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राजनीति

Women Reservation Bill:राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के मुद्दे पर मल्लिकार्जुन खरगे और निर्मला सीतारमण आए आमने-सामने


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नई दिल्लीः संसद के स्पेशल सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलों से महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) पर साथ आने की अपील की. पीएम मोदी ने कहा कि राज्यसभा के पास एक बड़ा मौका है कि महिला सशक्तिकरण से जुड़े बिल पर सर्वसम्मिति से निर्णय लें. पीएम मोदी नई संसद के राज्यसभा में स्वागत भाषण में बोल रहे थे.नारी शक्ति वंदन बिल आज संसद में पेश हुआ. विशेष सत्र के दूसरे दिन नए संसद भवन में लोकसभा और विधान परिषदों में महिला को 33 फीसदी आरक्षण के प्रावधान वाला बिल लोकसभा में पेश किया गया.

पीएम मोदी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को राज्यसभा में बोलने का मौका दिया गया. इस दौरान खरगे ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम में ओबीसी महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए. उनके इस बयान पर राज्यसभा में हंगामा हो गया.. राज्य सभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच जमकर नोंकझोंक हुई. मल्लिकार्जुन खरगे ने इस विधेयक में ओबीसी को शामिल नहीं किए जाने को लेकर सरकार पर सवाल उठाए.

राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (Women’s Reservation Bill) पर खरगे के बयान को लेकर हंगामा हुआ. उन्होंने महिला आरक्षण बिल में OBC को आरक्षण ना मिलने के मुद्दे को उठाया और इसे पिछड़ों के साथ अन्याय बताया. उनके बयान के बाद संसद में हंगामा होने लगा.

कमजोर महिलाओं के टिकट देती है पार्टियां
खरगे ने कहा, ”सांसद चुन कर आते हैं. बैकवर्ड क्लास और अनुसुचित जाति की महिलाएं उतनी पढ़े लिखी नहीं हैं. उनकी साक्षरता भी काफी कम है. सभी पार्टियों की आदत है कि वो टिकट कमजोर महिलाओं को दे देते हैं. जो लड़ सकती हैं, उन्हें नहीं देते हैं. मुझे मालूम है.”

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है और वे उन लोगों को नहीं चुनते जो शिक्षित हैं और लड़ सकती हैं. उन्होंने कहा कि वे हमें श्रेय नहीं देते, लेकिन मैं उनके ध्यान में लाना चाहता हूं कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में पहले ही पारित हो चुका था, लेकिन इसे रोक दिया गया था.मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनका ये बयान बिल्कुल सतही है.

बीजेपी ने खरगे के बयान पर जताई आपत्ति
इसपर बीजेपी नेताओं ने आपत्ति की. इसके बाद खरगे ने कहा, ”मेरा कहना है कि कमजोर वर्ग के लोगों को हमेशा वो ऐसा कहते हैं कि मुंह नहीं खोलना. उस पार्टी में बात नहीं करना. मैं इसलिए कह रहा हूं.”उनके इस बयान पर बीजेपी सांसदों का हंगामा जारी रहा. इसपर खरगे ने कहा, “मैं सभी पार्टी की बात कह रहा हूं. सभी पार्टी में ऐसी बात है. इसलिए महिलाएं नीचे हैं. उन्हें आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं.”

महिला आरक्षण बिल में SC/ST के लिए एक तिहाई आरक्षण
बता दें कि इस बिल पर बुधवार को सदन में चर्चा की जाएगी. पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियन नाम दिया है. उन्होंने कहा कि इस बिल से लोकतंत्र मजबूत होगा और लोकसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी. इसमें SC, ST के लिए एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान है. कल महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के बाद इसे फिर पारित किया जाएगा.

निर्मला सीतारमण ने जताई आपत्ति
इसके बाद सभापति ने आपत्ति दर्ज कराने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बोलने का मौका दिया. उन्होंने कहा कि ऐसा कहना कि पार्टी महिलाओं को तवज्जो नहीं देती है. यह गलत है. पार्टी ने हम सभी को मौका दिया. मैं आपत्ति दर्ज करवाती हूं. आप जनरलाइजेश (सामान्यीकरण) नहीं कर सकते.

सरकार का ये कदम इवेंट मैनेजमेंट- कांग्रेस
इधर कांग्रेस ने लोकसभा में पेश महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को चुनावी जुमला करार देते हुए कहा है कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है, क्योंकि विधेयक में कहा गया है कि ताजा जनगणना और परिसीमन के बाद यह 2029 से लागू होगा.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ये दावा भी किया कि सरकार का ये कदम ‘ईवीएम (इवेंट मैनेजमेंट)’ है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 2021 की जनगणना कराने में विफल रही है.


रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “चुनावी जुमलों के इस मौसम में यह सभी जुमलों में सबसे बड़ा है. करोड़ों भारतीय महिलाओं और युवतियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है. जैसा कि हमने पहले बताया था, मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं कराई है, जिससे भारत जी20 में एकमात्र देश बन गया है जो जनगणना कराने में विफल रहा है. अब इसमें कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद पहली दशकीय जनगणना के पश्चात ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा.” उन्होंने सवाल किया कि ये जनगणना कब होगी?

‘महिलाओं में अंतर न करें’
इसपर निर्मला सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रपति मूर्मु कौन हैं? ऐसे आप नहीं कह सकते हैं. आप कैसे दो महिलाओं में अंतर कर सकते हैं. हम सभी महिलाओं के आरक्षण की बात कर रहे हैं.धनखड़ ने सुलह की कोशिश की-इसपर सभापति जगदीप धनखड़ ने सुलह की कोशिश की. उन्होंने कहा कि हम ऐतिहासिक विषय पर चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं, लेकिन यह व्यापक बयान देना कि सभी पार्टियां उन महिलाओं को चुनती हैं जो प्रभावी नहीं हैं, बिल्कुल अस्वीकार्य है। प्रधानमंत्री जी, हमारी पार्टी ने हम सभी को सशक्त बनाया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सशक्त महिला हैं।

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