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महिला आरक्षण विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर खुश हुईं कंगना, लिखा ये खास पोस्ट


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मुंबई –केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते दिन यानि सोमवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी. जिसके अनुसार महिलाओं लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. बिल को मंजूरी मिलने के बाद अब कंगना रनौत समेत कई बॉलीवुड अभिनेत्रियों ने नए संसद भवन पहुंचकर इस फैसले पर खुशी जताई है. चलिए जानते हैं उन्होंने क्या कहा….

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक (Cabinet Meeting) में लंबे से लंबित महिला आरक्षण विधेयक (Women Reservation Bill) को मंजूरी दे दी गई. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. कांग्रेस ने भी महिला आरक्षण बिल पर सरकार के फैसले का स्वागत किया. हालांकि उसने कहा कि सर्वदलीय बैठक में इस पर चर्चा कर आम सहमति बनाई जा सकती थी. पार्टी महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि उनका दल लंबे समय से इस विधेयक को पारित करने की मांग कर रहा है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है. हम केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले से जुड़ी खबर का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’ रमेश ने कहा कि विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के पीछे की राजनीति के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी. उन्होंने अपने एक पुराने पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें महिला आरक्षण विधेयक की पृष्ठभूमि का हवाला दिया गया था.

पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सोमवार शाम को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बैठक में महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी, जिससे अब इसे संसद के दोनों सदनों में पेश करने का रास्ता साफ हो गया। विधेयक विधायी निकायों में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने की अनुमति देता है। यह लंबे समय से भारतीय राजनीति में एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। कैबिनेट से ऐतिहासिक मंजूरी मिलने के कुछ घंटों बाद अभिनेत्री कंगना रणौत ने इस कदम की सराहना की और इसे एक नए युग की शुरुआत बताया।

नए संसद भवन में पहुंची कंगना ने इसपर बात करते हुए कहा कि, “ये एक अद्भुत विचार है, ये सब हमारे माननीय पीएम मोदी और इस सरकार और महिलाओं के उत्थान के प्रति उनकी विचारशीलता की वजह से है..” वहीं इससे पहले कंगना ने अपने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा था कि, ‘हम सभी एक नये युग के गवाह बन रहे हैं, अपना टाइम आ गया है, ये लड़कियों का समय है..युवा महिलाओं का समय है..आप अनवॉन्टेड नही हैं, अब आपका अवमूल्यन नहीं होगा, ये बुजुर्ग महिलाओं का समय है..नई दुनिया में आपका वेलकम है, हमारे सपनों के भारत में आपका स्वागत है..’

वहीं कंगना के अलावा एक्ट्रेस ईशा गुप्ता भी संसद भवन पहुंची थी. उन्होंने इसपर बात करते हुए कहा कि, “ये एक खूबसूरत काम है जो पीएम मोदी ने किया है. ये एक बहुत ही प्रगतिशील विचार है. ये आरक्षण बिल महिलाओं को समान अधिकार देगा. ये हमारे देश के लिए एक बड़ा कदम है..” पीएम मोदी ने इसका वादा किया और इसे पूरा भी किया…” बता दें कि हरियाणा की फेमस डांसर और सिंगर सपना चौधरी भी संसद भवन में पहुंची थी.

इस बारे में विस्तार से बताते हुए कि बिल का देश पर क्या प्रभाव पड़ेगा, कंगना ने कहा, “यह लड़कियों का समय है। अब कन्या भ्रूण हत्या नहीं होगी। यह युवा महिलाओं का समय है। अब सुरक्षा के लिए पुरुषों से चिपके रहने का नहीं, यह अधेड़ महिलाओं का समय है, यह बुजुर्ग महिलाओं का समय है। नए में आपका स्वागत है दुनिया। हमारे सपनों के भारत में आपका स्वागत है।”

महिला आरक्षण विधेयक अब संसद में पेश किया जाएगा, जहां अभी एक विशेष सत्र चल रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए के स्पष्ट बहुमत और कांग्रेस की ओर से विधेयक के विरोध की कमी को देखते हुए विधेयक के आसानी से पारित होने की संभावना है। इस विधेयक की जड़ें 1996 में भारत में महिलाओं के विधायी आरक्षण के लिए कानून बनाने के कई प्रयासों में निहित हैं। हालांकि, ऐसे सभी प्रयास पहले विफल रहे थे। 2010 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने विधेयक का एक संस्करण राज्यसभा से पारित कराया था, लेकिन प्रमुख सहयोगियों के विरोध के कारण इसे लोकसभा में नहीं लाया जा सका।

‘राजीव गांधी ने सबसे पहले किया था पेश’

उन्होंने कहा था, ‘सबसे पहले राजीव गांधी ने 1989 के मई महीने में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था. वह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया था, लेकिन सितंबर 1989 में राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था.’ रमेश के अनुसार, ‘अप्रैल 1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्ह राव ने पंचायतों और नगर निकायों में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया था. दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए. आज पंचायतों और नगर निकायों में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं. यह आंकड़ा 40 प्रतिशत के आसपास है.’

मनमोहन सिंह ने भी की थी पहल

कांग्रेस नेता ने कहा था, ‘महिलाओं के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में एक-तिहाई आरक्षण के वास्ते तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने संविधान संशोधन विधेयक लाया था. विधेयक 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ था, लेकिन लोकसभा में नहीं ले जाया जा सका.’ उन्होंने कहा था, ‘राज्यसभा में पेश/पारित किए गए विधेयक समाप्त नहीं होते हैं. इसलिए महिला आरक्षण विधेयक अभी भी मौजूद है. कांग्रेस पार्टी पिछले 9 साल से मांग कर रही है कि महिला आरक्षण विधेयक, जो पहले ही राज्यसभा से पारित हो चुका है, उसे लोकसभा से भी पारित कराया जाना चाहिए.’

वर्क फ्रंट की बात करें तो कंगना राघव लॉरेंस के साथ जल्द ही ‘चंद्रमुखी 2’ में नजर आने वाली हैं। वहीं, उनके पास ‘तेजस’ भी है, जो 20 अक्तूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। इसके अलावा वह ‘इमरजेंसी’ में भी लीड रोल में दिखेंगी। इसका निर्देशन भी उन्होंने खुद ही किया है। फिल्म में उनके साथ अनुपम खेर, मिलिंद सोमन और सतीश कौशिक, जैसे अन्य कलाकार भी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आएंगे। यह 24 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। दर्शकों को इस फिल्म का लंबे समय से इंतजार है।

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