नई दिल्ली – आज दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली में वाजपेयी के स्मारक ‘सदैव अटल’ में अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्री उनके साथ शामिल हुए।
We remember his warm personality, we remember his endearing nature, we remember his wit and humour, we remember his contribution to national progress.
Atal Ji lives in the hearts and minds of our citizens. Today, on his Punya Tithi went to Sadaiv Atal and paid tributes to him. pic.twitter.com/UQUm7K3eiC
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2021
भाजपा प्रधान मंत्री वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 को निधन हो गया था। 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी चार अलग-अलग राज्यों से लोकसभा के लिए 10 बार चुने गए (पहली बार 1957 में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से), और दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे। एक राजनेता और भगवा दिग्गज, उन्होंने 1996, 1998-99 और 1999-2004 में तीन बार भारत के प्रधान मंत्री का पद संभाला।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, श्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि पर नई दिल्ली में उनकी समाधि, ‘सदैव अटल’ पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। pic.twitter.com/ORrG8pYrQs
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 16, 2021
आपको बता दे की वाजपेयी १९४२ के भारत छोड़ो आंदोलन में भी शामिल थे। १९५१ में जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक, वाजपेयी १९६८ में इसके अध्यक्ष बने। उनकी कविता, उनकी पुस्तक मेरी एक्यवन कवितायें (मेरी 51 कविताएँ) में संकलित है। 1977 के चुनावों में, लोकसभा के लिए चुने गए और विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त हुए। वाजपेयी ने जनसंघ के विघटन के बाद 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की। उन्होंने इसके पहले अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 1998 के चुनावों में भगवा पार्टी ने 182 सीटें जीतीं और वाजपेयी एक बार फिर प्रधानमंत्री बने। इस बार सरकार 13 महीने तक टिकी रही। 1999 में जब चुनाव हुए तो बीजेपी एक बार फिर 182 सीटों के साथ सत्ता में आई।
अटल जी हमारी पीढ़ी के दूरदर्शी राजनेता, ओजस्वी वक्ता, विद्वान साहित्यकार, राष्ट्रवादी संवेदनशील कवि तथा प्रखर सांसद रहे।
अटल जी अपना सारा जीवन राष्ट्र की निःस्वार्थ सेवा में समर्पित कर दिया, आपने सुशासन के प्रामाणिक मानदंड स्थापित किए। #AtalBihariVajpayee
— Vice President of India (@VPSecretariat) August 16, 2021
1996 के चुनावों में, पार्टी ने 161 सीटें जीतीं, जिससे यह संसद में सबसे बड़ी पार्टी बन गई। वाजपेयी ने प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी, लेकिन लोकसभा में बहुमत हासिल करने में असमर्थ थे, जिससे सरकार को 13 दिनों के बाद इस्तीफा देना पड़ा। वाजपेयी ने दिसंबर 2005 में सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया। भाजपा के ‘भीष्म पितामह’ के रूप में संदर्भित, वाजपेयी को 2015 में देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 2018 में 16 अगस्त को अंतिम सांस ली।