सेक्टर एक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए विश्व कप से आने वाले रेवेन्यू पर डेटा तैयार किया है. मैच के टिकट सेल्स पर 1600 से 2200 करोड़ रुपये लोग खर्च करेंगे. इसके अलावा टीवी ओटीटी पर टूर्नामेंट को देखने वाले दर्शकों की संख्या 2019 के विश्व कप के 552 मिलियन से ज्यादा रहने की उम्मीद है. स्पांसर टीवी राइट्स पर 10500 से लेकर 12000 करोड़ रुपये कम से कम आने खर्च होने की उम्मीद है. जिसमें डिजिटल और टीवी मीडियम का ऑफिशियल ब्रॉडकास्ट राइट्स भी शामिल होने के साथ इवेंट के दौरान विज्ञापन के लिए प्रमुख प्रायोजकों की ओर से किया जाने वाला खर्च भी शामिल है.

होटल फूड इंडस्ट्री को होगा फायदा

वर्ल्ड कप के दौरान टीमें देश के एक से दूसरे कोने तक ट्रैवल करेंगी जिसपर 150 से 250 करोड़ रुपये खर्च आने की उम्मीद है जिसमें होटल में ठहरने पर आने वाला खर्च भी शामिल है. टीमों के अलावा अम्पायर और कमेंटेटर भी शामिल होंगे. वर्ल्ड कप विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा. हर मैच के लिए 1000 टूरिस्ट संख्या को जोड़ा जाए तो ये टूरिस्ट होटल फूड, ट्रैवल, और दूसरे मर्केंडाइज आईटम्स की खरीदारी पर भी लोग 100 से 200 करोड़ रुपये खर्च करेंगे. रेस्टोरेंट, कैफे में मैच की स्क्रिनिंग और घर बैठकर एप के जरिए फूड आर्डर करने पर पूरे टूर्नामेंट के दौरान 4000 से 5000 करोड़ रुपये का कारोबार देखने को मिल सकता है. इन सभी खर्चों को जोड़ दें तो क्रिकेट विश्व कप के दौरान कुल खर्च 18,000 से 22000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. जिसका फायदा वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी में मजबूत बढ़ोतरी के तौर पर देखने को मिलेगा

इन सेक्टर को होगा जबरदस्त फायदा

विश्वकप 2023 से गिग वर्कर्स को भी बूस्ट मिलेगा. बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक 750 करोड़ रुपए से एक हजार करोड़ रुपए का बूस्ट मिल सकता है..इस इवेंट के दौरान टिकट सेल्स, होटल्स रेस्टोरेंट फूड डिलिवरी पर जीएसटी वसूली के जरिए सरकार को टैक्स रेवेन्यू के तौर पर बड़ी कमाई भी होगी. बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक विश्वकप 2023 की मेजबानी से भारत की जीडीपी को 22,000 करोड़ का बूस्ट मिलेगा. टिकट की बिक्री से 1,600 से 2,200 करोड़ रुपए की कमाई हो सकती है. स्पॉन्सर टीवी राइट्स से 10,500 से 12,000 करोड़ रुपए की कमाई. वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही 10 टीमों के ट्रैवल खर्च से 150 से 250 करोड़ रुपए की कमाई हो सकती है. BOB की रिपोर्ट के मुताबिक फॉरेन टूरिस्ट से 450 से 600 करोड़ रुपए की कमाई होगी. वहीं, घरेलू टूरिज्म को 150 करोड़ रुपए से 250 करोड़ रुपए की कमाई होगी. वहीं, मर्चेंडाइज को 1,00-2,00 करोड़ रुपए, स्पेक्टेटर एक्सपेंस से 300 करोड़ से 500 करोड़ रुपए और स्क्रीनिंग और फूड डिलिवरी बिजनेस को चार हजार करोड़ रुपए से पांच हजार करोड़ रुपए का बूस्ट मिलेगा. गौरतलब है कि भारत ने साल 2011 में विश्वकप की मेजबानी की था. तब भारत ने श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ संयुक्त रूप से ये टूर्नामेंट होस्ट किया था.

विश्वकप भारत में कुल 10 वेन्यू में खेला जायेगा

विश्वकप 2023 कुल 10 वेन्यू में खेला जाएगा. अरुण जेटली दिल्ली में दर्शक क्षमता 55,000, नरेंद्र मोदी स्टेडियम अहमदाबाद में दर्शक क्षमता 1,32,000, वानखड़े स्टेडियम मुंबई में दर्शक क्षमता 33 हजार, एमसीए स्टेडियम पुणे की दर्शक क्षमता 37 हजार, एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम बेंगलुरु की दर्शक क्षमता 40 हजार और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन धर्मशाला की क्षमता 23 हजार दर्शकों की है. इकाना स्टेडियम लखनऊ की दर्शक क्षमता 50 हजार, ईडन गार्डन्स कोलकाता की क्षमता 66 हजार, राजीव गांधी स्टेडियम हैदराबाद की क्षमता 55 हजार और चेपॉक स्टेडियम चेन्नई की दर्शक क्षमता 38 हजार है.

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