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चीन ने अमेरिका के खुफिया जासूस को गिरफ्तार करने का किया दावा,जानें पूरा मामला


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नई दिल्लीः चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर उसकी जासूसी कराने का आरोप लगाया है। चीन ने कहा है कि उन्होंने 52 साल के जेंग नाम के व्यक्ति को पकड़ा है जो अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA को चीन की मिलिट्री से जुड़ी अहम जानकारी दे रहा था।इसके बदले उसे काफी पैसा दिया जा रहा था। CIA ने जेंग को अमेरिका की नागरिकता दिलाने का भी लालच दिया था। चीन की स्टेट सिक्योरिटी के मुताबिक CIA ने उसे इटली से हायर किया था। जेंग ने जासूसी के लिए CIA से एग्रीमेंट साइन किया था।

चीन ने हाल ही में अमेरिका के लिए जासूसी करने के आरोप में एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया है, जिस पर इटली में अमेरिकी अधिकारी से कनेक्शन होने का शक है.चीन के स्टेट मीडिया CCTV के मुताबिक जेंग पढ़ाई के लिए रोम गया था। जहां उसे CIA के एजेंट ने अप्रोच किया। ये इटली में अमेरिकी एम्बेसी का अधिकारी बताया जा रहा है। उसने डिनर और ओपेरा में साथ जाकर जेंग से दोस्ती बढ़ाई। इसके बाद जेंग को चीन की खुफिया जानकारी देने के लिए मनाया। इस अधिकारी का नाम सेठ बताया जा रहा है।CCTV के मुताबिक रोम में रहते हुए जेंग पूरी तरह से सेठ पर निर्भर हो गया था। इसका फायदा उठाते हुए उसने जेंग में पश्चिमी देशों के विचारों से भ्रमित करना शुरू कर दिया। जब दोनों के बीच दोस्ती गहरी होने लगी तो सेठ ने जेंग का बताया कि वो CIA का एजेंट है। फिलहाल जेंग के केस को स्टेट प्रॉसीक्यूटर के पास भेजा गया है।

चीन ने एक चीनी नागरिक को US सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) के लिए काम करने का दोषी पाया है. रॉयटर की रिपोर्ट के मुताबिक जेंग नाम का चीनी व्यक्ति आर्मी टेक्नोलॉजी ग्रुप में काम करता था. उसे एक क्लासिफाइड व्यक्ति माना जाता था, जिसे आगे की शिक्षा के लिए इटली भेजा गया था. वहां उसकी मुलाकात अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी से हुई.चीन का दावा है कि अमेरिका उसे संवेदनशील सैन्य जानकारी देने के बदले पैसे और इमीग्रेशन सेवाएं देने की पेशकश कर रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक ज़ेंग ने अमेरिका के साथ एक जासूसी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. वो इटली से चीन लौटने के पहले जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ट्रेनिंग हासिल की थी. जेंग के खिलाफ जरूरी कदम उठाए गए हैं. हालांकि, इससे जुड़ी और अधिक जानकारी नहीं दी गई है.

चीन ने अमेरिका पर जासूसी कराने का आरोप तब लगाया है, जब पिछले हफ्ते ही 2 अमेरिकी नेवी अफसरों को चीन के लिए काम पर गिरफ्तार किया गया है। इन्होंने अमेरिका की मिलिट्री से जुड़ी जानकारी चीन को दी।एक अफसर का नाम वेनहेंग झाओ है, जिसने करीब साढ़े 12 लाख रुपए के बदले अमेरिकी मिलिट्री से जुड़ी कई संवेदनशील फोटोज और वीडियो बेच दिए थे। वहीं, दूसरे अफसर का नाम जिनचाओ वेई है, जिसने कई हजार डॉलर के बदले नेशनल डिफेंस से जुड़ी जानकारी लीक करने की साजिश रची थी।तस्वीर सैन डिएगो में अमेरिका के नेवल बेस की है, जहां आरोपियों की पोस्टिंग थी।

चीन की स्टेट न्यूज एजेंसी CCTV के रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार (11 अगस्त) को जेंग के बारे में जानकारी दी गई. आपको बता दें कि चीन जासूसी गतिविधियों पर अपनी निगरानी बढ़ा रहा है. इस महीने की शुरुआत में राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने कहा कि देश के नागरिकों को जासूसी विरोधी कार्यों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.इसमें संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए व्यक्तियों के लिए चैनल बनाना चाहिए. उनकी सराहना करनी चाहिए और उचित इनाम देना चाहिए. चीनी मंत्रालय ने कहा कि एक ऐसा सिस्टम तैयार करना चाहिए, जो जनता के लिए जासूसी-विरोधी गतिविधियों में भाग लेना सामान्य बनाए.इसके अलावा बाइडेन सरकार अमेरिकी सेना के नेटवर्क में चीन के एक वायरस को भी ढूंढ रही है। सरकार को डर है कि चीन ने अमेरिका की सेना के पावर ग्रिड, कम्युनिकेशन सिस्टम और वाटर सप्लाई नेटवर्क में एक कम्प्यूटर कोड (वायरस) फिट कर दिया है। जो जंग के दौरान उनके ऑपरेशन को ठप कर सकता है।


न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बाइडेन सरकार को डर है कि चीन का ये कोड न सिर्फ अमेरिका, बल्कि दुनियाभर में मौजूद उनके मिलिट्री बेस के नेटवर्क में हो सकता है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि मिलिट्री के नेटवर्क में चीन का कोड होना किसी टाइम बम के जैसा है। उनका कहना है कि इससे न सिर्फ सेना के ऑपरेशन पर असर पड़ेगा, बल्कि उन घरों और व्यापार पर भी होगा जो सेना के इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हैं।चीन ने पिछले महीने एक जासूसी विरोधी कानून पेश किया है. इसके तहत राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों से संबंधित किसी भी जानकारी को किसी भी शर्तों को परिभाषित किए बिना जानकारी ट्रांसफर करने पर बैन लगा सकता है. नए कानून ने अमेरिका को चिंतित कर दिया.

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