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इमरान खान को तोशाखाना मामले मिली बड़ी राहत ,इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने तत्‍काल रिहा करने का दिया आदेश


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नई दिल्लीः तोशाखाना मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट से पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने इस मामले में इमरान खान को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद इमरान शाम तक जेल से बाहर आएंगे। इसी मामले में इमरान के साथ-साथ उनकी पत्‍नी बुशरा बीबी को भी जमानत प्रदान कर दी गई है। उधर, बताया जा रहा है कि जिन्ना हाउस हमला मामले में इमरान खान की गिरफ्तार हो सकती है, जिसके बाद उनकी जेल से रिहाई मुश्किल होगी।मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की खंडपीठ ने जेल की सजा के खिलाफ इमरान खान की अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। इमरान इस समय अटक जेल में हैं।

हाईकोर्ट ने इमरान खान की सजा पर रोक लगा दी है और उन्‍हें तत्‍काल रिहा करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट की दो सदस्‍यीय बेंच ने इमरान खान को रिहा करने का आदेश दिया। इमरान खान को 5 अगस्‍त को गिरफ्तार करके अटक जेल में रखा गया था। इमरान खान को इससे पहले तोशाखाना मामले में 3 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि अभी यह भी कहा जा रहा है कि इमरान खान को एक दूसरे मामले में अरेस्‍ट किया जा सकता है।

बताया जा रहा है कि जेल से बाहर आते ही इमरान खान पाकिस्तान की सियासत में अपनी फिर से उपस्थिति दर्ज कराएंगे। कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान निचली अदालत के फैसले में कई कमियां गिनाते हुए इमरान खान को रिहा करने का आदेश दिया है।गौरतलब है कि पांच अगस्त को इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) की तरफ से दायर मामले में पूर्व प्रधानमंत्री को दोषी ठहराया था, जिसमें राज्य के उपहारों का विवरण छिपाना शामिल था। इस मामले में उन्हें तीन साल की जेल हुई थी। इसके साथ ही उनके पांच साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई थी।

इस्‍लामाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि वह इमरान खान मामले में एक विस्‍तृत फैसला बाद में जारी करेगी। इस्‍लामाबाद हाईकोर्ट का फैसला इमरान खान के लिए बड़ी कानूनी जीत है। तोशाखाना मामले में दोषी पाए जाने के बाद इमरान खान के चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई थी। पाकिस्‍तान में इस साल के आखिर या अगले साल की शुरुआत में आम चुनाव होने वाले हैं। सेना की कोशिश है कि किसी तरह से इमरान खान को इस चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा जाए लेकिन इमरान खान एक बार फिर से मजबूत साबित हुए हैं। इससे पहले अमेरिका ने भी इमरान खान के पक्ष में आवाज बुलंद की थी।

यहां पर बता दें क तोशाखाना मामले में पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्‍लामाबाद की निचली अदालत ने 5 अगस्त को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष को दोषी ठहराते हुए तीन साल जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद से ही वह पंजाब प्रांत की कटक जेल में हैं।हालांकि, इसके बाद इमरान ने अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की। उन्होंने मामले को वापस ट्रायल कोर्ट के जज के पास भेजने के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था, जिसने उन्हें दोषी ठहराया था।

जेल में जाने के साथ ही पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने सजा के इस फैसले को लेकर इस्‍लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। आरोप है कि इमरान खान ने वर्फ 2018 से 2022 के बीच उन्‍होंने और उनके परिवार ने प्रधानमंत्री के तौर पर मिले उपहारों को अवैध तरीके से बेच दिया था। इस मामले में सजा सुनाने के साथ ही इमरान खान को आगामी चुनाव लड़ने से रोकते हुए पांच साल के लिए राजनीति से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।पिछले हफ्ते, सुप्रीम कोर्ट ने इमरान की सजा में ‘प्रक्रियात्मक दोष’ को स्वीकार किया था, लेकिन उनकी याचिका पर हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करने का विकल्प चुना था। हालांकि, अदालत की टिप्पणियों से पाकिस्तान बार काउंसिल नाराज हो गया। काउंसिल का कहना था कि अधीनस्थ न्यायपालिका के समक्ष लंबित मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

एक दिन पहले, ईसीपी के वकील अमजद परवेज ने अपनी दलीलें पूरी कीं और अदालत से मामले में प्रतिवादी बनाने के लिए राज्य को नोटिस जारी करने का आग्रह किया। वहीं, इमरान के वकील लतीफ खोसा ने कहा कि उन्हें परवेज की याचिका पर कोई आपत्ति नहीं है।बता दें, पूर्व पीएम इमरान खान की कानूनी टीम ने आज हाई कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है। इस याचिका में अधिकारियों को पांच अगस्त के बाद इमरान के खिलाफ दायर किसी भी मामले में उनको गिरफ्तार करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।

इससे पहले तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की खंड पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। खंड पीठ ने बाद में कहा था कि फैसला मंगलवार को सुनाया जाएगा। अब अपने फैसले में हाईकोर्ट ने इमरान खान को राहत दी है। इस्लामाबाद की एक सत्र अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के 70 वर्षीय अध्यक्ष इमरान खान को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में पांच अगस्त को तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी।

क्रिकेटर से नेता बने इमरान को 2018 से 2022 के बीच उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्हें और उनके परिवार को मिले राजकीय उपहारों को गैरकानूनी रूप से बेचने के आरोप में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई गई थी। पीटीआई प्रमुख पर अगले पांच साल तक राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने पर भी रोक लगा दी गई, जिससे वह आगामी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इमरान ने निचली अदालत के फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

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