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दिल्ली-एनसीआर : 6 साल में दूसरी बार जनवरी-सितंबर अवधि में साफ हुई दिल्ली की हवा


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नई दिल्लीः केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शनिवार को जानकारी दी कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार आई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम CAQM) के अनुसार इस वर्ष 1 जनवरी से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई AQI) 167 दर्ज किया गया है।जो पिछले छह साल में इसी अवधि के लिए दूसरा सबसे क्लिन है। छह वर्षों में इसी अवधि के लिए दूसरा सबसे अच्छा सूचकांक है। सीएक्यूएम ने शनिवार को जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस अवधि में बेहतर वायु गुणवत्ता केवल महामारी से प्रभावित 2020 के दौरान दर्ज की गई थी।

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सर्वश्रेष्ठ

दिल्ली-एनसीआर में बीते छह सालों की तुलना में इस साल जनवरी से सितंबर महीने में रोजाना की औसत वायु गुणवत्ता सर्वश्रेष्ठ दर्ज की गई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मुताबिक, 2020 कोविड काल के अलावा 2016 से 2023 के पहले नौ महीनों में लोगों ने तुलनात्मक रूप से अच्छी हवा में सांस ली। शनिवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 167 दर्ज किया गया, जबकि इसी अवधि के दौरान वर्ष 2022 में 184, 2021 में 180, 2019 में 188 और 2018 में 193 दर्ज किया गया था।

कोरोना महामारी के दौरान दर्ज की गई थी सबसे क्लियर एयर क्वालिटी

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सीएक्यूएम के एक बयान में कहा गया है कि इस अवधि में बेहतर वायु गुणवत्ता केवल कोरोना महामारी से प्रभावित 2020 के दौरान दर्ज की गई थी। 2018, 2019, 2021 और 2022 में इस अवधि के दौरान औसत AQI 180 से 193 के बीच रहा।

10 सितंबर को सबसे क्लियर वायु क्वालिटी दर्ज की गई

जी20 शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन, 10 सितंबर को दिल्ली ने 45 एक्यूआई के साथ वर्ष का पहला “अच्छा” वायु गुणवत्ता वाला दिन अनुभव किया।सितंबर 2022 (165mm) की तुलना में सितंबर 2023 में कम वर्षा (82.7mm) के बावजूद, इस वर्ष महीने का औसत AQI (108) पिछले वर्ष (104) के बराबर रहा।खास बात यह कि इस साल 10 सितंबर को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक अच्छी श्रेणी मेंं पहुंच गया। इस दिन एक्यूआई 45 रहा। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके पीछे की मुख्य वजह बारिश व हवा की गति है। मौसम विभाग के अनुसार सितंबर माह में कुल 82.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि वर्ष 2022 सितंबर में 165 मिमी बारिश हुई थी। वर्षा की इस कमी के बावजूद दैनिक औसत सितंबर महीने में एक्यूआई 108 पर रहा, वहीं सितंबर 2022 के दौरान एक्यूआई 104 दर्ज किया गया था।

मौसम रहा अनुकूल, हवा रही साफ


विशेषज्ञों की न कहा कि अनुकूल मौसम संबंधी स्थितियां, निरंतर जमीनी स्तर के प्रयास, वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न हित धारक एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई के चलते यह हासिल किया गया है। इसके पीछे सभी एजेंसियों व लोगों ने मदद की है। आयोग ने सभी एजेंसियों और हितधारकों से संबंधित दिशा-निर्देशों को प्रभावी ढंग से लागू करने का कहा है

10 सितंबर को रहा 45 एक्यूआई

जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) के अंतिम दिन, 10 सितंबर को 45 एक्यूआई के साथ दिल्ली ने वर्ष का एकमात्र “अच्छी” वायु गुणवत्ता वाला दिन अनुभव किया। सितंबर 2022 में 165 मिमी की तुलना में सितंबर 2023 में कम वर्षा 82.7 मिमी के बावजूद, इस वर्ष महीने का औसत एक्यूआइ 108 बीते वर्ष के 104 के आसपास रहा।

193 दिन साफ रही हवा

पिछले पांच वर्षों के दौरान इस वर्ष दिल्लीवासियों ने जनवरी से सितंबर माह के बीच 193 दिन अच्छे से मध्यम श्रेणी की हवा में सांस ली। यह बीते पांच वर्षों के मुकाबले सबसे अधिक दिन दर्ज किए गए हैं। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक औसत से कम रहा। जबकि पिछले वर्षों में इस अवधि के दौरान अच्छे से मध्यम श्रेणी में वायु गुणवत्ता वाले दिन 2022 में केवल 146, 2021 में 174, 2019 में 165 और 2018 में 152 थे। वर्ष 2023 में जनवरी-अगस्त की अवधि में दैनिक औसत पीएम 2.5 की मात्रा करीब 73 दर्ज की गई है, जबकि 2017 से 2022 (कोविड प्रभावित 2020 को छोड़कर) की इसी अवधि के दौरान यह 82-95 के बीच थी।इस वर्ष (2023) जनवरी और सितंबर के बीच, राजधानी दिल्ली में “गुड” से “मॉडरेट” एयर क्वालिटी (औसत AQI 200 से कम) वाले 193 दिन देखे गए, जो पिछले पांच वर्षों (2020 को छोड़कर) को पार कर गया। साल 2020 में ”गुड” से ”मॉडरेट’ एयर क्वालिटी वाले दिनों की संख्या 146 से लेकर 174 रही थी।

2023 में पीएम10 सांद्रता में आई काफी कमी

सीएक्यूएम ने बताया कि पिछले छह वर्षों की तुलना में 2023 में दैनिक औसत पीएम2.5 और पीएम10 सांद्रता में भी काफी कमी आई है। 2023 के पहले आठ महीनों में, दैनिक औसत PM2.5 सांद्रता लगभग 73 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी, जो 2017-2022 की अवधि (2020 को छोड़कर) के दौरान देखी गई 82-95 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सीमा से काफी कम है।इसी तरह, इस वर्ष दिल्ली में पीएम10 की औसत सांद्रता 169 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है, जो पिछले वर्षों (2020 को छोड़कर) की 183-215 माइक्रोग्रा

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