x
भारत

PM Modi ने देश का पहला एलिवेटेड एक्सप्रेसवे का किया लोकार्पण,जानें द्वारका एक्सप्रेसवे की खासियत


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्लीः PM Modi ने Dwarka Expressway का उद्घाटन किया है। इसके शुरू होने से दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यात्रा आसान हो जाएगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा विकसित 29 किलोमीटर 16-लेन एक्सप्रेसवे अगले साल तक पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है। एक्सप्रेसवे का लगभग 19 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में पड़ता है जबकि बाकी 10 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में है। एक्सप्रेसवे को हरियाणा वाले हिस्से में नार्दर्न पेरीफेरल रोड कहते हैं। इसे भारत में पहले एलिवेटेड शहरी एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित किया गया है। लोग अब दिल्ली से गुरुग्राम का सफर मात्र 25 मिनट में पूरा कर सकेंगे।

PM Modi ने देश का पहला एलिवेटेड एक्सप्रेसवे का किया लोकार्पण

पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में 112 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के बीच शहरी विस्तार रोड- II या दिल्ली के चारों ओर नई रिंग रोड, लखनऊ रिंग रोड, चंडीगढ़ और मनाली को जोड़ने वाले एनएच -21 के किरतपुर से नेरचौक खंड सहित कई अन्य परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी है। ये कार्यक्रम आज गुरुग्राम में आयोजित किया गया था। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और गुरुग्राम पुलिस ने इसको लेकर नियमित यात्रियों के लिए सड़कों पर ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की है।

29 किलोमीटर लंबा

द्वारका एक्सप्रेसवे 29 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 19 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में और शेष 10 किलोमीटर लंबा हिस्सा दिल्ली में। एक्सप्रेसवे पर चार बहुस्तरीय इंटरचेंज हैं। प्रमुख जंक्शनों पर सुरंग/अंडरपास, एट-ग्रेड रोड, एलीवेटेड फ्लाईओवर और फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर बने हैं। इनमें भारत की सबसे लंबी (3.6 किलोमीटर) और सबसे चौड़ी (8 लेन) शहरी सड़क सुरंग का निर्माण शामिल है।

Dwarka Expressway से आसान होगी राह

द्वारका एक्सप्रेसवे से दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यात्रा आसान हो जाएगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा विकसित, 29 किलोमीटर 16-लेन एक्सप्रेसवे अगले साल तक पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने कहा है कि द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्देश्य दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर यातायात को कम करना और यात्रियों को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग में मदद करना है।

कहां तक फैला है एक्सप्रेस वे?

द्वारका एक्सप्रेसवे दिल्ली के द्वारका को हरियाणा के गुरुग्राम से जोड़ता है। एक्सप्रेसवे NH-8 या दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर शिव-मूर्ति से शुरू होता है और द्वारका सेक्टर 21, गुरुग्राम सीमा और बसई से होते हुए खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास समाप्त होता है। एक्सप्रेसवे का लगभग 19 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में पड़ता है, जबकि बाकी 10 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में है।एक्सप्रेसवे के आसपास भारी मात्रा में वृक्षारोपण किया गया है। पूरे क्षेत्र 12,000 पेड़ लगाये गए हैं। सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, परियोजना इंजीनियरिंग का शानदार नमूना है। निर्माण में 34 मीटर चौड़ी आठ लेन की एकल पाए वाली सड़क शामिल है।

ये है द्वारका एक्सप्रेस वे की विशेषताएं

  1. 29 किलोमीटर लंबा द्वारका एक्सप्रेसवे – 18.9 किमी (लंबाई के अनुसार) हरियाणा में और शेष 10.1 किमी दिल्ली में – राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर शिव-मूर्ति से शुरू होता है और खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास समाप्त होता है.
  2. एक्सप्रेसवे आईजीआई हवाई अड्डे के पास शिव मूर्ति को खेड़की दौला टोल से जोड़ेगा, जो गुड़गांव से दिल्ली जाने वाले लोगों के लिए एक बेहतर आवागमन विकल्प के तौर पर सहायक रहेगा.
  3. एलिवेटेड आठ-लेन एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेसवे भारत में अपनी तरह का पहला एक्सप्रेसवे है और इसमें सुरंग, अंडरपास, फ्लाईओवर और एलिवेटेड संरचनाएं शामिल हैं.
  4. इसमें 34-मीटर चौड़ी ऊंची सड़क, जिसे 9 किमी की लंबाई में एकल स्तंभों द्वारा समर्थित किया है.
  5. रिपोर्ट में कहा गया है कि 9,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निर्मित, इसे चार भागों में विभाजित किया गया है, जिसमें दो दिल्ली (10.01 किमी) और दो हरियाणा (18.9 किमी) में हैं.
  6. इस परियोजना में पर्याप्त निवेश शामिल है, दिल्ली में पहले चरण की लागत 2,507 करोड़ रुपये, दूसरे चरण की 2,068 करोड़ रुपये, तीसरे चरण की 2,228 करोड़ रुपये और चौथे चरण की लागत 1,859 करोड़ रुपये है.
  7. इसे चार चरणों में तैयार किया गया है, जो विभिन्न खंडों को कवर करती है. इसमें महिपालपुर में शिव मूर्ति से बिजवासन (5.9 किमी), बिजवासन आरओबी से गुड़गांव में दिल्ली-हरियाणा सीमा (4.2 किमी), दिल्ली-हरियाणा सीमा से हरियाणा में बसई आरओबी (10.2 किमी) तक और बसई से खेड़की दौला क्लोवरलीफ़ इंटरचेंज (8.7 किमी) शामिल है.

दिल्ली और हरियाणा के किन इलाकों को जोड़ेगा द्वारका एक्सप्रेसवे?

द्वारका एक्सप्रेसवे 8 लेन का 29 किलोमीटर का एक एलिवेटेड एक्सप्रेसवे है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर दिल्ली के महिपालपुर स्थित शिव मूर्ति से हरियाणा के गुरुग्राम स्थित खेड़की दौला टोल प्लाजा तक जाएगा। इसका 10.1 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में है, जबकि 18.9 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में है। इसके 4 खंडे में बनाया जा रहा है, जिसमें से 2 दिल्ली में हैं और 2 हरियाणा में हैं। आज हरियाणा वाले खंडों का उद्घाटन हुआ है। इसमें 3 सर्विस रोड भी हैं।

दिल्ली और हरियाणा में कौन-कौन से खंड?

एक्सप्रेसवे के शिव मूर्ति से बिजवासन (5.9 किलोमीटर) और बिजवासन से दिल्ली-गुरुग्राम सीमा (4.2) खंड दिल्ली में हैं। दिल्ली-गुरुग्राम सीमा से बसई रेल-ओवर-ब्रिज (ROB) (10.2 किलोमीटर) और बसई ROB से खेड़की दौला प्लाजा (8.7 किलोमीटर) खंड हरिय

क्सप्रेसवे की लागत और खासियत

द्वारका एक्सप्रेसवे को लगभग 9,000 करोड़ रुपये की लागत में बनाया जा रहा है। इसमें से लगभग 4,100 करोड़ रुपये इसके हरियाणा खंड पर खर्च हुए हैं, जबकि बाकी लगभग दिल्ली खंड पर खर्च हुए हैं। ये भारतमाला परियोजना का एक अहम हिस्सा है, जो मोदी सरकार की प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना है। इसकी खासियत की बात करें तो ये देश का पहला एलिवेटेड एक्सप्रेसवे है, जो एकल खंभों पर बना है। इसकी चौड़ाई 34 किलोमीटर तक है।

एक्सप्रेसवे की इंजीनियरिंग ने एफिल टॉवर और बुर्ज खलीफा को दी मात

द्वारका एक्सप्रेसवे की इंजीनियरिंग में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि ये है कि इसे 2 लाख मीट्रिक टन स्टील से तैयार किया गया है, जो फ्रांस के एफिल टॉवर की तुलना में 30 गुना अधिक है। इसके अलावा इसमें 20 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट कंक्रीट लगा है, जो दुबई की बुर्ज खलीफा इमारत की तुलना में 6 गुना अधिक है। इसके अलावा यहां टोल कलेक्‍शन स‍िस्‍टम पूरी तरह ऑटोमेट‍िक है और एक्‍सप्रेसवे सुरक्षा मानकों पर पूरी तरह खरा उतरा है।

एक्सप्रेसवे परियोजना से जुड़ी टीम ने किए कई प्रयोग

इस परियोजना से जुड़ी टीम ने कई इंजीनियरिंग और निर्माण चुनौतियों का सामना करने के बावजूद समस्याओं से निपटने के लिए कई नए और अभिनव प्रयोग किए हैं। उदाहरण के लिए, परियोजना टीम ने ट्रैफिक और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक्सप्रेसवे के दोनों ओर सर्विस लेन पर प्रवेश बिंदु बनाए हैं। इसके अलावा एक्सप्रेसवे इसलिए भी अनोखा है क्योंकि यह भारत की पहली परियोजना है, जहां 1,200 पेड़ों को दोबारा लगाया गया है।

द्वारका एक्सप्रेसवे से क्या फायदा होगा?

द्वारका एक्सप्रेसवे से दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यात्रा काफी आसान हो जाएगी। यात्री द्वारका से गुरुग्राम स्थित मानेसर तक केवल 15 मिनट और मानेसर से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक 20 मिनट में यात्रा कर सकेंगे। इसके साथ ही सिंघु बॉर्डर से द्वारका और मानेसर तक यात्रा का समय क्रमशः 25 मिनट और 45 मिनट हो जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग-48 से दिल्ली-गुरुग्राम के बीच सफर करने वाले लगभग 9,000 यात्रियों को भी लगभग 20 मिनट की बचत होगी।

एक्सप्रेसवे की लागत पर क्या विवाद है?

भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (CAG) ने अपनी एक रिपोर्ट में द्वारका एक्सप्रेसवे की लागत पर सवाल उठाए थे। उसने कहा कि इसके निर्माण के लिए केंद्रीय समिति ने 18.20 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की दर से बजट आवंटित किया था, लेकिन सड़क मंत्रालय ने बिना अनुमति 250.77 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की दर से राशि को मंजूरी दे दी। इसका मतलब इसकी लागत स्वीकृत लागत से 14 गुना अधिक रही। उसने एलिवेटेड रोड के निर्माण को इसका कारण बताया।

Back to top button