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राज्यसभा से सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक हुआ पास,3 साल तक की सजा और ओटीटी पर भी लगाम


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मुंबई – फिल्‍म इंडस्ट्री में पायरे‍सी की प्रॉब्लम को कंट्रोल करने के लिए सिनेमेटोग्राफ (संशोधन) बिल राज्यसभा में पारित हो गया है। पायरेसी के कारण फिल्‍म उद्योग को होनेवाले नुकसान से बचाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। ‘UA’ सर्टिफिकेट को तीन कैटिगरी ‘यूए7 प्लस’, ‘यूए13 प्लस’ और ‘यूए16 प्लस’ में रखने का प्रावधान है।इस बिल के मुताबिक फिल्म पायरेसी करने वाले को 3 महीने से 3 साल की सजा का प्रावधान है, वहीं जुर्माने के तौर पर 3 लाख रुपये और फिल्म की लागत का 5% वसूला जा सकता है.इस विधेयक में फिल्मों की गैर कानूनी रिकॉर्डिंग एवं उसका प्रदर्शन करने पर दोषियों के खिलाफ जुर्माने व सजा का प्रावधान भी किया गया है। यूनियन इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्टर ( सूचना और प्रसारण मंत्री ) अनुराग सिंह ठाकुर ने इस बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि पायरेसी के कारण फिल्‍म उद्योग को काफी नुकसान होता है और ये विधेयक इससे फिल्‍मों को होने वाले नुकसान से बचाएगा।

कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसे लेकर जानकारी देते हुए बताया था कि पायरेसी भारत के अलावा दुनियाभर में कलाकारों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. अच्छा कंटेंट क्रिएट करने के लिए बहुत बड़ी टीम लगती है, दुर्भाग्य से कई बार पायरेसी के चलते उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता था. फिल्म इंडस्ट्री को इससे करोड़ों का नुकसान होता है. इसी को रोकने के लिए सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक लाया जा रहा है. पायरेसी कैंसर की तरह है और इस कैंसर को जड़ से खत्म करने के लिए हम इस बिल के जरिए एक कोशिश कर रहे हैं। पायरेसी के कारण फिल्म जगत को 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। आज फिल्म इंडस्ट्री की बहुत लंबे समय से आ रही मांग को पूरा करने का काम किया गया है।’

उन्होंने कहा कि इस विधेयक में फिल्म सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को भी आसान करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा, ‘भारत एक ऐसा देश है जहां कहानी सुनाने की प्रथा रही है और भारत के पास वो सबकुछ है जो भारत को दुनिया का कंटेंट हब बना सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘आज विश्व की बड़ी से बड़ी फिल्मों का पोस्ट-प्रॉडक्शन का काम हिंदुस्तान में होता है। एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट, ग्राफिक्स सेक्टर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुल मिलाकर फिल्म जगत को एक बहुत बड़े अवसर के रूप में देखना चाहिए और एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में देखना चाहिए।’इस कानून के बाद किसी भी तरह की पायरेसी पर सख्त सजा का प्रावधान होगा. कोई भी अगर किसी फिल्म को गैरकानूनी तरीके से शूट करता है और सार्वजनिक तौर पर उसे अपलोड करता है, या फिर किसी को दिखाता है तो उसे अपराध माना जाएगा. बिना लाइसेंस फिल्मों को दिखाना भी मुश्किल होगा.

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