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World Cup 2023:वर्ल्ड कप टीम प्लेइंग-11 में हो सकती है अश्विन की एंट्री!


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नई दिल्लीः एशिया कप जीतने के बाद टीम इंडिया की नज़र अब वनडे वर्ल्ड कप 2023 पर है. 5 अक्टूबर से भारत में ही ये टूर्नामेंट शुरू हो रहा है और टीम इंडिया की कोशिश है कि 10 साल बाद किसी आईसीसी ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया जाए. वर्ल्ड कप से ठीक पहले भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैच की वनडे सीरीज़ खेलनी है, इसमें रविचंद्रन अश्विन को टीम में जगह दी गई है. कयास लग रहे हैं कि ये एक रास्ता खोला गया है ताकि आगे जाकर वर्ल्ड कप स्क्वॉड में भी अश्विन को लाया जा सके, खुद कप्तान रोहित शर्मा इसके संकेत दे चुके हैं.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया का एलान हो चुका है। टीम में ज्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं। एशिया कप में खेलने वाले अधिकतर खिलाड़ियों को इस सीरीज में मौका दिया गया है। हालांकि, शुरुआती दो वनडे के लिए रोहित शर्मा और विराट कोहली सहित हार्दिक जैसे खिलाड़ियों को आराम दिया गया है। भारतीय टीम में सबसे ज्यादा चौकाने वाला नाम रविचंद्रन अश्विन का है। अश्विन के अलावा ऋतुराज गायकवाड़ को भी मौका दिया गया है, लेकिन वह एशियाई खेलों में टीम की कप्तानी भी करेंगे। ऐसे में उनके लिए इस सीरीज में मौका मिलना जरूरी है।

भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के लिए आर अश्विन को वनडे टीम में शामिल किया है। कुलदीप यादन और अक्षर पटेल की गैर मौजूदगी में आर अश्विन का प्लेइंग इलेवन में खेलना पक्का माना जा रहा है। ऐसे में अश्विन के पास अपनी काबिलियत दिखाने का भरपूर मौका होगा। अगर अश्विन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब होते हैं तो उन्हें वनडे वर्ल्ड कप टीम में भी शामिल किया जा सकता है।37 साल के अश्विन का नाम काफी हैरान करने वाला है। वह 2017 में भारत की वनडे टीम से बाहर हुए थे। इसके बाद से उन्होंने सिर्फ दो वनडे मैच खेले हैं। 2022 में उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में मौका मिला था। हालांकि, टेस्ट में अश्विन भारत के सबसे बेहतरीन गेंदबाज रहे हैं, लेकिन वनडे और टी20 में वह काफी कम मैच खेले हैं।

अगर, रविचंद्रन अश्विन की वर्ल्ड कप टीम में एंट्री होती है तो क्या वो प्लेइंग-11 का हिस्सा होंगे. अगर ऐसा होता है तो फिर आखिर उनके लिए किस प्लेयर को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ेगा. आर अश्विन ने करीब 21 महीने बाद वनडे टीम में वापसी की है। इससे पहले जनवरी 2022 में अश्विन ने भारत के लिए वनडे मैच खेला था। भारतीय टीम में ऑफ स्पिनर की कमी भी खल रही थी। ऐसे में अश्विन टीम की इस कमी को पूरा कर सकते हैं। वैसे भारतीय सरजमीं पर वर्ल्ड कप के दौरान स्पिनर्स का बोलबाला रहा है। ऐसे में अश्विन के पास खुद को साबित करने का बेहतरीन मौका होगा।

एशिया कप जीतने के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने बयान दिया था कि रविचंद्रन अश्विन और वाशिंगटन सुंदर अभी भी वर्ल्ड कप के प्लान में हैं, उनका कुछ रोल तय हो सकता है. रोहित ने ये भी बताया था कि वो लगातार फोन के जरिए अश्विन के टच में रहे हैं. इसी बयान के बाद अश्विन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे स्क्वॉड में लाया गया.साल 1987 में सबसे पहली बार भारतीय सरजमीं पर वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया था। इस वर्ल्ड कप में भारत की तरफ से बाएं हाथ के स्पिनर मनिंदर सिंह ने 14 विकेट हासिल किए थे। साल 1987 में भारतीय टीम सेमीफाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही थी। 1996 में भी भारत में वर्ल्ड कप खेला गया, इस टूर्नामेंट में भारत की ओर से अनिल कुंबले ने सबसे अधिक विकेट अपने नाम किया था।

अब सवाल है कि क्या अश्विन वर्ल्ड कप टीम में आएंगे? दरअसल, अक्षर पटेल को अभी हल्की चोट लगी है अगर उनकी जगह किसी को वर्ल्ड कप स्क्वॉड में लाया जाता है तो ये नाम अश्विन का हो सकता है. वैसे भी वर्ल्ड कप के लिए चुनी गई टीम में एक भी ऑफ स्पिनर नहीं है. यहां अश्विन का पलड़ा भारी होता है, क्योंकि वो कुछ हदतक बल्लेबाजी भी कर लेते हैं.आखिरी बार साल 2011 में भारतीय सरजमीं पर वनडे वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया था। भारत ने श्रीलंका को फाइनल में हराकर खिताब अपने नाम किया था। भारत की ओर से तेज गेंदबाज जहीर खान ने टूर्नामेंट में सबसे अधिक 21 विकेट लिए थे। लेकिन युवराज सिंह भी इस वर्ल्ड कप के हीरो थे। युवराज सिंह ने 15 विकेट चटकाए, इसके साथ ही वह बल्ले के साथ भी टीम के लिए अहम योगदान देने में सफल रहे।

बीसीसीआई पहले ही वर्ल्ड कप के लिए स्क्वॉड का ऐलान कर चुका है, एशिया कप में परफॉर्मेंस के दमपर माना जा रहा था कि प्लेइंग-11 भी लगभग पक्की हो चुकी थी. लेकिन अब रविचंद्रन अश्विन की एंट्री से गेम थोड़ा गड़बड़ा रहा है, यहां काफी कुछ टीम कॉम्बिनेशन और पिच पर निर्भर करेगा. क्योंकि अभी टीम के पास कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा के रूप में दो स्पिनर हैं.ऐसे में प्लेइंग-11 में इन दो का खेलना पक्का है, यानी अगर अश्विन की एंट्री होती है तो किसी एक का पत्ता कटेगा. यहां टीम का कॉम्बिनेशन देखना होगा क्योंकि टीम इंडिया अगर तीन स्पिनर्स के साथ खेले ऐसा तो मुश्किल लगता है, ऐसे में 3 तेज गेंदबाज और 2 स्पिनर मैदान में होंगे, यहां जडेजा और अश्विन में से किसी एक को ही प्लेइंग-11 में जगह मिलने की उम्मीद है.

हालांकि हार्दिक पंड्या के बॉलिंग करने से एक फायदा ये भी है कि टीम इंडिया को एक तेज गेंदबाज कम खिलाकर एक और ऑलराउंडर खिलाने की छूट मिल सकती है. ऐसे में दो तेज गेंदबाज के साथ हार्दिक पंड्या, फिर शार्दुल ठाकुर या रविचंद्रन अश्विन टीम में हो सकते हैं. यहां जडेजा-कुलदीप भी प्लेइंग-11 में बरकरार रह सकते हैं.

प्लेइंग-11 का पहला फॉर्मूला: रोहित शर्मा, शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, हार्दिक पंड्या, रविचंद्रन अश्विन/रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह

प्लेइंग-11 का दूसरा फॉर्मूला: रोहित शर्मा, शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, शार्दुल ठाकुर/रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद सिराज, जसप्रीत बुमराहवर्ल्ड कप 2023 के लिए टीम इंडिया का स्क्वॉड: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, केएल राहुल, इशान किशन, श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पंड्या (उपकप्तान), शार्दुल ठाकुर, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह.

वनडे विश्व कप का आयोजन भारत में होना है, जहां अधिकतर मैदानों में पिच से स्पिन गेंदबाजों को मदद मिलती है। भारत की मौजूदा विश्व कप टीम में तीन स्पिन गेंदबाज हैं। तीनों बाएं हाथ के हैं। जडेजा और अक्षर तो हर मामले में लगभग एक समान हैं। ऐसे में जब स्पिन पिच में तीन स्पिन गेंदबाजों को मौका दिया जाएगा तो अक्षर और जडेजा का साथ में खेलना मुश्किल होगा। एशिया कप में भी यह देखने को मिला कि अक्षर कुछ खास नहीं कर पाए थे और कप्तान ने उनसे पूरे ओवर भी नहीं कराए थे। अब अक्षर चोटिल हैं और उनका फिट होना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में रोहित शर्मा और अजीत अगरकर तीसरे स्पिनर के विकल्प के रूप में अश्विन को तैयार रखना चाहते हैं। अगर अक्षर पटेल समय पर फिट नहीं होते हैं तो अश्विन को उनकी जगह विश्व कप टीम में शामिल किया जा सकता है। अश्विन बल्ले के साथ भी उपयोगी पारियां खेलने में सक्षम हैं। उनके टीम में आने से स्पिन गेंदबाजी में विविधता आएगी। खासकर बाएं हाथ के बल्लेबाजों को वह खासा परेशान करते हैं। इसी वजह से टीम मैनेजमेंट उन पर दांव लगा रहा है।

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