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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसजेंडर्स के लिए बनेंगे टॉयलेट,दो साल पहले इस वकील ने दिया था Idea


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नई दिल्ली : राजधानी के रूप में दो राज्यों हरियाणा और पंजाब को जोड़ते सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ से एक अच्छी खबर आई है। यहां स्थित उच्च न्यायालय परिसर में दोनों राज्यों से आने वाले वादियों-प्रतिवादियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पांच नए शौचालय बनाए जाएंगे। हालांकि एक और बड़ी बात यह है कि ये शौचालय सिर्फ ट्रांसजेंडर्स ही इस्तेमाल कर सकेंगे। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने यह सराहनीय कदम चर्चित वकील मनिंदरजीत सिंह के सुझाव पर संज्ञान लेते हुए उठाया है।

बता देना जरूरी है कि वर्ष 2021 में एडवोकेट मनिंदरजीत सिंह के मन में ट्रांसजेंडरों के लिए अलग शौचालय की जरूरत का एक अनमोल विचार आया। 2022 में उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के साथ इस संबंध में पत्रों के माध्यम से संवाद करना शुरू कर दिया। अप्रैल में 2023 में इस पर गौर फरमाते हुए सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सबसे पहले अपने यहां यानि सर्वोच्च न्यायालय परिसर में लिंग-तटस्थ शौचालय (Rest Roo For Trans Genders) बनवाने का निर्णय किया।उनके इस पत्राचार पर न केवल उच्च न्यायालय बल्कि देश भर के सभी न्यायिक प्रतिष्ठानों में ट्रांसजेंडरों के लिए सुविधाएं जुटाने की मुहिम की पहल की गई।

इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को एक निर्देश जारी किया, जिसमें विशेष रूप से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राज्य भर में ऐसे सार्वजनिक शौचालयों की वकालत करने वाली एक याचिका पर प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया गया। इसी तरह, गुजरात उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक जनहित याचिका (पीआईएल) के जवाब में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को नोटिस जारी किया। इस जनहित याचिका में गुजरात राज्य में ट्रांसजेंडरों के लिए अलग शौचालय सुविधाओं का प्रावधान करने की मांग की गई थी। बरहाल, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में इस पहल से ट्रांसजेंडरों को सुविधा मिलनी शुरू हो गई है।

इसके बाद उन्होंने देश के सभी न्यायिक प्रतिष्ठानों में ट्रांसजेंडर्स की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए शौचालय निर्माण का आदेश जारी किया है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने परिसर में ट्रांसजेंडर्स के लिए शौचालय बनवाने का निर्णय लिया है। यहां जल्द ही पांच विशेष शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा।पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सकारात्मक कदम उठाते हुए न्यायालय परिसर में ट्रांसजेंडरों के लिए अलग शौचालय का प्रावधान कर दिया है। हाईकोर्ट परिसर में ट्रांसजेंडरों के लिए कुल पांच शौचालय चिह्नित किए गए हैं।

उधर, इस मामले में एक और उल्लेखनीय पहलू यह भी है कि इससे चेन्नई हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश जारी करके पूरे राज्य में ट्रांसजेंडर्स के लिए सार्वजनिक शौचालयों की वकालत करने वाली एक याचिका पर प्रतिक्रिया दी है। वहीं हाल ही में गुजरात हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों के साथ-साथ केंद्र सरकार को एक जनहित याचिका (PIL) के जवाब में नोटिस जारी किया है। इस याचिका में गुजरात राज्य में ट्रांसजेंडरों के लिए अलग शौचालय सुविधाओं का प्रावधान करने की मांग की गई थी। बरहाल, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में इस पहल से ट्रांसजेंडर्स को सुविधा मिलनी शुरू हो चुकी है। अब अगला कदम दोनों राज्यों की दूसरी अदालतों में यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उठाया जा रहा है।

अप्रैल में 2023 में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के भीतर लिंग-तटस्थ शौचालय (जेंडर न्यूट्रल रेस्टरूम) की स्थापना का समर्थन किया। इस निर्णय के कारण सुप्रीम कोर्ट के मुख्य भवन और पूरक भवन परिसर के विभिन्न खंडों में ट्रांसजेंडरों के लिए नौ सुलभ शौचालयों का निर्माण किया गया।

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