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विश्व

G20 खत्म होते ही ब्राजील के राष्ट्रपति ने किया ये बड़ा एलान


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नई दिल्लीः जी20 शिखर सम्मेलन के नए अध्यक्ष ब्राजील ने साफ कर दिया है कि वो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार नहीं करेगा. दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के बाद राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने कहा कि अगर राष्ट्रपति पुतिन अगले सम्मेलन के लिए ब्राजील आते हैं तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की अध्यक्षता समाप्त हो गई है. अब नया अध्यक्ष ब्राजील बना है.

दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय शिखर सम्मेलन से कुछ बड़े नेता नदारद रहे, जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी एक हैं. वह भारत क्यों नहीं आए? यह खासा चर्चा का विषय रहा. ब्राजील के राष्ट्रपति ने भारतीय मीडिया से बातचीत में बताया कि पुतिन को सम्मेलन के लिए निमंत्रण भेजा जाएगा. ब्राजील के राष्ट्रपति का यह बयान इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) के आदेशों का उल्लंघन करता है. ब्राजील आईसीसी में एक सिग्नेटरी है और उसपर आईसीसी के तमाम आदेश लागू होते हैं.

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इंटरनेशनल क्रिमिल कोर्ट की नजर में एक ‘अपराधी’ हैं. 123 सिग्नेटरी देशों वाले इस कोर्ट ने पुतिन को वॉर क्राइम का दोषी माना है. आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से 16000 से ज्यादा बच्चों का अपहरण किया. कोर्ट ने इस बात को स्वीकारते हुए कि इसके लिए पुतिन और उनकी ऑफिस में काम करने वालीं चिल्ड्रेंस राइट्स कमिश्नर मारिया अलेक्सयेवना लावोवा-बेलोवा जिम्मेदार हैं, दोनों की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया.आईसीसी के नियमों के मुताबिक, कोर्ट के सभी आदेश सिग्नेटरी देशों पर लागू होते हैं. अगर रूस के राष्ट्रपति ब्राजील जाते हैं और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता, तो यह इस कोर्ट के नियमों का उल्लंघन होगा. हालांकि, रूस इन आरोपों से इनकार करता है कि कब्जे वाले क्षेत्रों से बच्चों का अपहरण किया गया है.

व्लादिमीर पुतिन विदेशी मंचों से गायब रह रहे हैं. उन्होंने ब्रिक्स समिट में भी शिरकत नहीं की. दक्षिण अफ्रीका ने भी पहले ही इनकार कर दिया था. जी20 शिखर सम्मेलन में भारत भी नहीं आए. भारत आईसीसी के रोम समझौते का सिग्नेटरी भी नहीं है. उन्हें भारत में कोई दिक्कत नहीं थी. जिस हिसाब से एक के बाद एक सिग्नेटरी देश आदेशों को मानने से इनकार कर रहे हैं, इससे आईसीसी की साख पर सवाल उठना तय है.दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति ने कहा कि यदि रूसी राष्ट्रपति को गिरफ़्तार किया गया तो यह उनके देश द्वारा “युद्ध की घोषणा जैसा” होगा। अब ब्राजील ने भी इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है. व्लादिमीर पुतिन जी20 शिखर सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए

जी20 शिखर सम्मेलन के नए अध्यक्ष ब्राजील ने साफ कर दिया है कि वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार नहीं करेगा. राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डी सिल्वा ने दिल्ली में दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के बाद कहा कि अगर राष्ट्रपति पुतिन अगले शिखर सम्मेलन के लिए ब्राज़ील आते हैं तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की अध्यक्षता ख़त्म हो गई है. ब्राज़ील अब नया राष्ट्रपति है.ब्राजील के राष्ट्रपति ने भारतीय मीडिया से कहा कि शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन को निमंत्रण भेजा जाएगा. ब्राजील के राष्ट्रपति का बयान अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के आदेशों का उल्लंघन है। ब्राज़ील ICC का हस्ताक्षरकर्ता है और ICC के सभी आदेशों के अधीन है।

भारत की अध्‍यक्षता में हुई जी20 समिट को लेकर दुनिया भर से सराहना मिल रही है और अब यह रोटेशनल अध्‍यक्षता ब्राजील (Brazil) के पास पहुंच गई है. ब्राजील में अगली समिट रियो डी जनेरियो में होगी. ब्राजील के राष्‍ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्‍वा (Luiz Inácio Lula da Silva) ने कहा है कि अगर रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) इस समिट में शामिल होने के लिए रियो आएंगे तो उन्‍हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. इससे पहले भारत ने समिट में जो घोषणापत्र जारी किया है, उसको लेकर रूस सहित अन्‍य सभी देशों ने एकमत होकर सराहना की है.

रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन जी20 समिट में संभवत: इसलिए शामिल नहीं हुए क्‍योंकि दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्‍ट्रीय आपराधिक कोर्ट (आईसीसी ) के जारी वारंट के कारण उनकी गिरफ्तारी की जा सकती थी. हालांकि रूस ने इस वारंट को अमान्‍य बताया है. आईसीसी ने पुतिन के खिलाफ यूक्रेनी बच्‍चों के गैरकानूनी तरीके से निर्वासित करने को युद्ध अपराध की तरह मानते हुए वारंट जारी किया था.

लूला डी सिल्वा ने कहा, “जो रास्ता हमें नई दिल्ली से रियो डी जनेरियो तक ले जाएगा, उसके लिए सभी से बहुत समर्पण और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होगी.” उन्होंने कहा कि ब्राजील की अध्यक्षता में दक्षिण अमेरिकी देश के पांच क्षेत्रों में से प्रत्येक के शहरों में जी20 बैठकें आयोजित की जाएंगी. ब्राजील की अध्यक्षता के दौरान उसकी प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए लूला डी सिल्वा ने कहा कि उनका प्रयास होगा कि राजनीतिक और वित्तीय मार्ग समन्वित और एकीकृत तरीके से काम करें. उन्होंने कहा, ‘‘सर्वोत्तम सार्वजनिक नीति पर सहमत होने का कोई मतलब नहीं है अगर इसके कार्यान्वयन के लिए कोई संसाधन आवंटित नहीं किए गए हैं.”

ब्राजील के राष्‍ट्रपति ने मीडिया को दिए एक इंटरव्‍यू में कहा कि अगले साल रियो में जी20 समिट में होगा और मेरा मानना है कि पुतिन को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. वे आसानी से ब्राजील आ सकते हैं. हम शांति प्रिय हैं और हम लोगों के साथ अच्‍छा व्‍यवहार करना पसंद करते हैं. मैं ब्राजील का राष्‍ट्रपति हूं और मेरा मानना है कि अगर रूसी राष्‍ट्रपति आते हैं तो ऐसा कोई रास्‍ता नहीं कि उन्‍हें गिरफ्तार किया जाए. ब्राजील के राष्‍ट्रपति ने कहा कि मैं पुतिन से मिलने का उत्‍सुक हूं. अगले साल ब्रिक्‍स सम्‍मेलन रूस में होगा और उसमें शामिल होने के लिए मैं रूस जाऊंगा.

16000 बच्चों के अपहरण का मामला
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की नजर में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक ‘अपराधी’ हैं। 123 हस्ताक्षरकर्ता देशों वाली अदालत ने पुतिन को युद्ध अपराधों का दोषी पाया है।उस पर यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से 16,000 से अधिक बच्चों के अपहरण का आरोप है। अदालत ने पुतिन और उनके कार्यालय में काम करने वाली बाल अधिकार आयुक्त मारिया अलेक्सयेवना लावोवा-बेलोवा दोनों को जिम्मेदार मानते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

दक्षिण अफ़्रीका ने भी मना कर दिया
आईसीसी के नियमों के अनुसार, न्यायालय के सभी आदेश हस्ताक्षरकर्ता देशों पर लागू होते हैं। यदि रूस के राष्ट्रपति ब्राज़ील जाते हैं और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तो यह इस न्यायालय के नियमों का उल्लंघन होगा। हालाँकि, रूस इन आरोपों से इनकार करता है कि कब्जे वाले क्षेत्रों से बच्चों का अपहरण किया गया है।

आईसीसी की विश्वसनीयता पर सवाल
विदेशी मंचों से गायब हो रहे हैं व्लादिमीर पुतिन! वह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए. दक्षिण अफ़्रीका पहले ही मना कर चुका था. भारत भी G20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ.भारत आईसीसी रोम क़ानून का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है। उन्हें भारत में कोई दिक्कत नहीं थी. यह तथ्य कि एक के बाद एक हस्ताक्षरकर्ता देश आदेशों का पालन करने से इनकार कर रहे हैं, आईसीसी की विश्वसनीयता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

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