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चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट के गंभीर संकेत!


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नई दिल्लीः चीन लगभग 25 सालों से लगातार विकास और गतिशीलता का पर्याय बना हुआ है। 1.4 बिलियन की आबादी वाला चीन दुनियाभर में अपने सामानों का डंका बजवा रहा है। चीन के लोग वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक अटूट इंजन की तरह काम कर रहे हैं। मगर अब चीन का अटूट इंजन खराब हो रहा है जिससे चीनी परिवारों और दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के लिए जोखिम पैदा हो रहा है।

चीन लगभग 25 सालों से लगातार विकास और गतिशीलता का पर्याय बना हुआ है। 1.4 बिलियन की आबादी वाला चीन दुनियाभर में अपने सामानों का डंका बजवा रहा है। चीन के लोग वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक अटूट इंजन की तरह काम कर रहे हैं।मगर, अब चीन का वह अटूट इंजन खराब हो रहा है, जिससे चीनी परिवारों और दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के लिए खतरनाक जोखिम पैदा हो रहा है। लंबे समय से वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु रहे चीन में सबकुछ ठीक नहीं चल रही है। हाल के हफ्तों में कई घटनाक्रमों से ये जोखिम और बढ़ गया है।

लगभग तीन हफ्ते पहले चीन के नेता शी जिनपिंग की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी. बैठक में अधिकारियों ने स्वीकार किया कि चीन की अर्थव्यवस्था “नई कठिनाइयों और चुनौतियों” का सामना कर रही है. शिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक अधिकारियों ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का वादा किया था. लेकिन वो फेल हो रहे हैं.एक साल पहले कंट्री गार्डन रियल एस्टेट कंपनियों की एक मॉडल कंपनी मानी जाती थी. कंपनी ने लापरवाही करना शुरू किया और बिलों का भुगतान बंद कर दिया. 1992 में यांग गुओकियांग ने कंट्री गार्डन की स्थापना की थी. इसे दुनिया का सबसे बड़े रियल एस्टेट बूम माना जाता था. इसकी सफलता ने यांग को अरबपति में बना दिया. कंपनी देश की तरक्की के लिए नजीर बन गई.

चीनी लोगों के पास पैसा बनाने के लिए विश्वसनीय विकल्प बनें, उन्होंने अचल संपत्ति में अपनी आय और बचत का निवेश किया. कई बड़े निजी डेवलपर्स की तरह कंट्री गार्डन ने उधार लेना जारी रखा और अपने कर्ज का भुगतान करने के लिए खूब उधार लिया. बिल बहुत बड़े होने लगे. अधिकारियों को डर लगने लगा कि कंपनी का कर्ज देश के पूरे वित्तीय प्रणाली को खतरे में डाल देगा..कोविड प्रतिबंधों के हटने के बाद साल की शुरुआत में अर्थव्यवस्था में तेजी भी आई थी लेकिन चीन की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है. आर्थिक दिक्कतें घरेलू मांग में कमी और कई वजहें चीन को ‘गंभीर’ वैश्विक अर्थव्यवस्था वाला देश बना रहे हैं.

हांगकांग में कारोबार करने वाले चीनी शेयरों का एक सूचकांक इस महीने 9 प्रतिशत से ज्यादा गिर गया है. बड़ी शेयर मार्केट कंपनियां जैसे बेंचमार्क, हैंग सेंग इंडेक्स निचले पायदान पर हैं. इसके सदस्यों में चीन की रियल एस्टेट कंपनी कंट्री गार्डन भी शामिल है, जिसने इस महीने अपनी आधी वैल्यू गंवा दी है. निवेश बैंक नोमुरा के विश्लेषकों ने एक रिपोर्ट में लिखा, “चीनी अर्थव्यवस्था अभी तक आने वाले सबसे खराब दौर का सामना कर सकती है.सबसे पहले खबर आई कि चीन की अर्थव्यवस्था मार्च में काफी धीमी हो गई है, जिससे कड़े कोविड प्रतिबंध हटने के बाद ड्रैगन की मजबूत विस्तार की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। एक नए डेटा से पता चलता है कि चीन के निर्यात में लगातार तीन महीनों में गिरावट दर्ज की गई है, जबकि आयात में लगातार पांच महीनों तक गिरावट दर्ज की गई है। यह चीन में कमजोर संभावनाओं का एक और संकेत है।

फिर खबर आई कि खाने से लेकर अपार्टमेंट जैसी कई सामानों की कीमतें गिर गई हैं, जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि चीन तथाकथित अपस्फीति (Deflation) के कगार पर हो सकता है। इसके अलावा चीन में कीमतों में लगातार गिरावट हो सकती है, जो कमजोर वाणिज्यिक गतिविधि की पहचान है।चीन के हाउसिंग मार्केट तेजी से संकट गहरा रहा है, इसके संकेत में वित्त, निर्माण और घरेलू पैसे में बंटवारा हो गया है। कंट्री गार्डन नाम के एक प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर ने अपने बॉड पर भुगतान करने में चूक कर दी और एक अनुमान के मुताबिक उसो साल की पहली छमाही में 7.6 बिलियन डॉलर तक का नुकसान हुआ।

चीनी श्रमिकों और परिवारों के लिए, इन घटनाओं ने परेशानी बढ़ा दी। दुनिया भर में कमजोर होती चीनी अर्थव्यवस्था ने विश्व के प्रमुख सामानों की मांग में कमी का संकेत दिया है। जैसे चीन में सामानों की मांग की कमी के कारण ब्राजील में सोयाबीन, अमेरिका में मांस से लेकर, इटली में बनी लग्जरी सामानों सहित तेल, खनिज और उद्योग के अन्य निर्माण क्षेत्रों में कम रुचि पैदा हुई है।ऑस्ट्रेलियाई वित्तीय सेवा फर्म मैक्वेरी के हांगकांग में मौजूद चीन के मुख्य अर्थशास्त्री लैरी हू के मुताबिक, “चीन में आई मंदी निश्चित रूप से पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर असर डालने वाली है क्योंकि चीन अब दुनिया में नंबर 1 कमोडिटी उपभोक्ता है। इसका प्रभाव बहुत बड़ा होने वाला है।”

चीन ने आर्थिक आंकड़ों को लेकर एक रिपोर्ट पेश की है, जो देश के अधिकारियों को परेशान करने लगा है. इस रिपोर्ट के मुताबिक उपभोक्ताओं और व्यापार भुगतान की कीमतें लगातार गिर रही हैं. जुलाई में खुदरा बिक्री और औद्योगिक उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज की गई. रियल एस्टेट में निवेश लगातार गिर रहा है. नतीजतन शेयर बाजार में भी गिरावट दर्ज की गई है

चीन की गिरती अर्थव्यवस्था की वजह से चिंता और बढ़ने वाली है क्योंकि चीनी अधिकारियों के पास अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करने के सीमित विकल्प हैं। दरअसल, चीन के बढ़ते कर्ज का अनुमान राष्ट्रीय उत्पादन का 282 फीसदी हो गया है, जो अमेरिका से भी ज्यादा है।चीन की सरकार ने उपभोक्ताओं को खर्च करने और व्यवसायों के लिए देश में निवेश के लिए व्यय कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है। लेकिन इसकी रुपरेखा अस्पष्ट है, जबकि चीन की स्थानीय सरकारों के बीच यह धारणा बन रही है कि सरकारें बिल में फंस जाएंगी, क्योंकि स्थानीय सरकारें ऋण संकट को लेकर चिंता में हैं। उन्होंने सड़कों, पुलों औद्योगिक पार्कों के निर्माण के वित्तपोषण के लिए सालों तक आक्रामक रूप से पैसे उधार लिए हैं।

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