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पाकिस्तान का तालिबान प्रेम फिर से आया सामने कहा : दुनिया की हमें परवाह नहीं, जारी रहेगी मदद


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नई दिल्ली – काबुल पर अगस्त में तालिबान के कब्जे के बाद से पाकिस्तान लगातार नई तालिबान सरकार को मान्यता देने की पैरोकारी कर रहा है. इसके साथ ही अफगानिस्तान को मानवीय आधार पर मदद की बात भी उठा रहा है. यही नहीं, तालिबान सरकार को आर्थिक स्तर पर दिवालिया होने से बचाने के लिए विकास के मदद में भी आर्थिक मदद मुहैया कराने की बात कर रहा है. इस लिहाज से देखें तो तालिबान राज की वापसी के साथ ही पाकिस्तान की विदेश नीति ही अफगानिस्तान और उस पर तालिबान राज पर केंद्रित होकर रह गई है.

तालिबान राज में महिलाओं और बच्चों के मानवाधिकारों के हनन और तालिबान लड़ाकू की क्रूरता के बीच वैश्विक समुदाय में नए सिरे से तालिबान पर प्रतिबंध की आवाजें उठने लगी हैं. कुछ देश तो पाकिस्तान पर भी प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं, क्योंकि इमरान सरकार खुलकर तालिबान राज की तरफदारी कर रही है. ऐसे में इमरान के ही एक करीबी और गृह मंत्री शेख रशीद ने बेलौस अंदाज में अफगानिस्तान में तालिबान राज की मदद की बात दोहराई है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि तालिबान शासित अफगानिस्तान हमारा भाई और हम दुनिया की परवाह किए बगैर अपने पड़ोसी की मदद जारी रखेंगे. शेख रशीद का खुला बयान तब आया है जब अमेरिका लगातार इमरान सरकार पर दबाव बनाए हुए कि जब तक शेष दुनिया तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देती तब तक पाकिस्तान भी इंतजार करे.

वॉशिंगटन के कूटनीतिक सूत्रों के हवाले से पता चला है कि बाइडन प्रशासन पाकिस्तान से बातचीत में चार प्रमुख मुद्दों पर ही ध्यान केंद्रित कर रहा है. काबुल में तालिबान सरकार को मान्यता, अफगानिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध, अफगानिस्तान तक पहुंच और आतंकवाद रोधी सहयोग इसमें प्रमुख है. यही नहीं, अमेरिका नहीं चाहता है कि पाकिस्तान अन्य देशों से पहले तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दे. इसके बजाय अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान तालिबान सरकार को विवादास्पद मसलों पर अपना रवैया लचीला बनाने के लिए दबाव डाले. इसमें समावेशी सरकार का गठन, मानवाधिकार, लड़कियों की शिक्षा औऱ महिलाओं को काम करने का अधिकार अहम है. इन मसलों पर खुलकर राय देने के बजाय पाकिस्तान की इमरान सरकार तालिबान की करतूतों पर पर्दा डालने का ही प्रयास कर रही है. अफगानिस्तान में तालिबान सरकार पर दबाव बनाने के लिए अमेरिकी कदमों पर है. फिर भी शेख रशीद ने दुनिया की परवाह किए बगैर अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की मदद की बात तब कही है, जब अमेरिकी डिप्टी सेक्रेटरी वैंडी शरमन के नेतृत्व में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद दौरे पर है.

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