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G-20 Summit में शामिल नहीं होंगे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन,भारत नहीं आने की जानिए वज़ह


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नई दिल्ली :अगले महीने यानी सितंबर में भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में G-20 समिट की बैठक होनी है. इस दौरान कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और संगठनों के प्रमुख दिल्ली में आएंगे. चर्चा हो रही थी कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी दिल्ली में होने वाली G-20 समिट की बैठक में हिस्सा ले सकते हैं. हालांकि रूस ने इन कयासों को पूरी तरह साफ कर दिया है और कहा है कि पुतिन भारत में होने वाली G-20 समिट की बैठक में शामिल नहीं होंगे.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव का कहना है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत में होने वाली G-20 समिट की बैठक में शामिल होने की कोई योजना नहीं है. ये बैठक सितंबर में दिल्ली में होनी थी और इसमें स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन पर चर्चा होनी थी.रूस के राष्ट्रपति पुतिन हाल ही में साउथ अफ्रीक में हुई BRICS सम्मेलन की बैठक में भी व्यक्तिगत तौर पर शामिल नहीं हुए थे. पुतिन ने BRICS बिजनेस फोरम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया था. BRICS बैठक में पुतिन की जगह विदेश मंत्री सरजई लावरोव साउथ अफ्रीका पहुंचे थे.

दरअसल राष्ट्रपति पुतिन रूस और यूक्रेन के युद्ध के आगाज के बाद से किसी भी ऐसे अंतरराष्ट्रीय संगठन के मंच पर व्यक्तिगत तौर पर नहीं पहुंचे हैं. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने पुतिन के खिलाफ यूक्रेन में युद्ध अपराधों के तहत गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. रूस ने ICC के इस फैसले पर सख्ती से विरोध भी जताया है. बताया जाता है कि इस वारंट के बाद अगर पुतिन किसी अन्य देश की यात्रा करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है.

वहीं पुतिन के विरोधी माने जाने वाली वैगनर ग्रुप के प्रिगोजिन वैगनर की भी एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई है. ऐसे में ये माना जा रहा है कि वैगनर के 25 हजार से ज्यादा समर्थक हमले की तैयारी में हैं. पुतिन पर भी ये हमला हो सकता है. ऐसे G-20 बैठक में शामिल न होने की एक वजह पुतिन की सुरक्षा को भी माना जा रहा है.इन्हीं संभावनाओं के बीच रूस की तरफ से ये साफ कर दिया गया है कि राष्ट्रपति पुतिन अगले महीने भारत में होने वाली G-20 समिट की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे. भारत इस बार G-20 समिट की अध्यक्षता कर रहा है. इस दौरान देश के अलग-अलग शहरों में G-20 समिट की अलग-अलग बैठकें आयोजित की गई हैं. अब राजधानी दिल्ली में 8, 9 और 10 सितंबर को G-20 की बैठक होनी है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत में होने वाले G-20 देशों की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। जानकारी के मुताबिक, पुतिन G-20 समिट में शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव G-20 समिट में हिस्सा लेने नई दिल्ली पहुंचेंगे। दरअसल, 8 से 10 सितंबर के बीच नई दिल्ली में G-20 समिट का आयोजन होना है। G-20 में सदस्य देश इसमें हिस्सा लेने के लिए भारत आएंगे।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भारत का दौरा करेंगे। जो बाइडन इस यात्रा के दौरान कई देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। बता दें कि हाल ही में संपन्न हुई ब्रिक्स देशों की समिट में भी राष्ट्रपति पुतिन ने हिस्सा नहीं लिया था। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ब्रिक्स समूह को संबोधित किया था।

पेसकोव ने कहा कि पुतिन की भागीदारी का प्रारूप बाद में निर्धारित किया जाएगा। जोहानिसबर्ग में हाल ही में समाप्त हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पुतिन व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हुए। उनका प्रतिनिधित्व रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने किया। राष्ट्रपति पुतिन ने कोविड-19 के बाद हुए पहले प्रत्यक्ष ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग न लेने का फैसला किया क्योंकि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत (आईसीसी) ने यूक्रेनी बच्चों को रूस में निर्वासित करने की एक कथित योजना को लेकर मार्च में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। दक्षिण अफ्रीका आईसीसी से जुड़ा हस्ताक्षरकर्ता है और आशंका थी कि वह पुतिन के आने पर उनकी गिरफ्तारी कराने में मदद करता।

वहीं, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने शुक्रवार को दो दिवसीय G20 शिखर सम्मेलन के दौरान लोगों को लुटियंस दिल्ली में आवाजाही के लिए मेट्रो का इस्तेमाल करने की शुक्रवार को सलाह दी । सम्मेलन के मद्देनजर इस इलाके में बसों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। प्रतिबंध का यह आदेश सात सितंबर की मध्यरात्रि से 10 सितंबर की मध्यरात्रि तक लागू रहेगा।बताते चलें कि राजधानी दिल्ली में 8-10 सितंबर के बीच G20 समिट का आयोजन किया जाएगा। इसमें अमेरिका, यूरोपीय देश, जापान, चीन समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शिरकत करेंगे। G20 के आोयजन को देखते हुए दिल्ली और केंद्र सरकार ने सभी ऑफिस और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद करने का निर्णय लिया है। दिल्ली में 8 से 10 सितंबर के बीच स्कूल, कॉलेज और ऑफिस सभी बंद रहेंगे। दिल्ली सरकार की ओर से गुरूवार यानी 24 अगस्त को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल सीपी एस एस यादव ने कहा कि दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर एक वर्चुअल हेल्पडेस्क की शुरुआत की जाएगी जिसमें उपलब्ध यातायात और स्वास्थ्य सुविधाओं को सूचीबद्ध किया जाएगा। उन्होंने कहा,”एंबुलेंस या आवश्यक सेवाओं की आवाजाही पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, नई दिल्ली क्षेत्र में बसों के संचालन पर प्रतिबंध रहेगा लेकिन दिल्ली मेट्रो पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। जनता को सलाह दी जाती है कि वे अपने गंतव्य तक आने-जाने के लिए मेट्रो का उपयोग करें।”

नई दिल्ली में यातायात पुलिस उपायुक्त आलाप पटेल ने बताया कि लुटियंस दिल्ली में रहने वाले या जिन पर्यटकों की होटलों में बुकिंग है, वे ऑटो रिक्शा और टैक्सियों से यात्रा कर सकते हैं। उन्होंने कहा,”दिल्ली हवाईअड्डे से लुटियंस दिल्ली आ रहे लोगों को पहचान पत्रों के उचित सत्यापन के बाद ही प्रवेुतिन व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हुए। उनका प्रतिनिधित्व रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने किया। राष्ट्रपति पुतिन ने कोविड-19 के बाद हुए पहले प्रत्यक्ष ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग न लेने का फैसला किया क्योंकि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत (आईसीसी) ने यूक्रेनी बच्चों को रूस में निर्वासित करने की एक कथित योजना को लेकर मार्च में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। दक्षिण अफ्रीका आईसीसी से जुड़ा हस्ताक्षरकर्ता है और आशंका थी कि वह पुतिन के आने पर उनकी गिरफ्तारी कराने में मदद करता।

बताते चलें कि राजधानी दिल्ली में 8-10 सितंबर के बीच G20 समिट का आयोजन किया जाएगा। इसमें अमेरिका, यूरोपीय देश, जापान, चीन समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शिरकत करेंगे। G20 के आोयजन को देखते हुए दिल्ली और केंद्र सरकार ने सभी ऑफिस और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद करने का निर्णय लिया है। दिल्ली में 8 से 10 सितंबर के बीच स्कूल, कॉलेज और ऑफिस सभी बंद रहेंगे। दिल्ली सरकार की ओर से गुरूवार यानी 24 अगस्त को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि अंतरराज्यीय बसों को जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी लेकिन उनका अंतिम ठहराव अंतर-राज्यीय बस अड्डे पर नहीं होगा। पटेल ने कहा,”एंबुलेंस सहायता सेवा के लिए लोग 6828400604 पर कॉल कर सकते हैं। यह सेवा सात सितंबर की रात से शुरू की जाएगी।” अधिकारियों के अनुसार, राजधानी के प्रगति मैदान के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में नौ और 10 सितंबर को आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन के दौरान शहर में निर्बाध यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 10,000 पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे।

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