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गुजरात यूनिवर्सिटी मानहानि केस :बढ़ सकती है सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें,याचिका SC में खारिज


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मुंबई – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री विवाद से जुड़े गुजरात यूनिवर्सिटी मानहानि केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (25 अगस्त) को मना कर दिया. कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को गुजरात यूनिवर्सिटी मानहानि केस में बड़ा झटका लगा है। समन आर्डर पर हाई कोर्ट के राहत नहीं देने पर केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को राहत देने से इनकार कर दिया।

PM मोदी डिग्री केस से जुड़े गुजरात यूनिवर्सिटी आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने निचली अदालत में पेशी से रोक नहीं लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने समन पर रोक लगाने से इंकार करते हुए कहा कि मामला गुजरात हाईकोर्ट में लंबित है इसलिए हम इस मामले में दखल नहीं देंगे. हाईकोर्ट इस मामले में जल्द फैसला दे. जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि आरोपी कठघरे में खड़े हों और अपनी बात कहें.कोर्ट ने कहा कि आपकी रिवीजन याचिका हाई कोर्ट में लंबित है. ऐसे में यहां सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है. मामले में केजरीवाल को निचली अदालत ने समन जारी किया है. दरअसल यूनिवर्सिटी ने अपने खिलाफ बयान को लेकर केजरीवाल के खिलाफ मानहानि केस किया है.

बता दें कि गुजरात यूनिवर्सिटी आपराधिक मानहानि केस में अरविंद केजरीवाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस SVN भट्टी की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की. गुजरात हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. केजरीवाल ने गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत की कार्यवाही पर उनके पुनरीक्षण के निपटाए जाने तक अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी. अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि समन ऑर्डर सही नहीं था. सिंघवी – हमने समन ऑर्डर को सेशन में चुनौती दी थी इसी बीच निचली अदालत ने 31 अगस्त की तारीख सुनवाई के लिए तय कर दी.

क्या दलील दी?
कोर्ट में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने दलील दी कि हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने से गलत तरीके से इनकार कर दिया है. वहीं गुजरात यूनिवर्सिटी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल ने तथ्यों को दबाया है.गुजरात यूनिवर्सिटी की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वे अदालत को गुमराह कर रहे हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर फैसला दे. गुजरात हाईकोर्ट में इस मामले पर 29 अगस्त को सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करने से मना किया.

गुजरात हाई कोर्ट ने याचिका खारिज की थी
गुजरात हाई कोर्ट ने 11 अगस्त को पीएम मोदी की डिग्री पर टिप्पणी के संबंध में गुजरात विश्वविद्यालय की दायर आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने के अनुरोध वाली आप नेता अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह की याचिका खारिज कर दी थी.

बता दें कि 31 मार्च को गुजरात हाई कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के 2016 के आदेश को रद्द कर दिया था. इसमें गुजरात विश्वविद्यालय को केजरीवाल को पीएम मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया गया था. कोर्ट ने कहा था कि केजरीवाल की आरटीआई याचिका राजनीतिक रूप से प्रेरित दिखती है.

हाई कोर्ट से अगर राहत नहीं मिली तो इस मामले केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती है। केजरीवाल और संजय सिंह को अहमदाबाद की मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने मानहानि केस में समन जारी किया था। दोनों नेताओं ने कुछ कारणों का हवाला देकर व्यक्तिगत पेशी से छूट ले ली थी। मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में गुजरात यूनिवर्सिटी ने पिछली सुनवाई में वारंट जारी करने की मांग की थी। कोर्ट ने 31 अगस्त की तारीख सुनवाई के लिए निर्धारित की है। इस मामले में अरविंद केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी आरोपी हैं।

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