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राजनीति

नई संसद को लेकर जयराम रमेश की टिप्पणी पर आग बबूला हुए जेपी नड्डा


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नई दिल्लीः नई संसद को लेकर विपक्ष की ओर से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि जोर-शोर से लॉन्च की गई नई संसद असल में पीएम के उद्देश्यों पर खरी उतरती है, इसे मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मैरियट कहा जाना चाहिए. इस टिप्पणी पर बीजेपी की ओर से करारा हमला किया गया. बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस की यह दयनीय मानसिकता है. कांग्रेस पहले भी संसद विरोधी रही है.

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने शनिवार को नए संसद भवन को ‘मोदी मल्टीप्लेक्स’ करार दिया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि 2024 में जब सत्ता बदलेगी, तो संसद भवन की नई इमारत का बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा. कांग्रेस नेता के इस बयान पर बीजेपी हमलावर हो गई है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के निम्नतम स्तर के मुकाबले भी ये बेहद ही खराब मानसिकता को दिखाता है. उन्होंने इसे भारतीयों का अपमान करार दिया.

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश के X (पहले ट्विटर) पर किए कमेंट पर जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के निम्नतम मानकों (Lowest Standards) के हिसाब से यह एक दयनीय मानसिकता है. साथ ही यह करीब 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं के अपमान के अलावा और कुछ नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वैसे भी यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस संसद विरोधी रुख अपना रही है. कांग्रेस पार्टी की ओर से 1975 में एक कोशिश की गई थी जिसमें वह बुरी तरह से नाकाम रही थी.

नए संसद भवन पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश के पोस्ट पर निशाना साधते हुए आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने उनसे सवाल पूछा। इंद्रेश ने कहा कि नई संसद एक सच्चाई है और इसे कोई नहीं बदल सकता।इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस से पूछा कि क्या जयराम नरेश यह कहना चाह रहे हैं कि वो नई संसद बनाएंगे, क्योंकि उन्होंने यह नहीं कहा कि वह पुरानी संसद में वापस जाएंगे। इंद्रेश ने इसके साथ ही सभी पार्टी नेताओं से अपील की कि वो नफरत और दुश्मनी से ऊपर उठें।

सिर्फ नड्डा ही नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी जयराम रमेश पर बड़ा हमला बोला. केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर कहा, मैं मांग करता हूं कि पूरे देश में राजवंशीय अड्डों के मूल्यांकन और युक्तिसंगत बनाए जाने की जरुरत है. शुरुआत के लिए, 1 सफदरजंग रोड कॉम्प्लेक्स को तुरंत भारत सरकार को लौटा दिया जाना चाहिए. सभी प्रधानमंत्रियों के लिए स्पेस अब पीएम संग्रहालय में कर दिया गया है. 1 सफदरजंग रोड इंदिरा गांधी का सरकारी आवास था जिसे उनकी हत्या के बाद इसे संग्रहालय में बदल दिया गया.

बीजेपी नेताओं की ओर से यह तीखा हमला तब किया गया जब कांग्रेस के जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “नए संसद भवन को भारी भरकम प्रचार के साथ लॉन्च किया गया जो प्रधानमंत्री के ओब्जेक्टिव्स को अच्छी तरह से साकार करता है. इस इमारत को मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मैरियट कहा जाना चाहिए.”बता दें कि जयराम रमेश ने आज अपने पोस्ट में कहा था कि पुराना संसद बेहतर था और 2024 में सत्ता के साथ नए संसद का इस्तेमाल भी बदल जाएगा। जयराम के बयान के बाद कई कयास लगने लगे हैं।

इतने प्रचार के साथ लॉन्च किया गया नया संसद भवन वास्तव में पीएम के उद्देश्यों को अच्छी तरह से साकार करता है. इसे मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मैरियट कहा जाना चाहिए. चार दिनों के भीतर ही मैंने दोनों सदनों के भीतर बातचीत को खत्म होते हुए देखा है. अगर वास्तुकला सचमुच लोकतंत्र को मार सकती है, तो संविधान को दोबारा लिखे बिना ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा करने में सफल हुए हैं.उन्होंने कहा कि यहां एक दूसरे को देखने के लिए दूरबीन की जरूरत पड़ती है, क्योंकि हॉल बिल्कुल भी कॉम्पैक्ट नहीं है. पुराने संसद भवन का एक गौरव था. दोनों सदनों, सेंट्रल हॉल और गलियारों के बीच चलना आसान था. उन्होंने आगे कहा कि शायद 2024 में सत्ता परिवर्तन के बाद नए संसद भवन का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा.

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